बीजेपी ने लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की, वायनाड में प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ नव्या हरिदास को उतारा

बीजेपी ने लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की, वायनाड में प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ नव्या हरिदास को उतारा

अक्तू॰, 20 2024

बीजेपी की सूची और रणनीति

भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करके राजनीतिक रणनीति के लिहाज से एक बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के महत्वपूर्ण चेहरे प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ नव्या हरिदास को प्रत्याशी के रूप में उतारा है। यह उपचुनाव राहुल गांधी द्वारा सीट खाली करने के बाद हो रहा है, जब उन्होंने रायबरेली को कायम रखते हुए लोकसभा की सदस्यता से वायनाड को त्याग दिया। बीजेपी का मानना है कि नव्या हरिदास की मौजूदगी और उनके संगठनात्मक कौशल इस हाई-प्रोफाइल मुकाबले में उन्हें बढ़त दिला सकते हैं।

नव्या हरिदास की पृष्ठभूमि

नव्या हरिदास कोझीकोड नगर निगम की पार्षद हैं और वर्तमान में बीजेपी की महिला मोर्चा की राज्य महासचिव के रूप में कार्यरत हैं। उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि में कई सम्मानजनक पद शामिल हैं जो उन्हें पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण चेहरा बनाते हैं। उनकी नियुक्ति न केवल बीजेपी की महिला नेतृत्व को सशक्त बनाने की रणनीति को दर्शाती है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी देती है कि पार्टी प्रियंका गांधी जैसे बड़े राजनीतिक नाम के खिलाफ भी आत्मविश्वास के साथ चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है।

प्रियंका गांधी की राजनीतिक चुनौती

कांग्रेस पार्टी ने वायनाड उपचुनाव के लिए प्रियंका गांधी को अपना उम्मीदवार बनाकर उन्हें पहली बार चुनावी राजनीति में उतारा है। यह उनके राजनीतिक जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ है और कांग्रेस के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं है। पिछले वर्षों में राहुल गांधी ने वायनाड सीट पर बड़ी जीत दर्ज की थी, जिससे यह कांग्रेस का गढ़ बन गया था। प्रियंका गांधी का उम्मीदवार बनना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस इस महत्वपूर्ण सीट को हर हाल में बरकरार रखना चाहती है।

वायनाड: एक महत्वपूर्ण चुनावी मैदान

इस बार के उपचुनाव में वायनाड केवल एक संसदीय सीट नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण चुनावी मैदान भी बन चुका है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच होने वाले इस मुकाबले में जनता की प्रकृति और क्षेत्र की सांस्कृतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि भी एक बड़ी भूमिका अदा करेगी। कांग्रेस पिछले चुनावों में यहां बड़ी संख्या में वोट जीतने में सफल रही है, लेकिन बीजेपी अपने प्रत्याशी नव्या हरिदास के माध्यम से क्षेत्र के मतदाताओं के समक्ष एक नई विचारधारा पेश करने का प्रयास कर रही है।

कम्युनिस्ट पार्टी की रणनीति

कम्युनिस्ट पार्टी की रणनीति

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई), जो कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है, ने वायनाड में अपनी रणनीति को मजबूत करने के लिए सथ्यान मोकरी को प्रत्याशी के रूप में उतारा है। यह कदम कांग्रेस पार्टी के लिए एक सुनिश्चित समर्थन दर्शाता है और एक संयुक्त मोर्चा बनाने की कोशिश करता है। इसके माध्यम से विपक्षी पार्टियां यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि वे वोट के बंटवारे से बच सकें और बीजेपी को किसी भी प्रकार की अस्थायी बढ़त हासिल करने से रोक सकें।

जमीनी स्थिति और संभावनाएँ

वायनाड का उपचुनाव केवल राजनीतिक पार्टियों की ताकत का टेस्ट नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र की जनता की समस्याओं और उनकी प्राथमिकताओं को भी उजागर करने का अवसर है। चुनाव में स्थानीय मुद्दों की चर्चा से लेकर राष्ट्रीय नेताओं की भागीदारी तक, सब कुछ मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है। इस बार का चुनाव न केवल आगामी राजनीतिक घटनाक्रमों की दिशा तय करेगा, बल्कि यह यह भी तय करेगा कि प्रियंका गांधी की राजनीतिक यात्रा किस दिशा में बढ़ेगी।

