गुजरात हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
गुजरात हाईकोर्ट ने फिल्म 'महाराज' के रिलीज पर लगे प्रतिबंध को हटाते हुए इसे नेटफ्लिक्स पर रिलीज करने की मंजूरी दे दी है। इस फिल्म का निर्देशन अजय अरोड़ा और अंजुम राजाबली ने किया है, जिसमें अभिनेता आमिर खान के बेटे जुनैद खान मुख्य भूमिका में हैं। न्यायमूर्ति संगीता के. विष्ण ने इस मामले की सुनवाई करते हुए फिल्म को देखकर निरिक्षण किया और निष्कर्ष दिया कि फिल्म में कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं है जो किसी भी धार्मिक भावना को आहत कर सके।
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचने का दावा
अप्रेल महीने में यह मुद्दा तब उठा जब कुछ धार्मिक समूहों ने फिल्म की रिलीज का विरोध किया। उनके अनुसार, फिल्म में दिखाई गई कुछ घटनाएं एवं पात्र वैष्णव समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं। इसके बाद फिल्म की रिलीज डेट 18 जून को तय थी, लेकिन इसे अस्थायी रूप से रोक दिया गया।
फिल्म की उपयोगिता और निर्णय का आधार
जस्टिस विष्ण ने बताया कि इस फिल्म का मुख्य विषय सामाजिक बुराइयों और उनसे लड़ने वाले समाज सुधारक कारसंदास मुलजी पर आधारित है। फिल्म में किसी भी प्रकार की सामग्री नहीं है जो विशेषकर पुष्टिमार्गी संप्रदाय या अन्य किसी धार्मिक समूह का अपमान करे। यह फिल्म वास्तविक घटनाओं पर आधारित है और इसका उद्देश्य समाज में सुधार लाना है।
फिल्म का संदेश
कोर्ट ने यह भी कहा कि इस फिल्म का प्रमुख संदेश यह है कि समाज सुधार के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है और यह केवल व्यक्तिगत घटनाओं पर आधारित नहीं है। इसलिए, याचिकाकर्ताओं की शंकाओं को कोर्ट ने निराधार मानते हुए खारिज कर दिया। इस मामले में 2013 में प्रकाशित एक पुस्तक का हवाला दिया गया, जिसमें दर्शाया गया था कि इससे पहले इस प्रकार की घटनाएं बिना किसी विवाद के समायोजित की गईं थीं।
फिल्म 'महाराज' की पृष्ठभूमि
'महाराज' की कहानी 19वीं सदी के समाज सुधारक कारसंदास मुलजी पर आधारित है, जो वैष्णव समुदाय से थे। वे एक स्वामी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण न्यायालय केस लड़े थे, जो समाज और वैष्णव समुदाय की धार्मिक मान्यताओं में अपनी अद्वितीय छाप छोड़ गया। फिल्म में उन्हीं घटनाओं को दरशाया गया है, जिसमें मुलजी की सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई और समाज सुधार की कथाओं को सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
फिल्म, कोर्ट और सांस्कृतिक दृष्टिकोण
फिल्म के प्रति कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि फिल्में समाज की कई जटिल समस्याओं को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम होती हैं। फिल्म 'महाराज' भी एक ऐसी ही कड़ी है। समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ एक सशक्त आवाज उठाने की दिशा में कारसंदास मुलजी की भूमिका को दर्शाते हुए, यह फिल्म समाज में सुधार का संदेश देती है।
धार्मिक समूहों के विरोध का असर
धार्मिक समूहों द्वारा फिल्म के विरोध का असर यह रहा कि उसे समय पर रिलीज नहीं किया जा सका। परंतु कोर्ट के निर्णय ने इस विवाद का निष्कर्ष निकालते हुए फिल्म निर्माताओं को राहत दी है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि कानूनी प्रक्रिया से गुजरकर कोई भी समाज सुधारक मुद्दा शांतिपूर्वक हल किया जा सकता है।
फिल्म के निर्माता और उनकी प्रतिक्रिया
फिल्म के निर्माताओं ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा। उनकी मान्यता है कि इस फिल्म के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास सफल होगा। उन्होंने दर्शकों से भी अपेक्षा की कि वे इस फिल्म को देखते समय उसके संदेश को समझें और समाज सुधार की दिशा में योगदान दें।
Ankur Mittal
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