गुजरात हाईकोर्ट ने दी 'महाराज' फिल्म की नेटफ्लिक्स पर रिलीज को मंजूरी

गुजरात हाईकोर्ट ने दी 'महाराज' फिल्म की नेटफ्लिक्स पर रिलीज को मंजूरी

जून, 22 2024

गुजरात हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

गुजरात हाईकोर्ट ने फिल्म 'महाराज' के रिलीज पर लगे प्रतिबंध को हटाते हुए इसे नेटफ्लिक्स पर रिलीज करने की मंजूरी दे दी है। इस फिल्म का निर्देशन अजय अरोड़ा और अंजुम राजाबली ने किया है, जिसमें अभिनेता आमिर खान के बेटे जुनैद खान मुख्य भूमिका में हैं। न्यायमूर्ति संगीता के. विष्ण ने इस मामले की सुनवाई करते हुए फिल्म को देखकर निरिक्षण किया और निष्कर्ष दिया कि फिल्म में कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं है जो किसी भी धार्मिक भावना को आहत कर सके।

धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचने का दावा

अप्रेल महीने में यह मुद्दा तब उठा जब कुछ धार्मिक समूहों ने फिल्म की रिलीज का विरोध किया। उनके अनुसार, फिल्म में दिखाई गई कुछ घटनाएं एवं पात्र वैष्णव समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं। इसके बाद फिल्म की रिलीज डेट 18 जून को तय थी, लेकिन इसे अस्थायी रूप से रोक दिया गया।

फिल्म की उपयोगिता और निर्णय का आधार

फिल्म की उपयोगिता और निर्णय का आधार

जस्टिस विष्ण ने बताया कि इस फिल्म का मुख्य विषय सामाजिक बुराइयों और उनसे लड़ने वाले समाज सुधारक कारसंदास मुलजी पर आधारित है। फिल्म में किसी भी प्रकार की सामग्री नहीं है जो विशेषकर पुष्टिमार्गी संप्रदाय या अन्य किसी धार्मिक समूह का अपमान करे। यह फिल्म वास्तविक घटनाओं पर आधारित है और इसका उद्देश्य समाज में सुधार लाना है।

फिल्म का संदेश

कोर्ट ने यह भी कहा कि इस फिल्म का प्रमुख संदेश यह है कि समाज सुधार के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है और यह केवल व्यक्तिगत घटनाओं पर आधारित नहीं है। इसलिए, याचिकाकर्ताओं की शंकाओं को कोर्ट ने निराधार मानते हुए खारिज कर दिया। इस मामले में 2013 में प्रकाशित एक पुस्तक का हवाला दिया गया, जिसमें दर्शाया गया था कि इससे पहले इस प्रकार की घटनाएं बिना किसी विवाद के समायोजित की गईं थीं।

फिल्म 'महाराज' की पृष्ठभूमि

'महाराज' की कहानी 19वीं सदी के समाज सुधारक कारसंदास मुलजी पर आधारित है, जो वैष्णव समुदाय से थे। वे एक स्वामी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण न्यायालय केस लड़े थे, जो समाज और वैष्णव समुदाय की धार्मिक मान्यताओं में अपनी अद्वितीय छाप छोड़ गया। फिल्म में उन्हीं घटनाओं को दरशाया गया है, जिसमें मुलजी की सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई और समाज सुधार की कथाओं को सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

फिल्म, कोर्ट और सांस्कृतिक दृष्टिकोण

फिल्म, कोर्ट और सांस्कृतिक दृष्टिकोण

फिल्म के प्रति कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि फिल्में समाज की कई जटिल समस्याओं को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम होती हैं। फिल्म 'महाराज' भी एक ऐसी ही कड़ी है। समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ एक सशक्त आवाज उठाने की दिशा में कारसंदास मुलजी की भूमिका को दर्शाते हुए, यह फिल्म समाज में सुधार का संदेश देती है।

धार्मिक समूहों के विरोध का असर

धार्मिक समूहों द्वारा फिल्म के विरोध का असर यह रहा कि उसे समय पर रिलीज नहीं किया जा सका। परंतु कोर्ट के निर्णय ने इस विवाद का निष्कर्ष निकालते हुए फिल्म निर्माताओं को राहत दी है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि कानूनी प्रक्रिया से गुजरकर कोई भी समाज सुधारक मुद्दा शांतिपूर्वक हल किया जा सकता है।

