जब वॉर 2 भारत ने ऑगस्ट 14, 2024 को सिनेमाघरों में कदम रखा, तो दर्शकों की उम्मीदें आसमान छू रही थीं। ह्रितिक रोशन, जो 10 जनवरी 1974 को मुंबई में जन्मे हैं, ने अपने स्पाई‑यूनिवर्स के फेज‑डि‑फेस्ट में फिर से एक्शन का जलवा दिखाने का वादा किया था।
साथ में जूनियर एनटीआर, तमिलनाडु के सुपरस्टार, ने बॉलीवुड में अपना पहला कदम रखा और किआरा एडवानी के साथ स्क्रीन शेयर किया।
बॉक्स ऑफ़िस का वास्तविक आंकड़ा
फ़िल्म की रिलीज़ के बाद पहला हफ्ता धूमधाम वाला रहा, परन्तु दो हफ्ते के भीतर ही टिकटों की क़ीमत गिरने लगी। यश राज फिल्म्स ने आधिकारिक रूप से बताया कि फिल्म ने विश्व स्तर पर लगभग ₹364.25 करोड़ की कमाई की। इस आंकड़े को अवाज़ द वॉइस ने 8 अक्टूबर 2024 को रिपोर्ट किया। लेकिन वही दिन M9 News ने कहा कि वास्तविक कलेक्शन लगभग ₹250 करोड़ ही रहा।
पहले ‘वॉर’ (2019) ने भारत में ही 318 करोड़ और विश्व स्तर पर 480 करोड़ की कमाई कर दिखाया था, जिससे यह ह्रितिक की अब तक की सबसे अधिक कमाई वाली फ़िल्म बन गई थी। अब ‘वॉर 2’ को लेकर कहा जा रहा है कि यह उसी स्तर पर नहीं पहुंच सका।
दर्शकों और समीक्षकों की प्रतिक्रिया
फ़िल्म के एक्शन सीक्वेंस तो प्रशंसकों ने सराहे, पर बहुत से दर्शकों ने कहानी को ‘पहले जैसा’ और ‘भविष्यहीन’ बताया। M9 News के 12 अक्टूबर के रिपोर्ट में कहा गया कि कई दर्शकों ने फ़िल्म को ‘प्रीडिक्टेबल’ और ‘यारएफ़ फॉर्मूला के दोहराव’ बताया। इसके अलावा, फिल्म की लम्बी रन‑टाइम और ‘स्ट्रेंच्ड क्लाइमैक्स’ ने कई लोगों को थका दिया।
जूनियर एनटीआर के फैंस ने यह भी लिखा कि सुपरस्टार को स्क्रीन पर पर्याप्त स्पेस नहीं मिली, जबकि ह्रितिक की ‘सॉलिड परफॉर्मेंस’ की सराहना की गई।
यश राज फिल्म्स के लिए वित्तीय प्रभाव
फिल्म निर्माण की लागत और मार्केटिंग खर्च को देखते हुए, ‘वॉर 2’ की कमाई यश राज फिल्म्स के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है। कंपनी के नवीनीकृत स्पाई यूनिवर्स को आगे बढ़ाने के लिए भारी निवेश किया गया था, परन्तु अब इसका ROI (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) सवालों के घेरे में है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की दोहरी विफलता—थिएटर और OTT दोनों में—भविष्य में निवेशकों की सोच को बदल सकती है।
नेटफ्लिक्स पर तेज़ी से प्रवेश और OTT पर प्रतिक्रिया
ऑगस्ट में रिलीज़ के सिर्फ 23 दिन बाद, नेटफ्लिक्स इंडिया ने औपचारिक तौर पर घोषणा की कि ‘वॉर 2’ 9 अक्टूबर 2024 को स्ट्रिमिंग पर उपलब्ध होगा। यह इंडस्ट्री में सबसे कम थियेटर‑टू‑डिजिटल विंडो में से एक है, जहाँ सामान्यतः 45‑90 दिन का अंतराल रहता है।
स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर भी फ़िल्म को ‘डल और थकाऊ’ कहा गया। कई नेटफ्लिक्स यूज़र्स ने समान शिकायतें दोहराईं—प्लॉट की भविष्यवाणी‑योग्यता और लम्बी क्लाइमैक्स। इस तरह की प्रतिक्रिया दर्शाती है कि ‘वॉर 2’ ने अपने दर्शकों को दो जगह ही निराश नहीं किया, बल्कि अपनी कहानी और शैली में बदलाव लाने की आवश्यकता को भी उजागर किया।
