भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक कुवैत दौरा: आर्थिक और द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक कुवैत दौरा: आर्थिक और द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती

दिस॰, 21 2024

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुवैत दौरा: एक ऐतिहासिक पहल

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुवैत यात्रा करना ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले कोई भारतीय प्रधानमंत्री 43 वर्षों में वहां नहीं पहुंचे थे। यह यात्रा भारतीय-कुवैत संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय और आर्थिक संबंधों को नए आयाम दे सकती है।

कुवैत में भारतीय प्रवासियों की संख्या लगभग 10 लाख है। इस समुदाय का एक बड़ा हिस्सा कुवैत की अर्थव्यवस्था में विशेष योगदान देता है, विशेषकर स्वास्थ्य और तेल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में। स्वास्थ्य क्षेत्र में भारतीय डॉक्टरों और नर्सों की भूमिका बड़ी है। कुवैत के भारतीय समुदाय में 1000 डॉक्टर, 500 डेंटिस्ट, और 24000 नर्स शामिल हैं। वे कुवैत की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

रेमिटेंस और आर्थिक योगदान

प्रवासी भारतीयों की स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्व है, क्योंकि वे भारत को प्रतिवर्ष बड़ा रेमिटेंस भेजते हैं। 2023 में, कुवैत के प्रवासी भारतीयों ने 2.1 बिलियन कुवैती दिनार, जोकि लगभग 6.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, रेमिटेंस भेजा। यह रेमिटेंस भारत के विदेशी रेमिटेंस के कुल 4.8 प्रतिशत के बराबर है, जो भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

भारतीय कामगार यहां विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं। जैसे कि असंरचित श्रमिक वर्ग जिसमें मजदूर, हेल्पर, और सफाई कर्मचारी शामिल हैं, जिन्हे लगभग 100 कुवैती दिनार प्रति माह मिलता है। सेमी-स्किल्ड वर्कर्स जैसे डिलीवरी बॉय, नाई, और सुरक्षा गार्ड्स 100 से 170 दिनार कमाते हैं। वहीं, स्किल्ड वर्कर्स जैसे टेक्नीशियन और मैकेनिकल कर्मचारी 120 से 200 दिनार प्रतिमाह कमाते हैं।

भारतीय प्रवासियों के प्रमुख स्रोत्र

कुवैत में ज्यादातर भारतीय प्रवासी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और तमिलनाडु जैसे राज्यों से आते हैं। 2012 में भारत और कुवैत के बीच हुआ स्वास्थ्य क्षेत्र का समझौता इन क्षेत्रों के प्रोफेशनल्स के लेन-देन को बढ़ावा देता है। इसके द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों और सुविधाओं का आदान-प्रदान संभव हुआ है।

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का मकसद और अपेक्षाएं

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से उम्मीद की जाती है कि द्विपक्षीय और आर्थिक सहयोग में और मजबूती आएगी। 2023-2024 में, भारत और कुवैत के बीच व्यापार का आंकड़ा 10.47 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह यात्रा नए अवसरों को जन्म देगी और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को निकटता प्रदान करेगी।

इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत से संभवतः नए व्यावसायिक परियोजनाओं, निवेश, और सहयोग के रास्ते खुलेंगे, जो आर्थिक विकास और सामरिक सहयोग की दिशा में सहायक होंगे। भारत और कुवैत के मजबूत होते संबंध क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक सुधारों के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

19 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Akshat goyal

    दिसंबर 22, 2024 AT 23:01
    ये दौरा असली में बहुत अच्छा है। कुवैत में हमारे भाइयों की स्थिति सुधरेगी।
  • Image placeholder

    Diksha Sharma

    दिसंबर 23, 2024 AT 11:45
    अरे ये सब बकवास है... मोदी बस फोटो खींचवा रहे हैं। कुवैत वाले तो अभी भी हमारे लोगों को गालियाँ देते हैं। ये सब राजनीति है भाई।
  • Image placeholder

    Amrit Moghariya

    दिसंबर 23, 2024 AT 21:11
    बस एक बात समझ लो... जब तक हमारे लोग यहाँ नौकरी कर रहे हैं, तब तक ये दौरे जरूरी हैं। अगर तुम्हारा भाई यहाँ है तो तुम भी इसे सराहो। 😌
  • Image placeholder

    Mansi Arora

    दिसंबर 25, 2024 AT 17:57
    2.1 बिलियन दिनार? अरे ये तो बहुत कम है... कतर और सऊदी तो 10 गुना भेजते हैं। हमारे लोग यहाँ बहुत गरीब हैं। और फिर भी सरकार खुश है।
  • Image placeholder

    ashi kapoor

    दिसंबर 27, 2024 AT 14:40
    मैं तो बस सोच रही थी कि जब तक हमारे नर्स और डॉक्टर यहाँ नहीं जाते, तब तक कुवैत की हेल्थकेयर सिस्टम टूट जाती। अब ये दौरा हुआ, अच्छा हुआ। पर अगर ये लोग यहाँ नहीं होते, तो क्या होता? 😅
  • Image placeholder

    shubham gupta

    दिसंबर 28, 2024 AT 10:47
    2012 के समझौते के बाद से ही भारतीय स्वास्थ्यकर्मी कुवैत में अच्छी तरह एकीकृत हो गए हैं। यह एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसे इस दौरे ने और मजबूत किया है।
  • Image placeholder

