सौना की कीमत 11,962.75 रुपये/ग्राम तक पहुँची, फेड की कट नीति ने मचाया उछाल

सौना की कीमत 11,962.75 रुपये/ग्राम तक पहुँची, फेड की कट नीति ने मचाया उछाल

अक्तू॰, 19 2025

जब Jerome Powell, फ़ेडरल रिज़र्व के चेयर ने अपनी दो‑वीसी टिप्पणी दी, तो सौना की कीमतों में अचानक तेज़ी दिखी। 16 अक्टूबर 2025 को 24‑कैरट सोने की कीमत 11,962.75 रुपये प्रति ग्राम तक पहुँच गई, जो पिछले दिन की 11,876.92 रुपये से एक बड़ा उछाल था। यह आंकड़ा FXStreet के डेटा के अनुसार और Times Now News ने अपने रिपोर्ट में पुष्टि की।

सोने की कीमत में रिकॉर्ड उछाल: आंकड़े और कारण

FXStreet ने 4:38 AM UTC पर प्रकाशित डेटा में बताया कि 1 तोला की कीमत 139,528.90 रुपये, 10 ग्राम 119,630.50 रुपये और एक ट्रॉय औंस 372,083.30 रुपये तक पहुँचा। इस उछाल में प्रमुख योगदानकर्ता था अमेरिकी डॉलर इंडेक्स का लगातार गिरना, जो एशिया सत्र में एक हफ़्ते के सबसे नीचे स्तर पर आया।

ऐसे में, FXStreet ने नोट किया कि स्थानीय कीमतें अंतरराष्ट्रीय (USD/INR) कीमतों को बदलकर गणना की जाती हैं, इसलिए क्षेत्रीय उतार‑चढ़ाव थोड़ा‑बहुत अंतर पैदा कर सकता है।

फ़ेडरल रिज़र्व के संकेतों का असर

यह उछाल दो दिन पहले, 14 अक्टूबर को, Jerome Powell के सार्वजनिक भाषण से आया, जहाँ उन्होंने कहा था कि "श्रम बाजार सितंबर तक निम्न‑भर्ती, कम‑बर्ख़ास्ती वाली स्थिति में फँसा हुआ है"। इस टिप्पणी ने बाजार में 25 बेसिस पॉइंट‑की दर कट के आशावादी अनुमान को मजबूत किया।

फ़ेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) के अगले दो मीटिंग—28‑29 अक्टूबर और 10‑11 दिसंबर—में इस कट की संभावना को लेकर निवेशकों ने बेताबी से इंतज़ार किया। उसी दिन, न्यू‑यॉर्क फ़ेड के अध्यक्ष John C. Williams, शिकागो फ़ेड के अध्यक्ष Austan D. Goolsbee और सैन‑फ़्रांसिस्को फ़ेड की अध्यक्ष Mary C. Daly की भाषणों को भी बाजार ने बारीकी से पढ़ा।

FXStreet के बारसिलोन में स्थित शोधकर्ता बताते हैं कि इन अधिकारियों के बयान "अमेरिकी डॉलर की माँग को दिशा देंगे और सोने को अतिरिक्त गति प्रदान करेंगे"।

भारत में सोने की कीमतें: बाजार और नियमन

Goodreturns ने 18 अक्टूबर को प्रकाशित विश्लेषण में बताया कि अक्टूबर माह में सोने की कीमतें लगातार ऊपर की ओर रही। 1 अक्टूबर को 11,924 रुपये से शुरू होकर 17 अक्टूबर को 13,277 रुपये की शिखर सीमा तक पहुँचा, जो महीने भर में 9.75 % की वृद्धि दर्शाता है। इस वृद्धि की तुलना में, सितंबर माह में 10.92 % की तीव्र बढ़ोतरी देखी गई थी।

सरकारी नियमन की बात करें तो, भारतीय वित्त मंत्रालय द्वारा लागू 1 किलोग्राम की सीमा अभी भी लागू है, जिससे व्यक्तिगत यात्रियों के द्वारा आयातित सोने की मात्रा सीमित रहती है। यह नीति विदेशी मुद्रा बहीखाते के घाटे को घटाने के लिये बनाई गई है।

मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख ज्वेलरी हब में खरीदार अब "सच्चा सोना कभी नहीं टिंट करता" जैसी शुद्धता जांच पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं, जैसा कि Goodreturns ने बताया।

