आपातकाल की चर्चित कहानी पर कंगना की फिल्म
कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' ने पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है। यह फिल्म 17 जनवरी 2025 को रिलीज हुई थी और देशभर के दर्शकों ने इसे खूब सराहा है। इसकी ओपनिंग 2.35 करोड़ रुपये की रही, जो पिछले पांच सालों में कंगना की सबसे बड़ी ओपनिंग है। फिल्म का निर्देशन भी कंगना ने खुद किया है, जो उनकी एकल निर्देशकीय पारी की शुरुआत है।
फिल्म का विषय देश के राजनैतिक इतिहास के सबसे संवेदनशील समय यानी 1975-77 के आपातकाल पर आधारित है। कंगना ने फिल्म में खुद को इंदिरा गांधी के रूप में ढाला है और उनके अभिनय की सराहना हो रही है। फिल्म की रिलीज कई बार टली, लेकिन जैसे ही ये थियेटरों में आई, दर्शकों का शानदार समर्थन मिला।
मजबूत कलाकारों की टीम
'इमरजेंसी' में अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े और माहीमा चौधरी जैसे मंझे हुए कलाकार हैं। इनकी सशक्त भूमिका फिल्म की कहानी को अपना प्रभाव देती है। इसके अलावा यह फिल्म दिवंगत अभिनेता सतीश कौशिक की आखिरी फिल्म मानी जा रही है, जो इसे एक भावनात्मक प्रभाव भी प्रदान करती है। सतीश कौशिक का फिल्म में विशेष योगदान रहा है और दर्शकों ने उनके काम को दिल से सराहा है।
फिल्म के पहले दिन करीब 2500 शो हुए, जिनमें 19.26% की ऑक्यूपेंसी रही। यह आंकड़ा दर्शाता है कि दर्शकों के बीच फिल्म को लेकर कितना उत्साह था।
पूर्व रिलीज की तुलना में बेहतर प्रदर्शन
कंगना रनौत की पूर्ववर्ती रिलीज 'तेजस' और 'धाकड़' की तुलना में 'इमरजेंसी' का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा। 'तेजस' ने पहले दिन 1.25 करोड़, जबकि 'धाकड़' ने 1.20 करोड़ की कमाई की थी। इसके मुकाबले 'इमरजेंसी' ने पहले दिन की कमाई में उच्च स्कोर किया है। फिल्म के बेहतर प्रदर्शन का एक कारण इसकी रिलीज 'सिनेमा लवर्स डे' पर होना भी है, जब कई सिनेमाघरों में टिकट की कीमतें कम की गई थीं।
यह भी देखा गया कि 'अज़ाद' जैसी फिल्म, जो अमन देवगन और रश्या थडानी जैसे नवोदित कलाकारों के साथ रिलीज हुई थी, उसके मुकाबले 'इमरजेंसी' ने 1.5 करोड़ की ओपनिंग दर्ज की।
फिल्म की कहानी और प्रदर्शन की समीक्षा
कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' को समीक्षकों ने सराहा है, क्योंकि इसमें आपातकालीन घटनाओं को बहुत ही रचनात्मक और वास्तविक रूप में पेश किया गया है। फिल्म में इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व और तत्कालीन राजनीतिक परिस्थिति को जीवंत रूप में दिखाया गया है। वहीं, अनुपम खेर और श्रेयस तलपड़े ने अपने-अपने पात्रों को बहुत खूबसूरती से निभाया है, जिसके कारण दर्शक फिल्म में तादात्म्य स्थापित कर सके।
कुल मिलाकर 'इमरजेंसी' ने न केवल अपने पहले दिन में अच्छा प्रदर्शन किया, बल्कि भविष्य के लिए भी उम्मीदें जगाई हैं। फिल्म के अद्भुत प्रदर्शन ने कंगना रनौत के फैंस को गर्व महसूस कराया है और अब देखना यह है कि आगे के दिनों में फिल्म की कमाई किस प्रकार आकार लेती है। यह कहना गलत नहीं होगा कि 'इमरजेंसी' भारतीय सिनेमा के इतिहास की एक महत्वपूर्ण रचना साबित होगी।
shubham gupta