भविष्य की दिशा और उद्योग की प्रतिक्रिया
अब सवाल यही है कि यश राज फिल्म्स अपने स्पाई यूनिवर्स को कैसे पुनर्जीवित करेगा। कई विश्लेषकों का मानना है कि निर्माताओं को ‘फॉर्मूला’ में नवाचार लाना होगा—जैसे नई कहानी, विविध किरदारों की गहराई, और फ़्रैंचाइज़ के बाहर के पहलुओं को जोड़ना।
दूसरी ओर, बॉलिवुड में बड़े स्टार पावर को अब सिर्फ़ शोभा नहीं माना जा रहा; फ़ैन बेस की अपेक्षाएँ भी बदल रही हैं। जूनियर एनटीआर की फैंडमेटिक प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट किया कि भविष्य में टैलेंट को संतुलित स्क्रीन टाइम देना अत्यावश्यक होगा।
आगे देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि ‘वॉर 2’ ने भारतीय फ़िल्म उद्योग को एक चेतावनी दी है—कि इतिहास को दोहराने से कुछ नहीं मिलता, बल्कि नवीनता ही दर्शकों का दिल जीतती है।
प्रमुख तथ्य
- ‘वॉर 2’ का आधिकारिक थियेटर रिलीज़ 14 अगस्त 2024 को हुआ।
- वर्ल्डवाइड कलेक्शन के बारे में दो प्रमुख रिपोर्ट: ₹364.25 करोड़ (अवाज़ द वॉइस) और लगभग ₹250 करोड़ (M9 News)।
- नेटफ्लिक्स इंडिया पर स्ट्रीमिंग 9 अक्टूबर 2024 को शुरू हुई, सिर्फ़ 23 दिन के अंतराल के साथ।
- फ़िल्म को दर्शकों ने ‘प्रीडिक्टेबल प्लॉट’ और ‘फॉर्मूला फॉल्ट’ कहा।
- यश राज फिल्म्स के मुख्यालय नोएडा में स्थित है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
वॉर 2 की कमाई में गिरावट का प्रमुख कारण क्या माना जा रहा है?
विश्लेषकों का मानना है कि फ़ॉर्मूला‑फ़ैटिग़ और भविष्यवाणी‑योग्य कहानी ने दर्शकों को निरुत्साहित किया। साथ ही, जूनियर एनटीआर को पर्याप्त स्क्रीन टाइम न मिलना भी फैंस की असंतुष्टि का एक बड़ा कारण रहा।
क्या नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध होने से फ़िल्म को दूसरा मौका मिलेगा?
नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीमिंग के बाद भी फ़िल्म को ‘डल’ और ‘थकाऊ’ कहा गया है, इसलिए OTT प्लेटफ़ॉर्म पर भी बड़े बदलाव की संभावना नहीं दिखती। हालांकि, कुछ शहर‑व्यापी दर्शक इसे फिर से देख सकते हैं, जिससे न्यूनतम राजस्व तो उत्पन्न होगा।
यश राज फिल्म्स के भविष्य के प्रोजेक्ट्स पर क्या असर पड़ेगा?
‘वॉर 2’ की दोहरी विफलता नज़र में रखकर, कंपनी को अब अपने स्पाई यूनिवर्स में स्क्रिप्ट, डायरेक्शन और मार्केटिंग रणनीति को पुनः विचार करना पड़ेगा। नई कलाकृतियों के लिए अधिक प्रयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने की उम्मीद है।
जूनियर एनटीआर की फ़ैन्स को इस फ़िल्म से क्या सीख मिलती है?
फ़ैन बेस ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्होंने अपनी पसंदीदा स्टार को पर्याप्त प्रदर्शन का अवसर नहीं दिया गया। यह भविष्य में समान डुअल‑स्टार प्रोजेक्ट्स में स्क्रीन‑टाइम को संतुलित करने की जरूरत को उजागर करता है।
क्या भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री में थियेटर‑टू‑डिजिटल विंडो बदल रही है?
