FC गोवा के प्रमुख कोच मैनोलो मार्क्वेज को भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम का नया कोच नियुक्त किया गया है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा जुलाई 20, 2024 को की। यह नियुक्ति इगोर स्टिमैक को पद से हटाने के बाद की गई है, जिन्हे जून 17 को हटाया गया था क्योंकि भारतीय टीम 2026 फीफा विश्व कप क्वालिफायर्स के तीसरे दौर के लिए योग्यता प्राप्त नहीं कर पाई थी।
मैनोलो मार्क्वेज, जो वर्तमान में 55 वर्ष के हैं, FC गोवा को 2024-25 सत्र तक कोचिंग देना जारी रखेंगे और उसके बाद राष्ट्रीय टीम के कोच के रूप में पूर्णकालिक रुप से कार्यभार संभालेंगे। मार्क्वेज का भारतीय फुटबॉल में अनुभव काफी व्यापक है और उन्होंने 2020 से स्वीकीय फिल्म में कोचिंग की है। भारतीय सुपर लीग (ISL) में उन्होंने हderabad FC और FC गोवा के साथ महत्वपूर्ण कार्य किया है।
मार्क्वेज ने 2021-22 सीज़न में हैदराबाद FC को ISL कप जिताया था और उनके मार्गदर्शन में टीम ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उनकी इस नियुक्ति का उद्देश्य भारतीय फुटबॉल को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।
नए कोच मैनोलो मार्क्वेज ने अपनी खुशी और कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने FC गोवा को धन्यवाद दिया कि उन्होंने उन्हें राष्ट्रीय टीम की जिम्मेदारी सँभालने की अनुमति दी। मार्क्वेज ने कहा कि वह लाखों भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों के लिए सफलता लाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
भारतीय फुटबॉल में मार्क्वेज का योगदान
मार्क्वेज ने भारतीय फुटबॉल में विशेष रूप से ISL में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने 2020 में हैदराबाद FC के साथ अपने करियर की शुरुवात की और जल्दी ही अपने गेम प्लान और रणनीतियों से सबको प्रभावित किया। 2021-22 सीज़न में उनकी कोचिंग में हैदराबाद FC ने चैंपियनशिप जीती, जो उनके कौशल और क्षमता का प्रमाण है।
FC गोवा के साथ भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और कई युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाया। उनके मार्गदर्शन में FC गोवा ने बहुत अच्छी फुटबॉल खेली और अपनी रणनीति से सबको प्रभावित किया।
AIFF का महत्वपूर्ण निर्णय
AIFF के लिए यह निर्णय लेना काफी कठिन था, लेकिन उन्हें विश्वास है कि मैनोलो मार्क्वेज भारतीय टीम को नए आयाम पर ले जाएंगे। मार्क्वेज की कोचिंग शैली, उनकी रणनीतियाँ और खेल की गहरी समझ उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती हैं। AIFF का मानना है कि उनके अनुभव और दृष्टिकोण से भारतीय फुटबॉल को बहुत फायदा होगा।
AIFF के अध्यक्ष ने कहा कि मैनोलो मार्क्वेज एक प्रयोगात्मक और कुशल कोच हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगी। उन्होंने कहा, 'हम मैनोलो को भारतीय फुटबॉल का हिस्सा बनने का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि उनके निर्देशन में टीम नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी।'
मार्क्वेज का विजन
मार्क्वेज का मानना है कि भारतीय फुटबॉल में बहुत बड़ी संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों में क्षमता की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें सही प्रशिक्षण और मार्गदर्शन की जरूरत है। वह चाहते हैं कि भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएं और इसके लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा, 'मेरी प्राथमिकता होगी कि मैं भारतीय खिलाड़ियों की नैतिकता और तकनीकी स्किल्स को बढ़ावा दूं। हम सब मिलकर एक ऐसा माहौल बनाएंगे जहाँ टीम सामूहिक रूप से और व्यक्तिगत रूप से भी उत्कृष्टता की ओर बढ़े। मैं चाहता हूँ कि भारतीय फुटबॉल अमेरिका, यूरोप और साऊथ अमेरिका के शीर्ष देशों की तरह मजबूत बने।'
राष्ट्रीय और क्लब स्तर पर संतुलन
मार्क्वेज का यह भी मानना है कि राष्ट्रीय और क्लब स्तर पर एक संतुलन बनाना बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा कि वह FC गोवा के साथ 2024-25 सत्र के बाद पूर्णकालिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय टीम के कोच के रूप में काम करेंगे। जब तक वह दोनों जिम्मेदारियों को संतुलित करेंगे, तब तक उन्हें FC गोवा का पूरा सहयोग मिलेगा।
उन्होंने कहा, 'FC गोवा मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है और मैं वहां अपना बेस्ट देने का प्रयास करूंगा। इसके साथ-साथ राष्ट्रीय टीम के लिए भी मैं अपना योगदान दूंगा। मेरे लिए दोनों जिम्मेदारियाँ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और मैं दोनों के बीच सही संतुलन बनाऊंगा।'
