संजय सिंह का गंभीर आरोप: दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सेहत से BJP कर रही खिलवाड़

संजय सिंह का गंभीर आरोप: दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सेहत से BJP कर रही खिलवाड़

जुल॰, 21 2024

संजय सिंह का वर्तमान आरोप और उसकी पृष्ठभूमि

आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सेहत तिहाड़ जेल में बिगड़ रही है और इसके पीछे बीजेपी का हाथ है। संजय सिंह ने दावा किया कि केजरीवाल की मेडिकल रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई है कि उनकी सेहत को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

संजय सिंह ने कहा कि शुरुआत में बीजेपी ने केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि वे मिठाइयाँ खाकर अपनी शुगर लेवल बढ़ा रहे हैं। लेकिन अब बीजेपी यह कह रही है कि केजरीवाल ने अपना भोजन सेवन कम कर दिया है। सिंह ने सवाल उठाया कि कोई भी व्यक्ति अपनी जान के साथ इस तरह का खिलवाड़ क्यों करेगा? उन्होंने इसे एक साजिश करार देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य केजरीवाल की हत्या करना है।

LG कार्यालय की चिंता और तिहाड़ जेल की रिपोर्ट

संजय सिंह के इन आरोपों के पीछे दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय से प्राप्त एक संदेश का हाथ है। इस संदेश में केजरीवाल के द्वारा निर्धारित चिकित्सा आहार और दवाइयों से परहेज करने पर चिंता जताई गई है।

तिहाड़ जेल के अधीक्षक की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि केजरीवाल कम कैलोरी का सेवन जानबूझकर कर रहे हैं, जबकि उन्हें पर्याप्त मात्रा में घर का बना हुआ खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां तक कि 7 जुलाई को उन्होंने रात के खाने से पहले इंसुलिन लेने से भी इंकार कर दिया था।

क्या है तिहाड़ जेल की रिपोर्ट का सार

क्या है तिहाड़ जेल की रिपोर्ट का सार

तिहाड़ जेल के अधीक्षक की रिपोर्ट में बताया गया है कि केजरीवाल को घर से बना स्वास्थ्य वर्धक भोजन नियमित रूप से उपलब्ध कराया जा रहा है। बावजूद इसके, केजरीवाल ने अपनी खुराक में कमी कर दी है और निर्धारित आहार का पालन नहीं कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में केजरीवाल के 'इच्छा से कम कैलोरी सेवन' की भी बातें सामने आई हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, केजरीवाल को जेल अधिकारियों ने समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यह स्थिति बीजेपी और आप के बीच राजनीतिक उठापटक का एक नया अध्याय साबित हो रही है।

राजनीतिक विवाद और जनता की प्रतिक्रिया

इस मुद्दे ने राजनीतिक हलकों में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। बीजेपी और आप के बीच पहले से ही कड़वाहट थी और अब इस नए प्रकरण ने इस कड़वाहट को और भी गहरा कर दिया है। संजय सिंह के बयान के बाद आप कार्यकर्ताओं और समर्थकों में रोष व्याप्त हो गया है। उन्होंने बीजेपी पर केजरीवाल की जान से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।

दूसरी ओर, बीजेपी का कहना है कि उन्होंने कभी भी केजरीवाल के स्वास्थ्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं किया है। उनके अनुसार, केजरीवाल स्वयं अपनी सेहत की देखभाल नहीं कर रहे हैं और यह सब राजनीति का हिस्सा है।

वर्तमान स्थिति और आगे की संभावना

वर्तमान स्थिति और आगे की संभावना

इस मुद्दे पर राजनीतिक माहौल काफी गर्म हो चुका है। आप और बीजेपी के बीच यह खींचतान बरकरार रहने की संभावना है। संजय सिंह ने बताया कि वो इस मामले को संसद में भी उठाने की योजना बना रहे हैं ताकि सच सबके सामने आ सके।

जनता अब यह देखने के लिए इंतजार कर रही है कि इस विवाद का अंत कहां होता है और क्या सचमुच केजरीवाल की जान से खतरा है या यह सिर्फ राजनीतिक हंगामा है।

17 टिप्पणि

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    Nadeem Ahmad

    जुलाई 23, 2024 AT 01:02

    ये सब राजनीति का खेल है। जेल में खाना नहीं खाना और बीजेपी को दोष देना... बस ध्यान आकर्षित करने का तरीका है।

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    Aravinda Arkaje

    जुलाई 24, 2024 AT 00:07

    अरे भाई, अगर कोई जेल में है और खुद को भूखा रख रहा है, तो उसकी सेहत का जिम्मा किसका है? बीजेपी ने उसे जहर नहीं दिया, लेकिन जेल के अधिकारी भी उसे बाध्य नहीं कर सकते कि वो खाए। ये सब राजनीति का बहाना है।

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    kunal Dutta

    जुलाई 24, 2024 AT 22:57

    मैडिकल रिपोर्ट में 'self-imposed caloric restriction' लिखा है, यानी खुद से खाना कम किया। इसे 'assassination attempt' कहना गैर-चिकित्सकीय और अतिशयोक्ति है। जेल में भोजन नहीं रोका गया, बल्कि एक डायटीशियन द्वारा निर्धारित आहार का पालन नहीं किया गया। इसे राजनीतिक दबाव का टूल बनाना बेकार है।

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    Yogita Bhat

    जुलाई 26, 2024 AT 22:03

    अरे यार, ये तो बिल्कुल वैसा ही है जैसे कोई डायट पर हो और फिर दावा करे कि दुनिया उसे मारना चाहती है 😂 जेल में घर जैसा खाना मिल रहा है, फिर भी इंसुलिन नहीं लेना? ये तो अपने आप को शहीद बनाने की कोशिश है।