    Gajanan Prabhutendolkar

    दिसंबर 29, 2024 AT 03:39
    हर बार जब कोई दौरा होता है, तो ये बातें चलती हैं। पर क्या हुआ? क्या भारतीय श्रमिकों के लिए कोई नया कानून बना? क्या उनकी वेतन वृद्धि हुई? नहीं। सिर्फ तस्वीरें और बयान।
  • Image placeholder

    Thomas Mathew

    दिसंबर 29, 2024 AT 07:45
    इंसानियत बाहर निकलती है तो राष्ट्रीयता भी बढ़ जाती है... लेकिन ये दौरा क्या बदल गया? जिन लोगों को बचाना था, वो अभी भी घर जाने के लिए पैसे जुटा रहे हैं।
  • Image placeholder

    sneha arora

    दिसंबर 30, 2024 AT 13:24
    मेरी बहन भी कुवैत में नर्स है... वो बोलती है कि यहाँ उनकी सम्मान किया जाता है। ❤️ इस दौरे का मतलब है कि हमारी बहनों को याद किया जा रहा है।
  • Image placeholder

    anand verma

    जनवरी 1, 2025 AT 00:25
    इस ऐतिहासिक दौरे के माध्यम से भारत और कुवैत के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाया जा सकता है। दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी सम्मान का विकास होना चाहिए।
  • Image placeholder

    Yash Tiwari

    जनवरी 1, 2025 AT 09:02
    आर्थिक सहयोग का आंकड़ा बढ़ना तो बहुत अच्छी बात है, लेकिन क्या यह वास्तविक न्याय की ओर ले जाता है? क्या हमारे लोगों को बराबर अधिकार मिले? नहीं। ये सब तो बस बड़े बड़े आंकड़े हैं। जनता को क्या मिला?
  • Image placeholder

    Nathan Roberson

    जनवरी 3, 2025 AT 07:31
    मैंने खुद कुवैत में काम किया है। वहाँ के लोग हमारे लोगों को बहुत सम्मान देते हैं। ये दौरा सिर्फ एक निशान नहीं, बल्कि एक संदेश है।
  • Image placeholder

    Diksha Sharma

    जनवरी 4, 2025 AT 00:12
    हाँ तुम सब बहुत अच्छे हो लेकिन जब मेरे भाई को अपनी नौकरी छीन ली गई तो किसने उसकी मदद की? कोई नहीं। इसलिए मैं ये दौरा नहीं मानता।
  • Image placeholder

    Amrit Moghariya

    जनवरी 4, 2025 AT 03:42
    अरे भाई, एक दौरा होने से सब कुछ नहीं बदलता। पर इसका मतलब ये नहीं कि ये बेकार है। ये तो बस शुरुआत है। अब देखो कि अगले छह महीने में क्या होता है।
  • Image placeholder

    Siddharth Madan

    जनवरी 5, 2025 AT 21:59
    हमारे लोग यहाँ बहुत मेहनत करते हैं। इस दौरे से उनकी मेहनत का सम्मान हो रहा है। बस यही काफी है।
  • Image placeholder

    simran grewal

    जनवरी 6, 2025 AT 08:44
    ओह तो अब दौरा करके सब ठीक हो गया? जब तक हमारे लोगों को वीजा नहीं मिलते, तब तक ये सब बकवास है।
  • Image placeholder

    Monika Chrząstek

    जनवरी 7, 2025 AT 17:24
    मैंने भी अपने दोस्त को कुवैत भेजा था। उसने कहा कि अब वहाँ भारतीय डॉक्टरों को अलग से सम्मान दिया जाता है। ये छोटी बात बड़ी है।
  • Image placeholder

    Dr.Arunagiri Ganesan

    जनवरी 9, 2025 AT 00:30
    ये दौरा न सिर्फ राजनीति है, बल्कि एक विकास की नींव है। भारत के लोगों की बहुमत ने इसे समझा है। यही सच है।
  • Image placeholder

    Vinay Menon

    जनवरी 9, 2025 AT 02:01
    मैं अपने दोस्त के बारे में बात कर रहा हूँ जो कुवैत में है। उसके बच्चे अब हिंदी बोलते हैं। ये दौरा उनकी पहचान को मजबूत कर रहा है।

एक टिप्पणी लिखें

लोकप्रिय लेख

रतन टाटा का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण: ब्रिच कैंडी अस्पताल में इलाज

आगे पढ़ें

संजू सैमसन ने की धोनी से आईपीएल में बने रहने की गुजारिश: 'थोड़ा और भाईया'

आगे पढ़ें

क्रिस्टियानो रोनाल्डो को फिर से मिला निराशा का सामना, अल नासर ने खोया सऊदी कप

आगे पढ़ें

अरविंद केजरीवाल का एक्साइज 'घोटाले' में सीधा हाथ: सीबीआई चार्जशीट

आगे पढ़ें