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में योगदान
मैनोलो मार्क्वेज का लक्ष्य है कि भारतीय टीम संयुक्त राष्ट्र एशियन कप और फीफा विश्व कप क्वालिफायर्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन करे। वह चाहते हैं कि टीम ऐसे ही बड़ी प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले और अपनी जगह बनाए।
इसके लिए वह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेंगे और टीम की कमजोरियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। उनका कहना है कि वह टीम में एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास भरेंगे ताकि खिलाड़ी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।
इस प्रकार, मैनोलो मार्क्वेज की नियुक्ति से भारतीय फुटबॉल को नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी। उनके अनुभव और कौशल से भारतीय टीम को नए आयाम प्राप्त होंगे और देश के फुटबॉल प्रेमियों को नई उम्मीदें और उत्साह मिलेगा।
Sagar Solanki
जुलाई 21, 2024 AT 08:56ये सब बकवास है। एक स्पेनिश कोच भारतीय टीम को बचाएगा? जब तक हमारे खिलाड़ी अपने घर के बाहर गेंद को भी ठीक से नहीं चला पाते, तब तक ये सब नए रणनीतियाँ केवल पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन में रहेंगी। AIFF ने क्या सोचा? ये लोग तो बस अपनी नौकरी बचाने के लिए किसी भी फॉरेनर को ला रहे हैं।
Siddharth Madan
जुलाई 21, 2024 AT 17:42अच्छा फैसला हुआ। मैनोलो का अनुभव और उनकी शांत अंदाज़ में कोचिंग असली में बदलाव ला सकती है। बस थोड़ा समय दें।
Nathan Roberson
जुलाई 23, 2024 AT 14:34मैंने गोवा के मैच देखे थे, उनकी टीम तो बहुत अच्छी खेल रही थी। अगर वो वही कर पाएंगे तो हमारी टीम भी बदल जाएगी। बस खिलाड़ियों को थोड़ा आज़ादी दो, बहुत ज्यादा नियम नहीं।
Thomas Mathew
जुलाई 24, 2024 AT 15:19ये सब एक बड़ा नाटक है। तुम्हें पता है कि इसके पीछे कौन है? फीफा के लॉबीयर्स ने भारत को एक यूरोपीय कोच देने का दबाव डाला है। असली बात ये है कि हमारे खिलाड़ी अभी भी बाहर के लोगों के निर्देशों पर भरोसा कर रहे हैं। हमें अपने अनुभव की जरूरत है, न कि एक स्पेनिश आदमी की। 😒
Dr.Arunagiri Ganesan
जुलाई 25, 2024 AT 12:00भारतीय फुटबॉल को नई ऊर्जा चाहिए थी। मैनोलो का अनुभव और उनकी दृढ़ता बहुत अच्छी बात है। अब देखना होगा कि हमारे युवा खिलाड़ी इस नए दृष्टिकोण को कैसे अपनाते हैं। हम एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं।
simran grewal
जुलाई 27, 2024 AT 06:43अरे भाई, एक विदेशी कोच लाने से क्या फर्क पड़ेगा? जब तक हमारे बच्चे अपने घर के बाहर फुटबॉल नहीं खेलेंगे, बस फिल्म देखते रहेंगे। ये सब नए कोच तो बस टीवी पर दिखने के लिए आते हैं।
Vinay Menon
जुलाई 28, 2024 AT 18:46मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि अगर ये कोच वाकई टीम को बदलना चाहता है, तो उसे खिलाड़ियों के साथ बात करनी चाहिए, न कि सिर्फ ट्रेनिंग ग्राउंड पर आदेश देना। इंसान हैं, न कि मशीनें।
Monika Chrząstek
जुलाई 30, 2024 AT 00:50मैनोलो बहुत अच्छे हैं लेकिन क्या उन्होंने हिंदी सीखी है? क्या वो खिलाड़ियों से बात कर पाएंगे? मुझे लगता है कि ये बहुत बड़ी गलती हो सकती है।
Vitthal Sharma
जुलाई 31, 2024 AT 06:10अच्छा फैसला।
chandra aja
जुलाई 31, 2024 AT 15:11AIFF ने इसे फीफा के दबाव में किया है। वो जानते हैं कि हमारे कोच अच्छे नहीं हैं। लेकिन ये भी नहीं जानते कि हमारे खिलाड़ी अभी भी बाहरी नियमों के खिलाफ हैं। ये सब एक बड़ा धोखा है।
Sutirtha Bagchi
अगस्त 1, 2024 AT 09:40ये तो बहुत बढ़िया हुआ! मैनोलो तो बहुत अच्छे हैं, मैंने उनकी टीम को खेलते देखा है। अब भारत भी बदलेगा! 😍
Abhishek Deshpande
अगस्त 2, 2024 AT 22:35मैनोलो मार्क्वेज की नियुक्ति, जो वास्तव में एक बहुत ही विशिष्ट और अनूठी कोचिंग शैली के साथ आते हैं, जिसमें वे टीम के व्यक्तिगत और सामूहिक व्यवहार को गहराई से समझते हैं, और जिसका अनुभव विश्व स्तर पर बहुत प्रभावशाली है, जिसके कारण वे हैदराबाद एफसी को आईएसएल कप जिताने में सफल रहे, और जिन्होंने फुटबॉल के तकनीकी, रणनीतिक, और मानसिक पहलुओं को एक अद्वितीय तरीके से जोड़ा है, यह निर्णय भारतीय फुटबॉल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, जिसके बारे में अब बहुत सारे लोग अपनी राय दे रहे हैं, लेकिन क्या कोई इस बात को समझता है कि यह सिर्फ एक कोच का बदलाव नहीं, बल्कि एक पूरे संस्कृति का बदलाव है?!