भारतरुहारी महताब ने 18वीं लोकसभा के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में शपथ ली

भारतरुहारी महताब ने 18वीं लोकसभा के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में शपथ ली

जून, 24 2024

भारतरुहारी महताब ने 18वीं लोकसभा के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में शपथ ली

सोमवार, एक ऐतिहासिक दिन के रूप में चिन्हित किया गया, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चर्चित और अनुभवी सांसद भारतरुहारी महताब को 18वीं लोकसभा के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाई। महताब, जो सात बार के सांसद हैं, भारतीय जनता पार्टी के महत्वपूर्ण संसदीय चेहरे माने जाते हैं। इस घटना ने अगली लोकसभा संरचना के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव रखा।

महताब और उनके नेतृत्व में एक अध्यक्षों का पैनल, सोमवार और मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी संभालेगा। इस दौरान, हाल ही में चुनाव जीतने वाले सभी सांसद अपने सांसद पद की शपथ लेंगे जो नए सत्र का प्रमुख आकर्षण होता है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सभी नवनिर्वाचित सदस्य संविधान के प्रति अपनी आस्था और प्रामाणिकता की प्रतिज्ञा करें।

लोकसभा के गतिविधियों का संचालन

महताब की भूमिका न केवल शपथ ग्रहण समारोह तक सीमित है, बल्कि वह बुधवार को एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे - उन्होंने उस दिन तक सदन की अध्यक्षता करनी है जब वह नए स्पीकर का चुनाव करेंगे। यह भूमिका उच्च स्तर की प्रभावशीलता और अनुभव की मांग करती है जिसे महताब ने अपने पिछले कार्यकालों में बखूबी दिखाया है।

राष्ट्रपति ने 20 जून को महताब के नाम सहित अध्यक्षों के पैनल की नियुक्ति की थी, जिससे उनकी तैयारी और योजना का स्पष्ट संकेत मिलता है। यह पैनल लोकसभा की प्रारंभिक बैठकों को सुचारू और संरचित बनाने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सभी प्रक्रियात्मक मानकों का सख्ती से पालन हो।

भारतरुहारी महताब का संसदीय करियर

भारतरुहारी महताब 1957 में उड़ीसा राज्य में जन्मे थे और उन्होंने नियमित रूप से भारतीय राजनीति में एक सक्रिय भूमिका निभाई है। महताब ने न केवल राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की है, बल्कि अपने करियर की शुरुअत से ही वह लोकप्रियता अर्जित करते रहे हैं। उन्होंने अपने सात संसदीय कार्यकालों में विभिन्न महत्वपूर्ण और जटिल मुद्दों से जूझ कर अपनी योग्यता साबित की है।

महासमुंद निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं और उन्होंने इसके विकास और समस्याओं के समाधान हेतु निरंतर प्रयास किए हैं। उनका लंबे समय से सक्रिय कार्यकाल उनके विशाल अनुभव का प्रमाण है, जो उनकी नई भूमिका में अत्यंत उपयोगी साबित होगा।

नई भूमिका के प्रभाव

महताब का अंतरिम अध्यक्ष पद के लिए चयन, उनके अनुभव और क्षमता का साक्षी है। इस भूमिका में वह उन सभी प्रक्रियाओं और नियमों का पालन सुनिश्चित करेंगे जो एक सुसंठित और सुव्यवस्थित लोकसभा के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक हैं। उनके नेतृत्व में, सदन का संचालन प्रभावी रूप से होगा, जिससे सांसदों को अपने कार्य सर्वोत्तम ढंग से करने में सहायता मिलेगी।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महताब का यह नया पदभार एक बड़ी जिम्मेदारी है, जिस पर वे खरे उतरने में सक्षम होंगे। यह उनके व्यक्तिगत विकास और राजनीतिक पहचान को और भी मजबूत बनाएगा।

समारंभिक सत्र और आगामी चुनाव

समारंभिक सत्र और आगामी चुनाव

18वीं लोकसभा का यह समारंभिक सत्र न केवल नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण का, बल्कि भविष्य के राजनीतिक परिवर्तनों और नीतियों का भी मार्गदर्शक होगा। इसमें महताब और उनका पैनल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जो आगामी स्पीकर चुनाव तक सदन के संचालन को संरचित और सुचारू बनाएंगे।

