शिखर धवन की संन्यास की घोषणा
भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन ने अपने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट करियर से संन्यास की घोषणा की है। 38 वर्ष के धवन ने इस फैसले को खुद के लिए सही बताया और इसका श्रेय उन सभी लोगों को दिया जिन्होंने उनके करियर को समर्थन और मार्गदर्शन दिया। धवन ने 2010 में विशाखापत्तनम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय मैच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था।
धवन का क्रिकेट सफर
धवन ने 34 टेस्ट, 167 वनडे और 68 टी20 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 10,000 से अधिक रन बनाए। इनमें 24 शतक भी शामिल हैं, जिनमें से 17 वनडे और 7 टेस्ट में आए। उनका टेस्ट पदार्पण 2013 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ, जिसमें उन्होंने शानदार 187 रन बनाए थे।
2013 आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में, धवन ने 363 रन बनाए और टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन स्कोरर बने। इस टूर्नामेंट में उनकी असाधारण प्रदर्शन ने इंडिया को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस जीत को भारत के लिए एक यादगार क्षण बनाते हुए, धवन को मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब भी मिला।
धवन का कृतज्ञता संदेश
संन्यास की घोषणा के दौरान, धवन ने अपनी सफलता के पीछे अपनी फैमिली, बचपन के कोच दिवंगत तारक सिन्हा, और टीम के साथियों का धन्यवाद अदा किया। उन्होंने बीसीसीआई और डीडीसीए को भी अवसर देने के लिए धन्यवाद कहा जिसने उन्हें अपनी प्रतिभा को दिखाने का मौका दिया।
धवन ने क्रिकेट के मैदान पर अपने साथी खिलाड़ियों और प्रशंसकों के प्यार और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह सही समय पर यह निर्णय ले रहे हैं, और आगे के जीवन के नए अध्याय की ओर देखते हुए खुद को राजी महसूस कर रहे हैं।
भविष्य की योजनाएं
अपने क्रिकेट करियर के इस अहम मोड़ के बाद, धवन ने संकेत दिया कि वह लीग क्रिकेट में खेलना जारी रख सकते हैं, विशेष रूप से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में। उनकी वापसी का इंतजार कर रहे प्रशंसकों के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है, जबकि उनकीअपनी घरेलू टीम दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से उनका खेल देखना एक सुखद अनुभव होगा।
अंतिम दौरा
शिखर धवन का भारत के लिए अंतिम खेल दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला में था। इस श्रृंखला के बाद उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहने का निर्णय लिया।
यह घोषणा भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग के अंत का प्रतीक है। जिस तरह धवन ने निर्भीकता से भारतीय टीम की सलामी पारी को संभाला, वह हमेशा याद किया जाएगा। अपने स्वाभाविक खेल और अनुभव से टीम में अत्यधिक योगदान देने वाले धवन भारतीय क्रिकेट के सबसे बेहतरीन ओपनरों में से एक रहे हैं।
धवन का करियर उपलब्धियां
धवन का करियर कई यादगार पलों से भरा रहा। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से कई रिकॉर्ड बनाए और महत्वपूर्ण मैचों में टीम को जीत दिलाई। उनका आक्रामक और आत्मविश्वास से भरा खेल हमेशा से ही दर्शकों के लिये आकर्षण का केंद्र रहा है। उनके द्वारा बनाए गए शिकार और शतकों से उन्होंने भारतीय क्रिकेट की बेहतरी में योगदान दिया है।
| मैच का प्रकार | मैच | रन | शतक |
|---|---|---|---|
| टेस्ट | 34 | 2315 | 7 |
| वनडे | 167 | 6793 | 17 |
| टी20 | 68 | 1759 | 0 |
