Nifty में बेयरिंग दबाव: 25,000 का ब्रेक, सपोर्ट‑रेजिस्टेंस और RSI संकेत
तकनीकी विश्लेषण और मुख्य स्तर
26 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार ने तेज़ गिरावट देखी। Sensex 733.22 पॉइंट गिरकर 80,426.46 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 236.15 पॉइंट गिरकर 24,654.70 पर आ पहुँचा। यह गिरावट 25,000 स्तर के टूटने के बाद हुई, जो पहले कई बार सपोर्ट की भूमिका निभा चुका था। अब विशेषज्ञों का मानना है कि Nifty के लिए नई सपोर्ट ज़ोन 24,600‑24,450 के बीच है, जबकि रेज़िस्टेंस 25,200 के आसपास दिखता है। अगर इंडेक्स साप्ताहिक क्लोज़ 25,200 से ऊपर जाता है, तभी बुलिश रिवाइव की उम्मीद की जा सकती है।
रोज़मर्रा की ट्रेडिंग के दौरान कई ट्रेडर्स इस रेंज पर ध्यान दे रहे हैं: 24,600 के नीचे गिरावट तेज़ हो सकती है, जबकि 25,000 के ऊपर ब्रेक से शॉर्ट कवरेज का सिग्नल मिल सकता है। इस कारण, सोमवार की सत्र में कई फंडamental और टेक्निकल प्लेयर्स दोनों ही इस बैंड में खुद को सीमित रखेंगे।
- नई सपोर्ट: 24,600‑24,450
- मुख्य रेज़िस्टेंस: 25,000‑25,200
- सप्ताहिक क्लोज़ के लिए लक्ष्य: 25,200 से ऊपर
RSI ने अभी ओवरसोल्ड पहलू दिखाया है, इसलिए अल्पकालिक बाउंस संभव है। लेकिन बेयरिश भावना अभी भी बाज़ार को पकड़ रखी है, इसलिए कोई भी रैली सीमित लगती है।
बैंक Nifty और सेक्टरल द्रश्य
बैंक Nifty के लिए भी समान तनाव जारी है। मुख्य सपोर्ट स्तर 54,000‑53,800 पर है, जबकि रेज़िस्टेंस 54,900‑55,300 के आसपास है। यदि 54,000 से ऊपर टिक रहा है, तो तकनीकी रिवाइव की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं; वरना अगले सपोर्ट 53,500 पर टेस्ट किया जा सकता है।
ऑप्शन चेइन डेटा से पता चलता है कि पुट‑OI 54,500 पर अधिक है, जबकि कॉल‑OI 55,500 के पास जमा है। PCR लगभग 0.90 है, जो थोड़ा बेयरिश या न्यूट्रल माहौल को दर्शाता है। अधिकतम पेन 55,000 पर है, जिससे कीमत इस रेंज में सीमित रह सकती है।
- बैंक Nifty सपोर्ट: 54,000‑53,800
- बैंक Nifty रेज़िस्टेंस: 54,900‑55,300
- PCR: 0.90
- Max Pain: 55,000
सेक्टोरल इंडेक्सों ने भी नुकसान दर्ज किया। PSU बैंक्स, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, मेटल्स, आईटी, टेलीकॉम और फार्मा सभी में 1‑2% गिरावट देखी गई। मध्यम और छोटे कैप इंडेक्स प्रतिदिन लगभग 2% की गिरावट के साथ बाज़ार की कमजोरी को उजागर कर रहे हैं। कुल 912 शेयर ऊपर गए, जबकि 2,828 शेयर नीचे गिरें, जिससे बाजार की ब्रोडनेस अत्यधिक नकारात्मक है।
इन सभी संकेतों को ध्यान में रखते हुए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि ट्रेडर्स को साइडवेज‑टू‑बेयरिश बायस के साथ सावधानी बरतनी चाहिए। नीचे कुछ प्रमुख ट्रेडिंग टिप्स दी गई हैं:
- सैड‑ऑन‑रीवाइज़ (sell‑on‑rise) रणनीति अपनाएँ।
- मोमेंटम‑ब्रेक सेट‑अप पर फोकस करें, खासकर 25,000 के स्तर के आसपास।
- स्टॉप‑लोस् को स्ट्रिक्ट रखें, ताकि अचानक गिरावट में नुकसान सीमित हो सके।
- लीवरेज्ड पोजिशन से बचें; उच्च वोलैटिलिटी में यह खतरनाक हो सकता है।
- वैश्विक संकेतकों, FII फ्लो और नीति घोषणा पर नज़र रखें, क्योंकि ये दिशा को प्रभावित करेंगे।
आईटी और फार्मा सेक्टरों में खास तौर पर कमजोरी देखी जा रही है, लेकिन अगर US मार्केट में स्थिरता आती है तो आईटी में एक छोटा रिलीफ़ बाउंस संभव है। कुल मिलाकर, वर्तमान ओवरसोल्ड सिचुएशन का मतलब यह नहीं कि भारी उछाल आएगा; बल्कि हर छोटे बाउंस को बेचने का अवसर माना जाना चाहिए, जब तक Nifty 25,000 का क्लोज़ नहीं कर लेता।
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