फिल्म के निर्माता और उनकी प्रतिक्रिया

फिल्म के निर्माताओं ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा। उनकी मान्यता है कि इस फिल्म के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास सफल होगा। उन्होंने दर्शकों से भी अपेक्षा की कि वे इस फिल्म को देखते समय उसके संदेश को समझें और समाज सुधार की दिशा में योगदान दें।

13 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Ankur Mittal

    जून 23, 2024 AT 12:02
    अच्छा फैसला। फिल्म देखने के बाद ही रोकना चाहिए, न कि अंदाज़े से।
  • Image placeholder

    Tanya Srivastava

    जून 24, 2024 AT 03:56
    ये तो बस फिल्म है भाई, अगर तुम्हारी भावनाएं इतनी कमजोर हैं तो फोन बंद कर दो 😂
  • Image placeholder

    ashi kapoor

    जून 25, 2024 AT 11:48
    अरे यार, ये फिल्म तो वैष्णव समुदाय के अंदर ही एक बहुत बड़ी बात को उजागर करती है - जिसे हम सालों से चुप रहे। जब तक लोग अपनी धार्मिक भावनाओं को अपनी अज्ञानता से जोड़ेंगे, तब तक ये तरह की फिल्में रोकी जाएंगी। ये फिल्म एक ऐसे आदमी की कहानी है जिसने बिना किसी बहाने के अपने समाज के भीतर के बदशीलता के खिलाफ लड़ा। और अब कोर्ट ने भी कह दिया - ये कोई अपमान नहीं, बल्कि एक सच है। लेकिन फिर भी कुछ लोग अपने घर के अंदर के धुएं को देखने से डरते हैं, और बाहर के आग को बुझाने की कोशिश करते हैं। अगर तुम्हारी भावनाएं फिल्म के एक सीन से टूट जाती हैं, तो शायद तुम्हें अपने अंदर की भावनाओं को देखना चाहिए, न कि फिल्म को बंद करना। ये फिल्म तो बस इतिहास को दर्शा रही है, जिसे तुमने कभी पढ़ा नहीं। और अगर तुम इसे अपमान मानते हो, तो शायद तुम्हारे घर के अलमारी में छिपी वो पुरानी किताबें भी तुम्हें डरा रही होंगी। ये फिल्म तो एक बुद्धिमान आदमी की कहानी है, जिसने बिना किसी शक्ति के अपने समाज को बदलने की कोशिश की। और अब ये फिल्म नेटफ्लिक्स पर आ रही है, तो शायद अब तुम्हें भी इसे देखना चाहिए - न कि डर के आगे भागना।
  • Image placeholder

    Yogita Bhat

    जून 26, 2024 AT 19:05
    अब तो फिल्म देखकर ही रोकोगे? नहीं तो अगली बार रोटी खाने पर भी फरियाद कर देंगे 🙃
  • Image placeholder

    Diksha Sharma

    जून 28, 2024 AT 08:44
    ये सब नेटफ्लिक्स का गुमराह करने का नाटक है... वो सब जानते हैं कि ये फिल्म बिल्कुल नहीं है जैसा दिख रहा... ये सब चल रहा है क्योंकि अमेरिका के लोग भारत के धर्म को बदलना चाहते हैं... ये फिल्म एक बड़ी योजना का हिस्सा है... तुम सब जागो!
  • Image placeholder

    Amrit Moghariya

    जून 29, 2024 AT 18:37
    मुलजी जैसे आदमी तो आज भी हैं... बस अब वो फिल्मों में नहीं, ट्विटर पर हैं। अब तो फिल्म देखकर भी बदलाव नहीं आता, बस एक बार देख लेना है और अपनी जेब से एक रुपया निकाल देना है।
  • Image placeholder

    Gajanan Prabhutendolkar

    जून 30, 2024 AT 18:15
    फिल्म के बारे में बात करने से पहले तुम्हें ये जानना चाहिए कि कारसंदास मुलजी की वास्तविक जीवनी का क्या है। उनके बारे में कोई भी विश्वसनीय स्रोत नहीं है - ये सब एक आधुनिक फेक नैरेटिव है जिसे किसी ने बनाया है ताकि लोगों को भ्रमित किया जा सके। और अब कोर्ट ने भी इसे अपनाया? ये सिर्फ एक बड़ा न्यायिक गलत फैसला है।
  • Image placeholder