विश्लेषकों की राय और आगे की दृष्टि

वित्तीय विश्लेषक कहते हैं कि इस सप्ताह कोई प्रमुख आर्थिक आँकड़े जारी नहीं हुए, इसलिए फेडरल रिज़र्व की आगामी घोषणाएँ ही सोने की दिशा तय करेंगी। यदि अक्टूबर‑अंत में फेड ने अपनी दर कट की योजना को दृढ़ रखा, तो सोना 13,000 रुपये/ग्राम से ऊपर बढ़ सकता है। दूसरी ओर, यदि मुद्रास्फ़ीति के आंका में बाधा आई, तो डॉलर फिर से मजबूत हो सकता है और सोने के रुझान में गिरावट आ सकती है।

शेयर बाजार में भी इस उछाल का असर देखा जा रहा है; सोने की कंपनियों के स्टॉक में 6 % तक की वृद्धि दर्ज की गई। निवेशकों को सलाह दी गई है कि अल्पकालिक उतार‑चढ़ाव को देखते हुए पोर्टफ़ोलियो में विविधता रखें।

  • 16 अक्टूबर 2025: 24‑कैरट सोना 11,962.75 रुपये/ग्राम
  • 14 अक्टूबर 2025: फ़ेड चेयर की dovish टिप्पणी
  • 28‑29 अक्टूबर 2025: FOMC मीटिंग – संभावित 25 bps कट
  • 10‑11 दिसंबर 2025: अगली FOMC मीटिंग

आगे क्या हो सकता है?

अगले दो हफ़्तों में, यूएस के रोजगार डेटा और उपभोक्ता स्थिर कीमतों की रिपोर्टें भी सोने के भाव को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही, चीन के आयात‑निर्यात नीतियों में बदलाव यदि आया, तो वैश्विक सोने की माँग पर असर पड़ेगा। भारतीय उपभोक्ताओं के लिए, यह समय है कि वे खरीदारी करते समय सरकारी सीमा और शुद्धता परीक्षणों का ध्यान रखें।

बार‑बार पूछे जाने वाले सवाल

सौना की कीमत में इस उछाल का मुख्य कारण क्या है?

मुख्य कारण अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की दविओश टिप्पणी और डॉलर की लगातार गिरावट है, जिससे निवेशकों ने सोने को सुरक्षित विकल्प के रूप में चुना।

क्या इस कीमत पर सोने की खरीदारी करना फायदेमंद रहेगा?

यदि फेड के कट संकेत जारी रहे तो कीमतें आगे बढ़ने की संभावना है, परंतु अल्पकालिक बाजार में उतार‑चढ़ाव भी हो सकता है। निवेशकों को अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार कदम उठाने चाहिए।

भारत में सोने की आयात सीमा क्यों लागू है?

वित्त मंत्रालय ने 1 किलोग्राम की व्यक्तिगत आयात सीमा रखी है ताकि विदेशी मुद्रा बहीखाते के घाटे को कम किया जा सके और घरेलू बाजार में स्थिरता बनी रहे।

आगे कौन‑से आर्थिक डेटा सोने को प्रभावित कर सकते हैं?

अमेरिका का नॉन‑फ़ार्म पेरोल, यूएस निर्यात‑आयात संतुलन, और चीन के सोने के आयात आँकड़े अगले हफ़्तों में सोने के भाव को दिशा देंगे।

फ़ेडरल रिज़र्व की आगामी मीटिंग्स में क्या अपेक्षित है?

28‑29 अक्टूबर और 10‑11 दिसंबर की मीटिंग्स में 25 बेसिस पॉइंट‑के कट की संभावनाएँ अधिक हैं, जो सोने की कीमतों को समर्थन दे सकती है।

1 Comment

  • Image placeholder

    Tuto Win10

    अक्तूबर 19, 2025 AT 00:26

    क्या बात है! फ़ेड की कट नीति ने सोने को सुपरस्टार बना दिया!! आज का सोना तो जैसे स्वर्ण जेट तक पहुँच गया!!!

एक टिप्पणी लिखें

लोकप्रिय लेख

सहारन रेगिस्तान में दुर्लभ बारिश: दशकों बाद आया पानी का संकट और राहत

आगे पढ़ें

Cyclone Fengal की ताज़ा जानकारी: तमिलनाडु में भूस्खलन, भारी वर्षा से अलर्ट

आगे पढ़ें

लिवरपूल की हार: मोहमद सलाह और ट्रेंट एलेक्जेंडर-अर्नोल्ड को मिले कम अंक, नॉटिंघम फॉरेस्ट ने पाया जीत

आगे पढ़ें

भारत-रूस संबंध: अमेरिकी दबाव के बीच मॉस्को की खुली तारीफ, तेल और टैरिफ पर तकरार

आगे पढ़ें