दर्शकों और क्रिकेट प्रेमियों के लिए शिखर धवन का संन्यास भावुकता से भरा क्षण हो सकता है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में उनका योगदान अमिट है और भविष्य में भी उनके द्वारा दिए गए योगदान और उपलब्धियों को हमेशा याद किया जाएगा।
धवन अपनी नई पारी की शुरूआत में किस तरह से अद्वितीय वर्ताव करते हैं, यह देखना रोमांचक होगा। क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद वह किस तरह से अपने जीवन की नई पारी में सामंजस्य बिठाते हैं, यह समय ही बताएगा। फिलहाल, क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में धवन की यादें हमेशा ताजा रहेंगी।
Vitthal Sharma
अगस्त 25, 2024 AT 18:50बस इतना कहना है, धवन ने जो किया, वो किसी और ने नहीं किया।
Nathan Roberson
अगस्त 26, 2024 AT 02:35अरे भाई, धवन का ओपनिंग स्टाइल तो बस एक बार देखा तो दिल जीत लिया। उनकी शुरुआत ने हम सबको बता दिया कि क्रिकेट में आत्मविश्वास कितना जरूरी है।
मैंने उन्हें 2013 के चैम्पियंस ट्रॉफी में खेलते देखा था, वो दिन अभी भी याद हैं।
हर बार जब बारिश होती तो धवन बाहर आ जाते, बारिश के बाद भी बल्लेबाजी बरकरार रहती।
उनकी तरह कोई नहीं था, जो फर्स्ट ओवर में ही बोल्डर को गेम बदल दे।
मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक ओपनर इतना अच्छा फील कर सकता है।
जब वो बल्ला घुमाते थे, तो लगता था जैसे उनके हाथों में क्रिकेट का दिल बैठा हो।
हर शतक उनका एक नया गीत था, जिसे सुनकर दर्शक चिल्लाने लगते।
उनकी टीम के लिए ये एक अहम खोज थी, जिसकी कमी हमेशा महसूस होती थी।
वो बस एक खिलाड़ी नहीं थे, वो एक अहसास थे।
जब वो बल्ला लेते तो सबकी सांसें रुक जातीं।
मैंने उन्हें बैंगलोर, मुंबई, दिल्ली में खेलते देखा - हर जगह वो अपनी तरह का राज करते।
उनके बिना टीम का एक अंग कम हो गया।
अब जब वो नहीं हैं, तो लगता है जैसे कोई बड़ा बादल चला गया हो।
हमें उनकी यादों के साथ आगे बढ़ना होगा, लेकिन उनका स्थान कोई नहीं भर सकता।
धवन के लिए धन्यवाद, तुमने हमें जो दिया, वो हमेशा रहेगा।
Thomas Mathew
अगस्त 27, 2024 AT 05:59क्या ये सिर्फ एक संन्यास है या फिर एक राजनीतिक चाल? क्या बीसीसीआई ने उन्हें धक्का दिया? क्या ये सब एक बड़ा नाटक है? क्योंकि अगर वो अभी भी खेल सकते हैं, तो ये फैसला कैसे हुआ? क्या उनके अंदर कोई दबाव था? क्या उन्हें बोला गया कि अब निकल जाओ? ये सब जानने के लिए अभी भी बहुत कुछ छिपा है।
Dr.Arunagiri Ganesan
अगस्त 29, 2024 AT 03:36भारत के लिए धवन का योगदान सिर्फ रनों तक सीमित नहीं है।
उन्होंने एक नए जनरेशन को दिखाया कि कैसे एक छोटे शहर से आकर दुनिया के सबसे बड़े मैदान पर अपना नाम दर्ज किया जा सकता है।
उनकी जड़ें उत्तर प्रदेश की गलियों में हैं, लेकिन उनकी उपलब्धियां पूरी दुनिया को छू गईं।
वो एक ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने कभी अपनी शुरुआत को भूला नहीं।
उनकी विनम्रता और जुनून का कोई बराबर नहीं।
उन्होंने हमें सिखाया कि टीम के लिए खेलना मतलब अपनी छोटी-छोटी जीत को बड़ी जीत बनाना है।
हमारे बच्चे अब धवन की तरह खेलेंगे, न कि किसी और की तरह।
उनका नाम अब भारतीय क्रिकेट के इतिहास का एक अहम हिस्सा है।
और जब भी कोई नया ओपनर आएगा, तो लोग उसे धवन से तुलना करेंगे।
क्योंकि धवन ने ओपनिंग को एक कला बना दिया।
simran grewal
अगस्त 29, 2024 AT 09:58अरे बाप रे, अब तो बीसीसीआई ने उन्हें धक्का देकर बाहर निकाल दिया, वरना इतना जल्दी संन्यास क्यों? वो अभी भी रन बना रहे होते।
क्या आपको लगता है कि ये सब उनका फैसला था? मैंने तो एक इंटरव्यू में देखा था कि उनकी आंखों में दर्द था।
ये सब बस एक धोखा है।
अब तो बच्चे भी जानते हैं कि बीसीसीआई कैसे खिलाड़ियों को फेंक देता है।
