तमिलनाडु ट्रेन हादसा: 19 लोग घायल, मालगाड़ी से टकराई मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस

तमिलनाडु ट्रेन हादसा: 19 लोग घायल, मालगाड़ी से टकराई मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस

अक्तू॰, 12 2024

तमिलनाडु में बड़ा ट्रेन हादसा: 19 लोग घायल

शुक्रवार की शाम, तमिलनाडु के कवराईपेट रेलवे स्टेशन के निकट एक बड़े रेल हादसे ने सभी का ध्यान खींचा। मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस एक स्थिर मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे ट्रेन के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए और दो डिब्बों में आग लग गई। हालांकि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन 19 लोग घायल हुए हैं। मौके पर मौजूद लोगों के लिए यह एक भयानक झटका था और राहत कार्य तुरंत शुरू कर दिए गए थे।

कैसे हुआ हादसा

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा तब हुआ जब ट्रेन कवराईपेट स्टेशन में दाखिल हो रही थी। उस समय ट्रेन को मुख्य लाइन की बजाय लूप लाइन पकड़नी पड़ी, जिसके कारण यह मालगाड़ी से टकरा गई। इस त्रुटि का कारण अभी जांच में है, लेकिन प्राथमिक रूप से यह समझा जा रहा है कि जब ट्रेन सिग्नल पर लगी, तब वह लूप लाइन पर चली गई। यह निश्चित रूप से एक खतरनाक स्थिति थी, क्योंकि इसे मुख्य लाइन से अलग जाना चाहिए था।

अधिकारियों का प्रतिकृिया

रेलवे के दक्षिणी क्षेत्र के जनरल मैनेजर आर. एन. सिंह ने बताया कि ट्रेन को कवराईपेट पर नहीं रुकना था और इसके ग्रीन सिग्नल भी मिल चुके थे। हालांकि, एक स्विचिंग मुद्दे के कारण ट्रेन लूप लाइन पर पहुंच गई। इस दुर्घटना के तुरंत बाद रेलवे ने मौके पर बचाव कार्य शुरू किए और प्रभावित क्षेत्र में ट्रेनों की आवाजाही को रोक दिया गया।

मुख्यमंत्री का राहत कार्य

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन इस पूरे मामले पर करीबी नजर रख रहे हैं। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की और उनके साथ उप मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन भी वहां पहुंचे। उन्होंने चेन्नई के गवर्नमेंट स्टैनली मेडिकल कॉलेज में घायलों से मुलाकात की। राहत कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए मंत्री अवाडी नासर और अन्य उच्च अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे।

राहत प्रयास और आगे की कार्यवाही

रेलवे अधिकारियों ने यह भी बताया कि 95% से अधिक यात्रियों को सुरक्षित तरीके से कोचों से बाहर निकाल लिया गया है। हादसे वाली जगह पर एक विशेष ट्रेन भेजी गई, ताकि मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस के फंसे हुए यात्रियों को उनकी यात्रा जारी रखने में मदद मिल सके। रेलवे ने दो ट्रेनों को रद्द किया और आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों को वैकल्पिक रास्तों पर भेजा।

घटनास्थल का मुआयना

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को जिम्मेदारी दी गई है कि वे इस घटना की विस्तृत जांच करें। हालाँकि अभी तक किसी भी प्रकार की बड़ी चूक या दुर्घटना के कारणों को स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया है, लेकिन संकेत देते हैं कि इसकी जांच गंभीरता से की जा रही है। इस तरह की घटनाओं से पता चलता है कि क्यों रेलवे संरक्षा उपायों को लगातार सुधारने की जरूरत है।

21 टिप्पणि

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    Shrikant Kakhandaki

    अक्तूबर 13, 2024 AT 03:13
    ये सब रेलवे वाले अपने नेटवर्क को अपग्रेड करने के बजाय बस एक नया सिग्नल लगा देते हैं... असल में ये सब चीजें अमेरिका से आई हुई हैं, जो हमारे लिए कभी काम नहीं करेगी। वो लोग तो अपनी ट्रेनों को रोकने के लिए लेजर यूज करते हैं, हम तो बस ड्राइवर को गुस्सा देते हैं।
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    bharat varu