    Akshat goyal

    जुलाई 1, 2024 AT 06:51
    समझदारी से फैसला हुआ।
  • Image placeholder

    shubham gupta

    जुलाई 3, 2024 AT 03:40
    फिल्म का मुख्य संदेश बहुत साफ है - सुधार के लिए बातचीत चाहिए, न कि डर। ये फिल्म बस एक ऐतिहासिक घटना को दर्शाती है। कोई भी धार्मिक भावना नहीं छू रही।
  • Image placeholder

    Mansi Arora

    जुलाई 3, 2024 AT 20:59
    ये फिल्म तो बस एक लड़के की गलती को दिखा रही है... लेकिन उसे फिल्म बना दिया गया... अब तो लोग ये सोचेंगे कि वो सब ठीक है... ये फिल्म तो बस एक बड़ा भ्रम है... और कोर्ट ने भी इसे मंजूरी दे दी? अब तो अगली फिल्म में हम सबको बुरा बना देंगे!
  • Image placeholder

    anand verma

    जुलाई 5, 2024 AT 04:46
    यह न्यायिक निर्णय भारतीय संविधान की धारा 19(1)(ए) के साथ पूर्णतः संगत है। व्यक्तिगत धार्मिक भावनाओं का आधार बनाकर सांस्कृतिक अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध लगाना, लोकतांत्रिक समाज के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है। फिल्म का उद्देश्य सामाजिक सुधार और ऐतिहासिक सच्चाई का प्रसार है, जिसे न्यायपालिका ने सही ढंग से पहचाना है।
  • Image placeholder

    Yash Tiwari

    जुलाई 6, 2024 AT 17:03
    ये फिल्म तो बस एक धार्मिक नेता के खिलाफ एक अपमानजनक नाटक है। ये बातें जो फिल्म में दिखाई गईं, वो वास्तविक इतिहास में कभी नहीं हुईं। अगर तुम इतिहास को बदलना चाहते हो, तो तुम्हें पुस्तकें लिखनी चाहिए, फिल्में नहीं। और फिर भी कोर्ट ने इसे मंजूरी दे दी? ये फैसला भारत के सांस्कृतिक अस्तित्व के लिए एक खतरा है। ये फिल्म तो बस एक बड़ा विकृत नाटक है जिसे किसी ने बनाया है ताकि लोगों को भ्रमित किया जा सके।
  • Image placeholder

    Amit Mitra

    जुलाई 7, 2024 AT 04:57
    इस फिल्म के बारे में बात करते समय हमें ये याद रखना चाहिए कि समाज सुधार की गतिविधियाँ हमेशा से विवाद का हिस्सा रही हैं। कारसंदास मुलजी की लड़ाई तब शुरू हुई जब लोग अपनी भावनाओं को बहाने बनाकर सच्चाई को दबाने लगे। फिल्म ने उस लड़ाई को दर्शाया है - न कि उसका अपमान किया है। यह फिल्म एक ऐसे आदमी की कहानी है जिसने अपने समाज के अंदर की अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। और आज जब हम इस फिल्म को देख रहे हैं, तो हम उसी आवाज को सुन रहे हैं। ये फिल्म तो बस एक बुद्धिमान आदमी की कहानी है, जिसने अपने समाज के भीतर के बुराइयों के खिलाफ लड़ा। अगर तुम इसे अपमान मानते हो, तो शायद तुम्हारे अंदर की बुराई तुम्हें डरा रही है। और अगर तुम इस फिल्म को देखने से डरते हो, तो शायद तुम्हें अपने अंदर की बातों को सुनना चाहिए - न कि फिल्म को बंद करना।

एक टिप्पणी लिखें

लोकप्रिय लेख

सिक्किम विधानसभा चुनाव 2024 परिणाम LIVE: 32 सीटों के लिए मतगणना जारी

आगे पढ़ें

TruAlt Bioenergy IPO 2025: 14 गुना सब्सक्रिप्शन, GMP ₹109 और संभावित लिस्टिंग‑₹605

आगे पढ़ें

12 अक्टूबर 2025 का लव राशिफल: मिथुन का इजहार, सिंह की अनबन, मेष का डिनर मौका

आगे पढ़ें

पेरिस पैरालंपिक्स 2024 समापन समारोह: विवरण, भारत के ध्वजवाहक, लाइव स्ट्रीमिंग जानकारी और कहां देखें

आगे पढ़ें