जसप्रीत बुमराह की चोट ने बढ़ाई चिंता, लेकिन आखिरी टेस्ट में लौटे मैदान पर

जसप्रीत बुमराह की चोट ने बढ़ाई चिंता, लेकिन आखिरी टेस्ट में लौटे मैदान पर

जन॰, 4 2025

जसप्रीत बुमराह: भारतीय क्रिकेट के तुरुप का इक्का

भारतीय क्रिकेट का एक नाम जो आजकल चर्चा में है वह है जसप्रीत बुमराह. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे पांचवे और अंतिम टेस्ट मैच के दौरान बुमराह की चोट ने सभी क्रिकेट प्रेमियों में खलबली मचा दी थी। दूसरा दिन, लंच के बाद जब वह केवल एक ही ओवर फेंक पाए, तो यह सुगबुगाहट होने लगी कि कुछ तो गड़बड़ है। दरअसल, उन्हें एक स्कैन के लिए लेकर जाया गया, जिससे पुष्टि हो सके कि उन्हें कोई साइड स्ट्रेन नहीं हुआ है।

भारतीय फैंस के लिए यह घबराहट का समय था क्योंकि बुमराह की फॉर्म और फिटनेस इस श्रृंखला में मुख्य भूमिका निभा रही है। जब वह मैदान से बाहर गए, तो कप्तान विराट कोहली ने बुमराह की गैरहाजिरी में टीम की कमान संभाली। लगभग तीन घंटे और बीस मिनट के अंतराल के बाद जब बुमराह मैदान पर लौटे, तो भारतीय खेमे में राहत की सांस ली गई।

बुमराह का प्रदर्शन: रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड

बुमराह ने इस श्रृंखला में 32 विकेट लेकर बिशन सिंह बेदी का रिकार्ड तोड़ दिया, जिन्होंने 1977-78 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर 31 विकेट लिए थे। इस श्रृंखला में उनके प्रदर्शन की बातें हर कोने में हो रही हैं। उनका औसत 12.64 है और उनकी सबसे अच्छी पारी का आंकड़ा 6/76 रहा है। इसको देखते हुए, यह स्पष्ट होता है कि उनका योगदान टीम के लिए कितना महत्वपूर्ण है।

बुमराह ने कुल 143.2 ओवर फेंके हैं, जो किसी भी भारतीय गेंदबाज की तुलना में सबसे अधिक है। न केवल गेंदबाजी में, बल्कि बल्लेबाजी में भी उन्होंने 42 रन बनाए हैं, जो कि कप्तान रोहित शर्मा के 31 रन से भी अधिक हैं। यह दिखाता है कि वह भारतीय टीम के लिए हर संभव दिशा में योगदान दे रहे हैं।

कंधों पर भारी जिम्मेदारी

बुमराह की फिटनेस भारतीय टीम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर जबकि मैच अपने चरम पर है। इस अंतिम चरण में भी वे अपनी विशेष गेंदबाजी क्षमता के साथ मैदान में लौटते हैं, तो विरोधी टीम पर दबाव बढ़ जाता है। भारतीय टीम उनके बिना हर हाल में मुकाबला चलाने की उम्मीद कर रही थी, लेकिन उनकी चोट ठीक होने की खबर ने खिलाड़ियों में नया जोश भर दिया।

एक स्रोत के अनुसार बुमराह बल्लेबाजी के लिए फिट रहेंगे, जबकि उनकी गेंदबाजी का अंतिम निर्णय प्रबंधन उन्हें सुबह कैसे महसूस होता है, उसके आधार पर करेगा। यह मुख्य कोच और अन्य स्टाफ के लिए एक बड़ी चुनौती है कि वे बुमराह का सही तरीके से उपयोग करें ताकि उन्होंने जो मेहनत की है, वह बेकार न जाए।

भारतीय टीम के लिए बुमराह का योगदान

बुमराह के मैदान पर लौटने से टीम को एक नैतिक बूस्ट मिला, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा। इस सीजन में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जब वे संघर्षशीलता के महत्वपूर्ण क्षणों में अपनी क्षमता साबित कर चुके हैं, तो यह भरोसा होता है कि वह टीम के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उनका सहारा ले कर, भारतीय टीम रणनीति बना रही है कि कैसे इस निर्णायक मैच में जीत हासिल की जाए।

अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि जब जसप्रीत बुमराह भारतीय रंग में मैदान पर होते हैं, तो केवल विपक्षी ही नहीं उनके साथी खिलाड़ी भी अपने मनोबल को उन्नति पर महसूस करते हैं। उनकी पुनः वापसी ने न केवल टीम के कार्यक्षमता को बेहतर किया है बल्कि सभी क्रिकेट प्रेमियों के बीच उम्मीद की किरण भी जगाई है।

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