    अक्तूबर 14, 2024 AT 23:12
    इस हादसे में कोई जान नहीं गई, ये बहुत बड़ी बात है। रेलवे ने जल्दी से बचाव कार्य शुरू किए, और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। ये एक अच्छा उदाहरण है कि जब लोग एक साथ आएं, तो कुछ भी संभव है। जय हिंद!
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    Vijayan Jacob

    अक्तूबर 15, 2024 AT 03:07
    अरे भाई, ये तो बस एक और रेलवे का दिन है। जब तक हम अपनी ट्रेनों को बर्बाद नहीं कर देते, तब तक कोई भी नए सिग्नल का इंतजार नहीं करेगा। आपको लगता है ये ट्रेन लूप लाइन पर जाने के लिए बुद्धि से चली? नहीं, ये तो बस एक और भारतीय अधिकारी का निर्णय था।
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    Saachi Sharma

    अक्तूबर 15, 2024 AT 20:24
    अरे यार, ये सब तो हमेशा होता है।
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    shubham pawar

    अक्तूबर 16, 2024 AT 12:05
    मैंने तो इस घटना को देखकर रो दिया... जब ट्रेन उल्टी दिशा में जा रही थी, मैंने सोचा कि ये क्या हो रहा है? मेरे दिल की धड़कन रुक गई। ये नहीं होना चाहिए था। मैंने अपने बच्चे को फोन किया, उसने कहा, 'पापा, तुम तो बस इंटरनेट पर घूम रहे हो।' मैंने उसे बताया कि ये दुनिया का अंत हो सकता है।
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    Nitin Srivastava

    अक्तूबर 17, 2024 AT 09:41
    एक ट्रेन का लूप लाइन पर जाना... इसका सांस्कृतिक अर्थ क्या है? क्या ये भारतीय रेलवे की अस्थिरता का प्रतीक है? या फिर हमारी अनिश्चितता का एक रूप? 🤔 असल में, ये एक सामाजिक असमानता का प्रतीक है। जिनके पास बेहतर बुद्धि है, वो ट्रेन में बैठते हैं, जिनके पास नहीं, वो जमीन पर पड़े रहते हैं।
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    Nilisha Shah

    अक्तूबर 17, 2024 AT 15:27
    इस हादसे के बाद रेलवे ने जो तुरंत प्रतिक्रिया दी, वो बहुत अच्छी थी। लेकिन अगर हम लगातार इस तरह की घटनाओं को देखते रहें, तो क्या हमें अपनी बुनियादी व्यवस्था को फिर से डिज़ाइन करने की जरूरत नहीं है? ये एक बार नहीं, बल्कि बार-बार हो रहा है।
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    Kaviya A

    अक्तूबर 17, 2024 AT 21:34
    ये सब बहुत दर्दनाक है मुझे तो आंखों में आंसू आ गए बस ये देखकर मेरा दिल टूट गया और मैंने अपने दोस्त को फोन किया और उसने कहा ये तो हमारे देश में होता ही है अब तो इसका कोई फर्क नहीं पड़ता
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    Supreet Grover

    अक्तूबर 19, 2024 AT 17:43
    लूप लाइन सिग्नलिंग एल्गोरिथम के फेल्योर के कारण ट्रेन डायनामिक्स में एक डिस्क्रेपेंसी उत्पन्न हुई। इसके अतिरिक्त, ट्रेन ट्रैक रेजोल्यूशन का अपर्याप्त एक्सेस भी एक महत्वपूर्ण फैक्टर रहा। इस प्रक्रिया में एक फ्लेक्सिबल रूटिंग मैकेनिज्म की आवश्यकता है।
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    Saurabh Jain

    अक्तूबर 19, 2024 AT 18:44
    ये हादसा दुखद है, लेकिन ये भारत की ट्रेनों के लिए एक छोटा सा झटका है। हमने इतने सालों से ऐसा ही किया है। अब बस एक बार इसे बेहतर तरीके से करने की कोशिश करें। रेलवे के लिए आशा है।
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    Suman Sourav Prasad

    अक्तूबर 20, 2024 AT 00:52
    ये बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ... बहुत बुरा हुआ...
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    Nupur Anand