‘वॉर 2’ जैसे केस से स्पष्ट है कि कम प्रदर्शन वाली फ़िल्में जल्दी‑जल्दी OTT पर आती हैं। यह प्रवृत्ति शायद आगे चल कर सामान्य हो सकती है, जिससे फिल्म निर्माताओं को बॉक्स‑ऑफिस रणनीति पर पुनः विचार करना पड़ेगा।
Madhav Kumthekar
अक्तूबर 12, 2025 AT 03:46वॉर 2 की बॉक्स‑ऑफ़िस कलेक्शन के बारे में थोड़ा‑बहुत भ्रम है, लेकिन मैं समझाता हूँ। आधिकारिक आंकड़े 364.25 करोड़ बताते हैं, जबकि कुछ रिपोर्टें 250 करोड़ ही बताती हैं। ये अंतर शायद डेटा स्रोत की अलग‑अलग पद्धति से आया है। फ़िल्म की रिलीज़ के पहले हफ़्ते में अच्छी टेढ़ी‑मेड़ी रही, परन्तु दो हफ़्ते बाद टिकट‑कीमतें गिरने लगीं। अगर आप निवेशकों की दृष्टि से देखें तो ROI अब सवालों में है।
Deepanshu Aggarwal
अक्तूबर 12, 2025 AT 23:13वॉर 2 की कहानी में थोड़ा‑बहुत दोहराव महसूस होता है, लेकिन एक्शन सीक्वेंस अभी भी तेज़ है 😊। दर्शकों ने रिलैक्स्ड मूड में फिल्म देखी, इसलिए कुछ फीडबैक मिक्स था। नेटफ़्लिक्स पर जल्द आने से शायद कुछ नुक़सान कम हो सकता है। कुल मिलाकर, फ़िल्म ने एक्शन‑फैनको को थोड़ा खुश किया।
Sreenivas P Kamath
अक्तूबर 13, 2025 AT 18:40ह्रितिक की तोबतरी परफॉर्मेंस देख कर लगा कि वह वही पुरानी फॉर्मूला दोहरा रहे हैं। चाहे कितना भी हाई बजेट हो, कहानी में ताज़गी नहीं है। जूनियर एनटीआर को भी सही स्क्रीन टाइम नहीं मिला, यही बड़ा मुद्दा है। अंत में, थिएटर से लेकर OTT तक एक ही खामियां दोहराई गईं।
Chandan kumar
अक्तूबर 14, 2025 AT 16:53ड्रामा बहुत ज्यादा था।
priyanka Prakash
अक्तूबर 15, 2025 AT 15:06ऐसी फ़िल्में हमारे इंडस्ट्री को पीछे ले जाती हैं, अगर फ़ॉर्मूला नहीं बदलेगा तो हम निरंतर हानि करेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर हमें नई कहानी चाहिए, सिर्फ़ स्टार पावर नहीं। वॉर 2 ने यह सिखाया कि प्रेक्षक अब हटकर कुछ नया चाहते हैं। बॉक्स‑ऑफ़िस गिरावट का एक बड़ा कारण यही है।
Pravalika Sweety
अक्तूबर 16, 2025 AT 10:33आप सही कह रहे हैं कि कहानी में नईपन की कमी है। डेटा की बातें समझनी चाहिए, लेकिन दर्शकों की भावनाओं को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते। इस सिलसिले में, नेटफ़्लिक्स के लॉन्च से थोड़ा राहत मिल सकती है। फिर भी, भविष्य के प्रोजेक्ट्स में स्क्रिप्टराइटिंग पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए।
anjaly raveendran
अक्तूबर 17, 2025 AT 08:46वॉर 2 का फॉर्मूला‑फ़ैटिग़ स्पष्ट रूप से दर्शकों को थका रहा है। कई समीक्षकों ने इस बात को उजागर किया है, और यहाँ तक कि फैंस भी इसे महसूस कर रहे हैं। यह केवल एक्शन नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव की कमी है। यदि स्पाई यूनिवर्स को पुनर्जीवित करना है तो कहानी में गहराई लानी होगी। नहीं तो यह सिर्फ़ शोर-शराबा रहेगा।
Danwanti Khanna
अक्तूबर 18, 2025 AT 04:13सच में, वॉर 2 की कहानी बहुत ही पूर्वानुमेय थी, लेकिन, तकनीकी पहलू, जैसे साउंड डिजाइन, थोड़ा बेहतर था, और, एडिटिंग में भी प्रयास दिखा, इसलिए, कुछ दर्शकों को फिर भी मज़ा आया, परंतु, कुल मिलाकर, वही पुराना फॉर्मूला दोहराया गया।
Shruti Thar