17 टिप्पणि

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    Arpit Jain

    अक्तूबर 20, 2024 AT 20:58
    बीजेपी ने नव्या को उतारा तो प्रियंका का दिल टूट गया होगा। वो तो अपने चेहरे से चुनाव जीतना चाहती हैं, न कि वोटों से।
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    balamurugan kcetmca

    अक्तूबर 22, 2024 AT 07:40
    ये चुनाव सिर्फ दो लोगों के बीच नहीं है ये दो अलग भारत के बीच का टकराव है। एक तरफ जहां प्रियंका का नाम और वंश की विरासत है वहीं दूसरी तरफ नव्या जो अपनी मेहनत से ऊपर आई हैं। बीजेपी ने सही फैसला किया है क्योंकि ये चुनाव अब सिर्फ वोट का नहीं बल्कि विचारधारा का है। नव्या की राजनीतिक पृष्ठभूमि बहुत मजबूत है, वो बस एक पार्षद नहीं बल्कि एक संगठनात्मक ताकत हैं जिन्होंने अपने आसपास के क्षेत्रों में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाया है। उनकी भाषा भी बहुत सरल और जनता से जुड़ी हुई है, वो कभी भी जंगली शब्दों से नहीं खेलतीं बल्कि गांव के घरों में बैठकर बात करती हैं। इसलिए जब बीजेपी ने उन्हें चुना तो ये एक रणनीतिक बड़ा कदम था। प्रियंका के लिए ये चुनौती बहुत बड़ी है क्योंकि वो अभी तक कभी अपने आप को नहीं दिखा पाई हैं। उनका सब कुछ गांधी नाम से जुड़ा हुआ है, जबकि नव्या का हर कदम उनकी अपनी पहचान से जुड़ा है। ये चुनाव बस एक सीट नहीं बल्कि भविष्य की राजनीति का एक संकेत है। अगर नव्या जीतती हैं तो ये दर्शाएगा कि भारत की जनता अब नाम से नहीं बल्कि काम से चुनती है। अगर प्रियंका जीतती हैं तो ये बताएगा कि परंपरा अभी भी बहुत मजबूत है। लेकिन ये बात साफ है कि नव्या ने अपने आप को एक नए स्तर पर ले आया है। वो बस एक महिला नहीं बल्कि एक आंदोलन हैं।
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    divya m.s

    अक्तूबर 22, 2024 AT 13:26
    ये सब नाटक है बस। प्रियंका को उतारने की जरूरत ही नहीं थी। बीजेपी के पास इतने अच्छे उम्मीदवार हैं लेकिन वो सिर्फ टीवी पर नाम बनाने के लिए इसे बना रहे हैं। ये चुनाव तो बस एक शो है।
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    Karan Raval

    अक्तूबर 24, 2024 AT 09:04
    नव्या को बहुत बधाई देनी चाहिए वो एक असली नेता हैं जो बिना किसी फैमिली नेम के ऊपर आई हैं और इस चुनाव में वो जीत सकती हैं अगर हम सब मिलकर उनका समर्थन करें। लोगों को बस एक बार उनकी बात सुननी चाहिए
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    PRATAP SINGH

    अक्तूबर 24, 2024 AT 13:10
    अरे ये सब लोग बस नाम के लिए लड़ रहे हैं। वायनाड का वोट तो बीजेपी के पास नहीं है। इस चुनाव का कोई मतलब ही नहीं है।
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    leo rotthier

    अक्तूबर 25, 2024 AT 16:42
    कांग्रेस के लोग तो हमेशा अपने नाम से चुनाव जीतने की कोशिश करते हैं। लेकिन आज का भारत नाम से नहीं काम से चुनता है। नव्या हरिदास जैसी लड़की को बीजेपी ने उतारा है तो ये देश की नई ताकत है। जय हिंद।
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    Pushkar Goswamy

