भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुवैत दौरा: एक ऐतिहासिक पहल
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुवैत यात्रा करना ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले कोई भारतीय प्रधानमंत्री 43 वर्षों में वहां नहीं पहुंचे थे। यह यात्रा भारतीय-कुवैत संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय और आर्थिक संबंधों को नए आयाम दे सकती है।
कुवैत में भारतीय प्रवासियों की संख्या लगभग 10 लाख है। इस समुदाय का एक बड़ा हिस्सा कुवैत की अर्थव्यवस्था में विशेष योगदान देता है, विशेषकर स्वास्थ्य और तेल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में। स्वास्थ्य क्षेत्र में भारतीय डॉक्टरों और नर्सों की भूमिका बड़ी है। कुवैत के भारतीय समुदाय में 1000 डॉक्टर, 500 डेंटिस्ट, और 24000 नर्स शामिल हैं। वे कुवैत की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
रेमिटेंस और आर्थिक योगदान
प्रवासी भारतीयों की स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्व है, क्योंकि वे भारत को प्रतिवर्ष बड़ा रेमिटेंस भेजते हैं। 2023 में, कुवैत के प्रवासी भारतीयों ने 2.1 बिलियन कुवैती दिनार, जोकि लगभग 6.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, रेमिटेंस भेजा। यह रेमिटेंस भारत के विदेशी रेमिटेंस के कुल 4.8 प्रतिशत के बराबर है, जो भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
भारतीय कामगार यहां विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं। जैसे कि असंरचित श्रमिक वर्ग जिसमें मजदूर, हेल्पर, और सफाई कर्मचारी शामिल हैं, जिन्हे लगभग 100 कुवैती दिनार प्रति माह मिलता है। सेमी-स्किल्ड वर्कर्स जैसे डिलीवरी बॉय, नाई, और सुरक्षा गार्ड्स 100 से 170 दिनार कमाते हैं। वहीं, स्किल्ड वर्कर्स जैसे टेक्नीशियन और मैकेनिकल कर्मचारी 120 से 200 दिनार प्रतिमाह कमाते हैं।
भारतीय प्रवासियों के प्रमुख स्रोत्र
कुवैत में ज्यादातर भारतीय प्रवासी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और तमिलनाडु जैसे राज्यों से आते हैं। 2012 में भारत और कुवैत के बीच हुआ स्वास्थ्य क्षेत्र का समझौता इन क्षेत्रों के प्रोफेशनल्स के लेन-देन को बढ़ावा देता है। इसके द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों और सुविधाओं का आदान-प्रदान संभव हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का मकसद और अपेक्षाएं
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से उम्मीद की जाती है कि द्विपक्षीय और आर्थिक सहयोग में और मजबूती आएगी। 2023-2024 में, भारत और कुवैत के बीच व्यापार का आंकड़ा 10.47 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह यात्रा नए अवसरों को जन्म देगी और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को निकटता प्रदान करेगी।
इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत से संभवतः नए व्यावसायिक परियोजनाओं, निवेश, और सहयोग के रास्ते खुलेंगे, जो आर्थिक विकास और सामरिक सहयोग की दिशा में सहायक होंगे। भारत और कुवैत के मजबूत होते संबंध क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक सुधारों के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
Akshat goyal
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