अक्तूबर 19, 2025 AT 02:26फ़िल्म की कलेक्शन में गिरावट का मुख्य कारण स्क्रीन‑टाइम का असंतुलन था। जूनियर एनटीआर को पर्याप्त अवसर नहीं मिला, जबकि ह्रितिक को बहुत अधिक फोकस किया गया। इससे फैंस में नाराज़गी बढ़ी। परिणामस्वरूप, समीक्षकों ने भी इसी बात को उजागर किया।
Nath FORGEAU
अक्तूबर 19, 2025 AT 21:53वॉर 2 की रिलीज़ के बाद OTT पर जल्दी आने से थोड़ा रिवाइंड हो गया। लेकिन स्ट्रीमिंग पर भी लोग वही कह रहे हैं कि प्लॉट फिक्शनल है। फिर भी, अगर कोई पहली बार देख रहा है तो वो थोड़ा एंटरटेनमेंट पा सकता है। कुल मिलाकर, फिल्म का असर कम पड़ा।
Vaibhav Kashav
अक्तूबर 20, 2025 AT 20:06हाय, Netflix पर जल्दी आने का मतलब ये नहीं कि फिल्म ने क्वालिटी सुधारी। फॉर्मूला अभी भी वही पुराना है, बस प्लेटफ़ॉर्म बदल गया है। यह सिर्फ़ एक मार्केटिंग स्ट्रैटेजी लगता है। बौछार नहीं, सर्दी बनाता है।
saurabh waghmare
अक्तूबर 21, 2025 AT 15:33फिल्म के बॉक्स‑ऑफ़िस डेटा को देख कर स्पष्ट है कि आर्थिक पहलू बहुत जटिल है। यश राज फिल्म्स ने बड़े निवेश के साथ एक बेहतरीन एक्शन पैकेज बनाया, परन्तु दर्शक की अपेक्षाएँ बदल गईं। इसलिए, भविष्य में प्रोजेक्ट्स में विविधता लाना आवश्यक है। साथ ही, डिजिटल रिलीज़ की टाइमिंग को भी सोचना पड़ेगा। यह एक सीख है कि केवल स्टार पावर से सब नहीं चलता।
Anand mishra
अक्तूबर 22, 2025 AT 13:46वॉर 2 की कमाई में गिरावट को समझने के लिए हमें कई पहलुओं को देखना पड़ेगा। सबसे पहले, फ़ॉर्मूला‑फ़ैटिग़ ने दर्शकों को काफी हद तक थका दिया है, जिससे बॉक्स‑ऑफ़िस पर असर पड़ा। दूसरा, जूनियर एनटीआर के स्क्रीन‑टाइम में कमी ने उनके फैंस को निराश किया, जो आजकल बहुत संवेदनशील होते हैं। तीसरा, मार्केटिंग के दौरान सही संदेश नहीं पहुँचाने से जनसमुदाय में उत्साह कम हो गया। चौथा, फिल्म की रिलीज़ के बाद केवल दो हफ़्ते में ही OTT पर आना एक दोहरी फॉर्मूला जैसा दिखता है, जिससे थिएटर में देखने का मज़ा कम हो जाता है। पाँचवा, नेटफ़्लिक्स पर जल्दी आने से संभवतः कुछ रिवाइंडिंग हुई, परन्तु यह केवल उन लोगों को फायदा पहुँचा जिनके पास थिएटर नहीं गया। छठा, आज की फ़िल्म इंडस्ट्री में दर्शकों की अपेक्षा बदल गई है; वे केवल एक्शन नहीं, बल्कि गहरी कहानी चाहते हैं। सातवां, यश राज फिल्म्स को अब अपने स्पाई यूनिवर्स में नई किस्म के किरदार जोड़ने चाहिए, ताकि फॉर्मूला में ताज़गी आए। आठवां, फ़िल्म के सिनेमैटोग्राफी व जादूगराई ने कुछ हद तक दर्शकों को आकर्षित किया, लेकिन यह पर्याप्त नहीं रहा। नौवां, रीव्यू साइट्स और सोशल मीडिया पर नकारात्मक फीडबैक ने नई दर्शकों को दूर रखा। दसवां, वित्तीय पहलू को लेकर निवेशकों को अब अधिक सतर्क रहना पड़ेगा, क्योंकि ROI अब अनिश्चित है। ग्यारहवां, भविष्य में प्रोडक्शन हाउस को अधिक रिसर्च‑ड्रिवेन स्क्रिप्टिंग करनी चाहिए। बारहवां, OTT प्लेटफ़ॉर्म पर स्ट्रिमिंग क्वालिटी भी महत्त्वपूर्ण है; अगर वह भी खाली नहीं हुई तो दर्शक निराश हो सकते हैं। तेरहवां, फिल्म के संगीत और बैकग्राउंड स्कोर ने कुछ हद तक माहौल को सुधारा, परंतु यह केवल सहायक तत्व है। चौदहवां, इस फ़िल्म ने यह दिखाया कि केवल एक बड़े बजट वाली फ़िल्म