    अक्तूबर 26, 2024 AT 23:48
    क्या आपने देखा कि नव्या ने अपने पहले सभा में कितना बोला? वो तो बिना बोले भी जीत चुकी हैं। ये बस एक शुरुआत है।
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    Shankar V

    अक्तूबर 28, 2024 AT 06:30
    ये सब एक गुप्त योजना है। बीजेपी ने नव्या को इसलिए चुना क्योंकि वो राष्ट्रीय स्तर पर गूगल पर सर्च नहीं होती। ये वो हैं जिन्हें लोग नहीं जानते और इसीलिए वो असली चुनावी टूल हैं। ये नाम तो बस धोखा है।
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    Aashish Goel

    अक्तूबर 29, 2024 AT 01:47
    अरे यार, नव्या हरिदास... क्या ये नाम है या कोई नया ब्रांड? मैंने तो सुना था नव्या के बारे में, लेकिन ये तो बिल्कुल नया नाम है... ये लोग तो चुनाव में नाम बदल देते हैं जैसे फोन अपग्रेड करते हैं... अरे बस एक बार बता दो कि वो कौन हैं? क्या वो आईआईटी से आई हैं? क्या उनका पासपोर्ट चार्ज है? ये सब बहुत अजीब लग रहा है...
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    vasanth kumar

    अक्तूबर 30, 2024 AT 20:09
    वायनाड का ये चुनाव दक्षिण भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यहां की सांस्कृतिक विविधता और जनता की भावनाएं बहुत अलग हैं। नव्या की नियुक्ति एक सही कदम है क्योंकि वो अपने क्षेत्र की आवाज हैं।
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    Anila Kathi

    नवंबर 1, 2024 AT 00:54
    नव्या हरिदास बहुत अच्छी हैं 😍 लेकिन प्रियंका भी तो बहुत शानदार हैं 😊 दोनों को जीतना चाहिए ना? ये तो बस एक चुनाव है, दोस्ती तो बनी रहनी चाहिए 💕
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    Vinay Vadgama

    नवंबर 2, 2024 AT 21:23
    इस चुनाव के माध्यम से हम यह देख सकते हैं कि भारत की राजनीति कैसे बदल रही है। नव्या हरिदास की नियुक्ति एक ऐतिहासिक मोड़ है जो भविष्य के लिए एक नया मानक स्थापित करती है।
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    Karan Kundra

    नवंबर 4, 2024 AT 13:59
    अगर नव्या जीतती हैं तो ये सिर्फ उनकी जीत नहीं होगी ये देश के हर उस महिला की जीत होगी जिसने कभी अपने आप को राजनीति में लाने का साहस नहीं किया। हम सबको उनका साथ देना चाहिए।
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    Abhinav Dang

    नवंबर 5, 2024 AT 03:58
    ये सब बहुत बढ़िया है। नव्या की बैकग्राउंड एक्सपोज़र बहुत ज्यादा है और उनके अंदर एक नए जनता के लिए एक नया विज़न है। ये लीडरशिप का एक नया फॉर्मूला है।
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    krishna poudel

    नवंबर 5, 2024 AT 15:30
    अरे यार नव्या कौन है? उसका पापा कौन है? क्या वो राहुल गांधी की बहन है? नहीं? तो फिर ये चुनाव क्यों हो रहा है? बस टीवी पर नाम बनाने के लिए? अरे भाई इतना धमाका क्यों?
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    Andalib Ansari

    नवंबर 6, 2024 AT 03:19
    इस चुनाव में जो भी जीते वो एक नए भारत का प्रतीक बनेगा। ये बस एक चुनाव नहीं बल्कि एक दर्शन है। क्या हम नाम के लिए चुनते हैं या काम के लिए? ये सवाल आज हम सबके सामने है।
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    Akash Kumar

    नवंबर 7, 2024 AT 09:45
    नव्या हरिदास की नियुक्ति एक विचारधारात्मक और सांस्कृतिक अभिनव उपलब्धि है। इसके माध्यम से बीजेपी ने एक नए राजनीतिक नारे को जन्म दिया है जो वास्तविक जनता के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।

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