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    Tanya Srivastava

    जुलाई 27, 2024 AT 06:02

    बीजेपी ने तो अभी तक केजरीवाल को खाने नहीं दिया... वो तो अपने आप खाना छोड़ रहे हैं 😭 और फिर भी बीजेपी को दोष दे रहे हैं! ये लोग तो अपनी गलतियों को भी षड्यंत्र बना लेते हैं 😤

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    Ankur Mittal

    जुलाई 27, 2024 AT 23:09

    रिपोर्ट के मुताबिक, खाना उपलब्ध है। खाने का इरादा नहीं है। बाकी सब राजनीति है।

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    Diksha Sharma

    जुलाई 29, 2024 AT 11:09

    ये सब बीजेपी का षड्यंत्र है... जेल में जहर डाल रहे हैं, फिर उनके खाने में नमक नहीं डाल रहे... और फिर केजरीवाल खुद खाना छोड़ देते हैं... ये तो चीन वाले भी नहीं समझ पाएंगे 🤫

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    Akshat goyal

    जुलाई 29, 2024 AT 13:05

    स्वास्थ्य का मुद्दा राजनीति से अलग कर देना चाहिए।

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    anand verma

    जुलाई 30, 2024 AT 05:03

    यह मामला एक गंभीर नागरिक अधिकारों के प्रश्न को उठाता है। जेल व्यवस्था के अंतर्गत व्यक्ति के स्वास्थ्य की देखभाल का जिम्मा किस पर है? यह एक न्यायिक और नैतिक चुनौती है, जिसे राजनीतिक रूप से नहीं, बल्कि नागरिक समाज के दृष्टिकोण से देखना चाहिए।

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    Amrit Moghariya

    जुलाई 31, 2024 AT 09:05

    अरे यार, अगर कोई खुद खाना छोड़ दे, तो उसकी बीमारी का दोष दूसरों पर डालना बहुत आसान हो जाता है। बीजेपी के खिलाफ भावनात्मक बयान देना तो आपके पार्टी का रोज का खाना है।

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    shubham gupta

    जुलाई 31, 2024 AT 19:32

    तिहाड़ जेल की रिपोर्ट स्पष्ट है: आहार उपलब्ध है, लेकिन नियमित रूप से नहीं लिया जा रहा। कोई बाधा नहीं है। यह व्यक्तिगत विकल्प है।

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    Gajanan Prabhutendolkar

    अगस्त 1, 2024 AT 02:49

    अरे भाई, ये सब तो पहले से जाना जाता है कि जेल में जाने वाले नेता अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करते हैं। ये तो एक प्रोटोकॉल है: भूखा हो जाओ, फिर दुनिया को बताओ कि तुम्हें जहर दिया गया। ये राजनीति का बेसिक स्किल है। बीजेपी तो बस इंतजार कर रही थी कि कोई बयान दे।

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    ashi kapoor

    अगस्त 2, 2024 AT 12:26

    मैं तो बस यही सोच रही थी कि अगर कोई व्यक्ति अपने आप को भूखा रख रहा है, तो उसकी जिम्मेदारी किसकी है? जेल के अधिकारी ने उसे खाना दिया, उसे डॉक्टर भी दिखाया, लेकिन वो खाना नहीं खा रहा। तो अब ये सब बीजेपी का षड्यंत्र क्यों? 😔 ये तो एक बहुत ही दुखद और अजीब तरीका है ध्यान आकर्षित करने का।

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    Yash Tiwari

    अगस्त 3, 2024 AT 10:32

    यह एक आध्यात्मिक और राजनीतिक अहंकार का दुखद संगम है। एक व्यक्ति जो जेल में भूखा रहता है, वह अपने आप को एक नया अवतार बना रहा है - एक शहीद, एक न्याय का प्रतीक। लेकिन जब यह न्याय का नाम लेकर लोगों के भावनात्मक अस्तित्व को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है, तो यह न्याय नहीं, बल्कि एक विधिवत राजनीतिक शोषण बन जाता है। इस तरह के खिलवाड़ के पीछे न केवल एक पार्टी है, बल्कि एक सामाजिक असंवेदनशीलता है।

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    Mansi Arora

    अगस्त 5, 2024 AT 09:12

    बीजेपी ने तो बस खाना दिया है... वो खाने को तैयार हैं ना? पर केजरीवाल ने खाना छोड़ दिया... अब ये सब षड्यंत्र है? ये तो अपने आप को मार रहे हैं और दूसरों को दोष दे रहे हैं 😒

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    Amit Mitra

    अगस्त 6, 2024 AT 22:44

    यह मुद्दा भारतीय जेल व्यवस्था के आधारभूत नियमों को भी छूता है। जब एक निर्वाचित नेता जेल में है, तो उसके स्वास्थ्य की देखभाल का जिम्मा किसका है? क्या यह राज्य का है? या व्यक्ति का? अगर व्यक्ति खुद अपने आहार को नियंत्रित करता है, तो क्या उसकी सेहत का दायित्व जेल प्रशासन पर आ जाता है? यह एक न्यायिक और नैतिक जटिलता है जिसका उत्तर केवल एक संवैधानिक न्यायालय ही दे सकता है।

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    sneha arora

    अगस्त 8, 2024 AT 13:54

    बस इतना कहना है कि जिसकी जान बचानी है वो खाएगा... अगर नहीं खा रहा तो उसकी जान किसकी चिंता है? ❤️

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