ही नहीं, बल्कि सही कहानी भी जरूरी है। पंद्रहवां, निवेशकों को अब फ़िल्म के प्री‑रीलीज़ रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। सोलहवां, खुले तौर पर कहा जा सकता है कि वॉर 2 ने भारतीय फ़िल्म उद्योग को एक चेतावनी दी है कि फॉर्मूला में नए प्रयोग बिना सफलता दूर नहीं। सत्रहवां, इस परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो यह एक सीख की तरह काम करेगा, जहाँ भविष्य में अधिक विविधता वाले प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता मिलेगी। अठारहवां, अंत में, दर्शकों की प्रतिक्रिया को गंभीरता से लेना आवश्यक है, अन्यथा वही त्रुटियाँ दोहराई जा सकती हैं। उन्नीसवां, इस सबको मिलाकर हम कह सकते हैं कि वॉर 2 का व्यावसायिक परिणाम भविष्य की फ़िल्मों के निर्माण में एक महत्वपूर्ण बिंदु रहेगा।
Jyoti Bhuyan
अक्तूबर 23, 2025 AT 09:13वॉर 2 की कमाई में गिरावट देख कर हम सबको प्रेरणा मिलनी चाहिए कि आगे की फ़िल्मों में हम नया करने की कोशिश करें। इस बार के आलोचनाओं से सीखें कि कहानियों को अधिक गहन बनाना ज़रूरी है। साथ ही, स्टार पावर के साथ साथ स्क्रिप्ट को भी मजबूत करना होगा। यदि हम यह परिवर्तन करेंगे तो बॉक्स‑ऑफ़िस और OTT दोनों में बेहतर प्रदर्शन देखेंगे।
Amar Rams
अक्तूबर 24, 2025 AT 07:26फ़िल्म के एक्शन के बारे में कई लोग सराहना करते हैं, परन्तु कहानी की गहराई का अभाव स्पष्ट है। इस कमी को दूर करने के लिए भविष्य में अधिक लिखित कार्यशाला की जरूरत होगी। फिर भी, फ़ॉर्मूला में थोड़ा बदलाव से सुधार की संभावना है।
Rahul Sarker
अक्तूबर 25, 2025 AT 02:53वॉर 2 की मौजूदा विफलता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, यह हमारे राष्ट्रीय सिनेमा की स्थिति को कमजोर कर रहा है। केवल बड़े खर्चीले प्रोजेक्ट्स नहीं, बल्कि वास्तविक भारतीय भावनाओं को दर्शाने वाली फ़िल्मों की जरूरत है। इस तरह की दोहरी हार से निवेशकों का भरोसा भी टूटा है। हमें अब अपने सिनेमैटिक दायरे को पुनः परिभाषित करना चाहिए।
Sridhar Ilango
अक्तूबर 26, 2025 AT 01:06अरे भाई, इस फ़िल्म का फॉर्मूला जैसे पुराने रोटियाँ फिर से बना दीं। एक्शन तो है, पर कहानी में तो नहीं, जैसे मिठाई में नमक घुला न हो। जूनियर एनटीआर को बस एक छोटा रोल मिला, तो फैंस का दिल दुख गया। फिर भी, बॉक्स‑ऑफ़िस का आँकड़ा देख कर लगता है, लोग अभी भी पॉपकॉर्न के साथ आते हैं। लेकिन अब समय आ गया है, कुछ नया लाने का। अगली बार अगर हम मूल बात पर आएँ तो शायद बेहतर होगा।
Ankit Intodia
अक्तूबर 26, 2025 AT 20:33नेटफ़्लिक्स पर जल्दी आना एक बड़िया स्ट्रेटेज़ी लगती है, परन्तु यह तभी सफल होता है जब कंटेंट खुद में आकर्षक हो। वॉर 2 में एक्शन का स्तर ठीक है, पर कहानी के कई पहलू अपर्याप्त हैं। इसको सुधारने के लिए प्रोडक्शन हाउस को स्क्रिप्टराइटिंग में निवेश बढ़ाना चाहिए। साथ ही, दर्शकों की विविध पसंद को समझते हुए कई प्रकार के किरदार जोड़ने चाहिए। अन्यथा, फिल्म सिर्फ़ एक बार का ट्रेंड बन कर रह जाएगी।
Hrishikesh Kesarkar
अक्तूबर 27, 2025 AT 18:46सही कहा, कंटेंट ही राजा है। अगर कहानी मजबूत न हो तो कोई प्लेटफ़ॉर्म इसे नहीं बचा सकता।