धवन के बाद अब कौन खेलेगा? क्या तुम्हें लगता है कि ये नए बच्चे इतना बड़ा बोर्डन ले पाएंगे? नहीं भाई, ये सिर्फ एक निर्माण का अंत है।
Vinay Menon
अगस्त 30, 2024 AT 18:35मैंने धवन को उनके पहले टेस्ट मैच में देखा था, जब उन्होंने 187 रन बनाए थे।
उस दिन मैं घर पर अकेला बैठा था, और जब उन्होंने वो शतक लगाया, तो मैंने अपनी चाय की कप मेज पर रख दी और चिल्ला दिया।
उनकी बल्लेबाजी में कुछ ऐसा था जो दिल को छू जाता था।
वो खेलते नहीं, वो गाते थे।
उनकी हर शॉट एक भावना थी।
अब जब वो नहीं हैं, तो लगता है जैसे कोई बहुत अच्छा दोस्त चला गया हो।
मैं उनकी यादों को हमेशा संजो कर रखूंगा।
Monika Chrząstek
अगस्त 31, 2024 AT 08:54धवन तो बहुत बढ़िया खिलाड़ी थे पर अब तो बच्चों को भी देखना होगा।
मैंने देखा एक लड़का जिसने अपनी पहली शतक धवन के नाम पर बनाई थी।
उसकी बल्लेबाजी में धवन जैसा जुनून था।
हमें अब नए लोगों को देखना चाहिए।
धवन ने रास्ता दिखा दिया, अब दूसरे आगे बढ़ेंगे।
उनकी जगह खाली नहीं होगी, बस बदल जाएगी।
vikram yadav
सितंबर 1, 2024 AT 08:29धवन के संन्यास के बाद आईपीएल में उनकी वापसी की उम्मीद जरूर है।
उनकी बल्लेबाजी टीम के लिए एक जादू की छड़ी है।
दिल्ली कैपिटल्स के लिए वो एक जीत का निशान हैं।
उनका एक शॉट बारिश के बाद भी आसमान को छू लेता है।
हमें उनकी आईपीएल टीम के साथ बाकी जीवन देखना है।
वो अभी भी खेल सकते हैं, बस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं।
और ये तो बहुत बड़ा अच्छा फैसला है।
क्योंकि उन्हें खेलने का मौका मिलेगा, और हमें भी उन्हें देखने का।
Tamanna Tanni
सितंबर 2, 2024 AT 18:44धवन के बारे में बात करते हुए मुझे अपनी दादी की याद आ गई।
वो हर मैच देखती थीं, और जब धवन शतक लगाते तो वो रो पड़तीं।
उन्होंने कहा था, ये लड़का तो बस अपने घर के लिए खेल रहा है।
उनकी बल्लेबाजी में एक घर की गर्माहट थी।
अब जब वो नहीं हैं, तो उस गर्माहट का अभाव महसूस होता है।
धवन ने सिर्फ रन नहीं बनाए, उन्होंने एक पीढ़ी के दिल को छू लिया।
Rosy Forte
सितंबर 4, 2024 AT 09:58धवन के संन्यास को देखकर मुझे लगता है कि ये एक अंतिम संकेत है कि भारतीय क्रिकेट अब एक व्यावसायिक उद्योग बन चुका है।
उनकी बल्लेबाजी का जुनून, जो कभी भावनाओं का आधार था, अब ब्रांडिंग और विज्ञापनों का हिस्सा बन गया है।
उन्हें बाहर निकाल दिया गया क्योंकि उनकी विशिष्टता अब बाजार के लिए अनुकूल नहीं थी।
अब तो बच्चे भी बल्ला उठाकर ब्रांड बनने की तलाश में हैं।
धवन एक खिलाड़ी थे, लेकिन अब वो एक आइटम हैं।
इस दुनिया में असली जुनून की जगह बिजनेस ले लेता है।
और धवन का संन्यास इसी बदलाव का प्रतीक है।
Yogesh Dhakne
सितंबर 4, 2024 AT 19:00मैंने धवन को एक बार दिल्ली में देखा था, जब वो बस एक बच्चे के साथ फोटो ले रहे थे।
उन्होंने उस बच्चे को बल्ला भी दिखाया।
वो बस एक आम आदमी लग रहे थे।
कोई नम्बर नहीं, कोई नाम नहीं, बस एक आदमी जो खेल लेने का जुनून रखता था।
अब जब वो नहीं हैं, तो लगता है जैसे एक असली इंसान चला गया हो।
उनके बाद के खिलाड़ी बहुत अच्छे हैं, लेकिन उनमें वो दिल की गर्माहट नहीं है।
kuldeep pandey
सितंबर 5, 2024 AT 22:11क्या आपने देखा उनकी आंखों में आंसू? वो रो रहे थे, लेकिन किसी को नहीं दिखाना चाहते थे।
ये तो बस एक नाटक है।
उन्हें बाहर निकाल दिया गया, लेकिन वो अपनी इज्जत बचाने के लिए संन्यास का बहाना बना रहे हैं।
उनके दिल में आग थी, लेकिन बाहर वो शांत रहे।
ये दर्द तो बस एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी का नहीं, ये तो एक इंसान का दर्द है।
क्या आप समझते हैं कि एक आदमी को अपने सपनों को छोड़ना कितना कठिन होता है?