महताब का कार्यकाल एक उदाहरण पेश करेगा कि कैसे एक अनुभवी सांसद सत्तादारी संसद का नेतृत्व कर सकते हैं और युवा व नवोदित सांसदों को प्रेरित कर सकते हैं। यह न केवल महताब के लिए, बल्कि भारतीय लोकतंत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण अध्याय है।

समृद्ध राजनीतिक अनुभव और मजबूत नेतृत्व क्षमता के साथ, भारतरुहारी महताब का यह कदम लोकसभा के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखेगा। उनके नेतृत्व में, विश्वास है कि संसद अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों का निष्पादन सर्वोत्तम ढंग से करेगी।

8 टिप्पणि

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    Pushkar Goswamy

    जून 25, 2024 AT 11:53
    इस तरह के अनुभवी व्यक्ति को अंतरिम अध्यक्ष बनाना सिर्फ एक आम निर्णय नहीं, बल्कि देश के लिए एक गहरा संकेत है। लोकसभा को इतनी जिम्मेदारी देने के लिए भारतीय जनता पार्टी को बधाई।
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    Abhinav Dang

    जून 26, 2024 AT 06:08
    महताब जी का करियर देखकर लगता है कि राजनीति में लंबे समय तक लगातार काम करने से ही वाकई असली नेतृत्व बनता है। उनके नेतृत्व में लोकसभा का संचालन बहुत अच्छा रहेगा।
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    krishna poudel

    जून 27, 2024 AT 09:57
    अरे यार, इतना बड़ा नाम लेकर भी इतना साधारण इंसान? ये तो बहुत अच्छा हुआ, क्योंकि अभी तक तो सिर्फ नए नेता ही चुने जाते थे। महताब जी के बाद तो अब कोई भी नया सांसद डरने लगेगा कि अगर वो भी इतने सालों तक लगा रहा तो क्या होगा?
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    Anila Kathi

    जून 27, 2024 AT 16:19
    बहुत अच्छा फैसला हुआ 😊 इतने सालों का अनुभव और फिर भी बिना किसी घमंड के काम करना... ये तो आजकल के नेताओं के लिए एक बहुत बड़ा उदाहरण है।
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    vasanth kumar

    जून 27, 2024 AT 23:24
    उड़ीसा के एक छोटे से निर्वाचन क्षेत्र से आकर देश की सबसे बड़ी विधायिका की अध्यक्षता करना... ये तो भारतीय लोकतंत्र की असली कहानी है। कोई नहीं बताता, लेकिन यही तो सच है।
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    Andalib Ansari

    जून 28, 2024 AT 05:59
    इस भूमिका में अनुभव से ज्यादा जरूरी है न्यायपालिका की तरह निष्पक्षता। अगर महताब जी अपने विचारों को छुपाकर केवल संविधान के अनुसार चलेंगे, तो ये पद उनके लिए बहुत उचित होगा। नहीं तो ये बस एक और राजनीतिक नाम हो जाएगा।
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    Pooja Shree.k

    जून 29, 2024 AT 15:21
    महताब जी को बधाई... बहुत बहुत बधाई... इतने सालों से लगातार लोगों की सेवा कर रहे हैं... ये तो बहुत ही दुर्लभ है... बहुत ही दुर्लभ... बहुत ही दुर्लभ...
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    Vasudev Singh

    जून 30, 2024 AT 15:22
    महताब जी के लिए ये बस एक नया पद नहीं, बल्कि उनके पूरे जीवन का सम्मान है। जब आप 1957 में जन्मे हों, 1980 में पहली बार सांसद बने, फिर 1984, 1989, 1991, 1996, 1998, 2019 तक लगातार जीतते रहे, तो ये सिर्फ भाग्य नहीं है, ये तो लगन, लगातार लोगों के साथ रहने और उनकी आवाज़ बने रहने का नतीजा है। अब जब वो अंतरिम अध्यक्ष बने हैं, तो उनका ये काम सिर्फ लोकसभा के लिए नहीं, बल्कि हर उस युवा के लिए है जो आज राजनीति में आना चाहता है और सोचता है कि क्या उसका जीवन भर का प्रयास कभी मान्यता पाएगा? जी हाँ, पाएगा। और इस बार वो एक ऐसे व्यक्ति के सामने हैं जिन्होंने अपने जीवन को देश के लिए समर्पित कर दिया है। ये तो भारत का सच है।

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