जनवरी 20, 2025 AT 05:36इमरजेंसी की ओपनिंग 2.35 करोड़ होना वाकई बड़ी बात है। कंगना ने अपने पिछले फिल्मों की तुलना में एकदम नया स्तर हासिल किया है। निर्देशन का जिम्मा खुद संभालना और इंदिरा गांधी का किरदार निभाना दोनों ही बहुत बड़ी चुनौती थी।
ashi kapoor
जनवरी 21, 2025 AT 11:59अरे भाई ये फिल्म तो सिर्फ एक राजनीतिक प्रचार है। कंगना ने इंदिरा को हीरोइन बना दिया है, जबकि आपातकाल में हजारों लोगों की जान गई थी। ये फिल्म इतिहास को नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक बैनर को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।
sneha arora
जनवरी 21, 2025 AT 12:50वाह 😍 कंगना ने तो दिल जीत लिया! इंदिरा गांधी का किरदार देखकर लगा जैसे वो वाकई वहीं बैठी हों। अनुपम खेर भी बेहतरीन थे। फिल्म देखकर लगा जैसे इतिहास के पन्ने जीवित हो गए 🙏❤️
Yash Tiwari
जनवरी 21, 2025 AT 23:10यह फिल्म असल में एक राष्ट्रीय स्तर पर अपराध का अपमान है। आपातकाल के दौरान न्यायपालिका का निलंबन, संविधान का निलंबन, विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी - ये सब कुछ अनदेखा करके एक व्यक्ति को देवी के रूप में प्रस्तुत करना, जिसने देश को विनाश की ओर धकेला, यह इतिहास का अपराध है। यह फिल्म न सिर्फ गलत है, बल्कि खतरनाक भी है।
Mansi Arora
जनवरी 23, 2025 AT 21:36इमरजेंसी में कंगना का अभिनय तो बहुत अच्छा लगा पर बाकी सब बहुत बोरिंग था... और अनुपम खेर को इतना बड़ा रोल देना तो बस लाभ के लिए था। फिल्म बहुत लंबी थी और कहानी भी बहुत धीमी 😴
Amit Mitra
जनवरी 25, 2025 AT 03:46इस फिल्म का सबसे बड़ा योगदान यह है कि यह एक ऐसी घटना को लेकर बात कर रही है जिसके बारे में हमारे शिक्षा पाठ्यक्रम में बहुत कम बताया जाता है। जब तक हम अपने इतिहास को खुलकर देखने की कोशिश नहीं करेंगे, तब तक हम उसकी गलतियों से सीख नहीं पाएंगे। कंगना ने इस बात को दर्शकों के सामने लाया है - चाहे वह उनकी राय से सहमत हों या न हों।
anand verma
जनवरी 26, 2025 AT 22:01इस फिल्म का विषय अत्यंत संवेदनशील है, और इसे निर्देशित करने का साहस दिखाने वाले कंगना रनौत के प्रति मैं सम्मान व्यक्त करता हूँ। आपातकाल के दौरान हुए घटनाक्रमों का वैज्ञानिक और ऐतिहासिक आधार लेकर निर्माण किया गया है, जिसमें अभिनय, डिजाइन और संगीत ने एक समग्र अनुभव प्रस्तुत किया है। इस तरह की फिल्में हमें अपने समाज के प्रति जागरूक बनाती हैं।
Sagar Solanki
जनवरी 27, 2025 AT 12:26ये सब बकवास है। आपातकाल के दौरान जो लोग मारे गए, उनके परिवारों के लिए ये फिल्म एक अपमान है। और फिर भी लोग इसे देख रहे हैं? ये सिर्फ एक बॉक्स ऑफिस हिट नहीं, ये एक सामाजिक अपराध है। जो लोग इसे पसंद करते हैं, वो इतिहास को नहीं, बल्कि अपनी अहंकार को देख रहे हैं।
Gajanan Prabhutendolkar
जनवरी 28, 2025 AT 13:43सच बताऊँ? ये फिल्म सिर्फ एक ट्रेलर के लिए बनाई गई है। पूरी फिल्म बस एक लंबा विज्ञापन है - कंगना के व्यक्तित्व का, उनके राजनीतिक विचारों का। सतीश कौशिक की आखिरी फिल्म? बहुत शानदार तरीके से उनका उपयोग किया गया है। बस एक भावनात्मक शोर है जिसे लोग गलती से गहराई समझ रहे हैं।