Hannah John
सितंबर 6, 2024 AT 12:19धवन का संन्यास बीसीसीआई की चाल थी ना? क्योंकि अगर वो खेलते रहे तो उनकी टीम ने उन्हें फेंक दिया होता।
अब तो सब जानते हैं कि बीसीसीआई कैसे खिलाड़ियों को इस्तेमाल करता है।
उन्होंने उन्हें बाहर निकाल दिया और अब वो बहाना बना रहे हैं कि खुद ने फैसला किया।
अगर वो वापस आए तो वो आईपीएल में नहीं, बल्कि एक नए लीग में खेलेंगे।
क्योंकि वो बीसीसीआई को नहीं भूलेंगे।
ये तो एक बड़ा षड्यंत्र है।
dhananjay pagere
सितंबर 6, 2024 AT 21:34धवन का अंतिम वनडे था बांग्लादेश के खिलाफ।
उस दिन वो 80 रन बना रहे थे।
मैंने देखा वो बल्ले से जमीन पर धक्का दे रहे थे।
वो जानते थे कि ये अंतिम बार है।
और फिर वो चले गए।
कोई नहीं देखा।
कोई नहीं रोया।
लेकिन मैंने देखा।
और अब मैं हमेशा याद रखूंगा।
😭
Shrikant Kakhandaki
सितंबर 8, 2024 AT 12:28धवन का संन्यास तो बहुत बड़ी बात है पर क्या आपने देखा कि उनके बाद नए ओपनर्स ने क्या किया? बस एक बार शतक लगाया और फिर गायब।
ये तो बस एक फैशन है।
धवन के बाद सब उनकी तरह खेलने की कोशिश कर रहे हैं।
लेकिन वो तो धवन थे।
अब तो बच्चे भी उनकी तरह खेलने की कोशिश कर रहे हैं।
लेकिन उनके बिना कोई भी नहीं हो सकता।
क्योंकि धवन तो एक अद्वितीय जादूगर थे।
bharat varu
सितंबर 9, 2024 AT 04:39धवन के संन्यास के बाद भी उनकी यादें जीवित रहेंगी।
उन्होंने न सिर्फ रन बनाए, बल्कि एक नई पीढ़ी को प्रेरित किया।
उनकी बल्लेबाजी का जुनून अब हमारे खून में है।
हमें उनकी तरह खेलना है, न कि उनके बिना खेलना।
धवन ने हमें सिखाया कि खेल कैसे जीवन बन जाता है।
अब तो हर बच्चा उनकी तरह खेलना चाहता है।
और ये उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।
Vijayan Jacob
सितंबर 11, 2024 AT 00:27धवन ने जो किया, वो बहुत बड़ा था।
लेकिन उनके बाद भी क्रिकेट जीवित है।
हम उनके लिए नहीं, बल्कि उनके द्वारा बनाए गए रास्ते के लिए आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने दिखाया कि कैसे एक आम आदमी बन सकता है एक असली नायक।
और अब वो नायक हमारे दिलों में रहेंगे।
Nathan Roberson
सितंबर 11, 2024 AT 22:46मैंने धवन के लिए एक छोटा सा गीत लिखा है।
वो अभी भी खेल रहे हैं, बस अलग तरह से।
उनकी बल्लेबाजी हमारे दिलों में बसी है।
और जब भी कोई नया ओपनर आएगा, तो हम उसे धवन की याद दिलाएंगे।
क्योंकि वो नहीं गए, वो बस अपनी जगह बदल गए।