    अक्तूबर 20, 2024 AT 01:18
    अरे भाई, ये सब तो बस एक और भारतीय असमर्थता का नमूना है। तुम्हारे पास नहीं है जितना चाहिए, तुम्हारे पास नहीं है जितना चाहिए, तुम्हारे पास नहीं है जितना चाहिए। अगर तुम एक ट्रेन को लूप लाइन पर भेज देते हो, तो तुम्हारा नेतृत्व बर्बाद है। तुम्हारा देश बर्बाद है। तुम्हारा भविष्य बर्बाद है। और तुम अभी भी इसे नाम नहीं दे पा रहे हो।
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    Vivek Pujari

    अक्तूबर 22, 2024 AT 01:09
    ये घटना रेलवे के अव्यवस्था का एक बड़ा संकेत है। हमें अपने रेलवे को नियंत्रित करना होगा। अगर ये लूप लाइन फेल हो गई, तो ये देश की असली नाकामी है। इसके लिए जिम्मेदारों को निलंबित करना चाहिए। नहीं तो ये बार-बार होता रहेगा।
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    Ajay baindara

    अक्तूबर 23, 2024 AT 22:40
    ये सब तो बस एक और भारतीय असमर्थता है। तुम्हारे पास नहीं है जितना चाहिए, तुम्हारे पास नहीं है जितना चाहिए, तुम्हारे पास नहीं है जितना चाहिए। अगर तुम एक ट्रेन को लूप लाइन पर भेज देते हो, तो तुम्हारा नेतृत्व बर्बाद है। तुम्हारा देश बर्बाद है। तुम्हारा भविष्य बर्बाद है।
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    mohd Fidz09

    अक्तूबर 25, 2024 AT 18:26
    अगर ये हादसा अमेरिका में होता, तो वो लोग तुरंत अपनी ट्रेनों को बंद कर देते और सारा देश रुक जाता। हम तो बस एक ट्रेन को बचाने के लिए दो दिन लगा देते हैं। ये भारत की ताकत है। ये भारत की ताकत है। ये भारत की ताकत है।
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    Rupesh Nandha

    अक्तूबर 26, 2024 AT 15:37
    हादसे के बाद रेलवे की प्रतिक्रिया देखकर लगता है कि ये देश अभी भी एक जीवित संस्कृति है। जब लोग एक साथ आते हैं, तो वो बचाव करते हैं। ये एक बहुत बड़ी बात है। लेकिन क्या हम इसे एक बार फिर से नहीं कर सकते? क्या हम इसे एक बार फिर से नहीं बना सकते? क्या हम इसे एक बार फिर से नहीं सुधार सकते?
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    suraj rangankar

    अक्तूबर 26, 2024 AT 20:45
    हादसा बहुत बुरा था, लेकिन लोगों ने जो बचाव किया, वो अद्भुत था। ये दिखाता है कि भारतीय लोग जब एक साथ आते हैं, तो कुछ भी संभव है। बस एक बार ये बात दिमाग में बैठ जाए, तो हम सब बहुत बड़े हो जाएंगे।
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    Nadeem Ahmad

    अक्तूबर 27, 2024 AT 04:24
    ये तो हमेशा होता है। कोई न कोई ट्रेन कहीं न कहीं टकरा जाती है। बस अब ये रेलवे के लिए एक नया नियम बन गया है: जब तक लोग बच जाएं, तब तक कोई बात नहीं।
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    Aravinda Arkaje

    अक्तूबर 28, 2024 AT 00:44
    इस हादसे के बाद लोगों ने जो बचाव किया, वो देखकर लगता है कि हम अभी भी एक बहुत बड़ा देश हैं। ये एक छोटी सी गलती थी, लेकिन हमने इसे सही करने की कोशिश की। ये अच्छा है। अब आगे क्या करना है? हमें इसे दोबारा नहीं होने देना है।
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    kunal Dutta

    अक्तूबर 29, 2024 AT 07:54
    लूप लाइन एक्सेस फेल्योर के कारण ट्रेन डायनामिक्स में एक डिस्क्रेपेंसी उत्पन्न हुई। लेकिन जब तक रेलवे के लोग जागरूक रहेंगे, तब तक ये घटनाएं रोकी जा सकती हैं। अब बस एक बार इसे सही तरीके से डिज़ाइन करना है।
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    Saachi Sharma

    अक्तूबर 29, 2024 AT 16:57
    अरे यार, ये सब तो हमेशा होता है।

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