रविंद्र जडेजा को वेस्ट इन्डीज़ टेस्ट श्रृंखला में वाइस‑कैप्टन बनाकर चौंका दिया

रविंद्र जडेजा को वेस्ट इन्डीज़ टेस्ट श्रृंखला में वाइस‑कैप्टन बनाकर चौंका दिया

अक्तू॰, 3 2025

जब रविंद्र जडेजा ने अपनी नई भूमिका के बारे में बताया, तो कई फ़ैन का दिल धड़क गया। 36‑साल के इस अनुभवी All‑rounder को भारत‑वेस्ट इन्डीज़ 2025 टेस्ट श्रृंखला में भारत बनाम वेस्ट इन्डीज़ 2025 टेस्ट श्रृंखलाभारत के लिए उप‑कैप्टन बनाया गया, और यह समाचार उन्हें आधिकारिक टीम सूची में अपना नाम देख कर ही पता चला। उस लिस्ट में उनका नाम "VC" के साथ लिखा था, जिससे उन्हें आश्चर्य और खुशी का मिश्रण महसूस हुआ। यह नियुक्ति तब हुई जब नियमित टेस्ट वाइस‑कैप्टन रिषभ पाँट चोट के कारण बाहर हो गए थे, और टीम प्रबंधन को नई व्यवस्था अपनानी पड़ी।

पृष्ठभूमि और चयन प्रक्रिया

पहले भी बीसीसीआई ने जडेजा को विभिन्न फ़ॉर्मेट में नेतृत्व की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन टेस्ट में यह पहली बार था। बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और फील्डिंग में उनका सर्वंकष योगदान उन्हें एक प्राकृतिक नेतृत्व उम्मीदवार बनाता है। चुनौतियों से भरी इस श्रृंखला में, कप्तान शुबमन गिल के साथ तालमेल बिठाते हुए जडेजा का अनुभव टीम को नई दिशा दे सकता है। चयन समिति ने 12 मार्च को जारी किए गए प्री‑नोटिस में जडेजा का नाम वाइस‑कैप्टन के तौर पर उल्लेख किया, लेकिन प्रत्यक्ष संवाद का अभाव रह गया।

बीसीसीआई.टीवी पर हुए इंटरव्यू में जडेजा ने बताया, "बीसीसीआई.टीवी ने मुझसे पहले कोई बात नहीं की, बस लिस्टिंग के बाद मैंने खुद ही 'VC' देखा,"। उन्होंने अपनी भावनाओं को "खुशी, सम्मान और जिम्मेदारी" शब्दों से बोला।

जडेजा की प्रतिक्रिया और भावनाएँ

जडेजा ने कहा कि यह समर्थन उनके लिये बहुत मायने रखता है। "जब प्रबंधन, कप्तान और कोच मेरे साथ थोड़ा‑सा भरोसा दिखाते हैं, तो खिलाड़ी की आत्म‑विश्वास में बढ़ोतरी होती है," उन्होंने बताया। यह भरोसा न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि पूरी टीम के मनोबल को भी उठाता है। उन्होंने यह भी बताया कि वह अपनी भूमिका को "साथी खिलाड़ियों को मार्गदर्शन करना, रणनीति बनाना और फ़ील्ड पर तेज़ निर्णय लेना" समझते हैं।

कुछ खेल विश्लेषकों का मानना है कि जडेजा का बारीकी से पढ़ा गया फ़ील्ड प्लेसमेंट और बॉलिंग प्लान टीम के लिए बहुत लाभदायक होगा। उनका 2022 में श्रीलंका के खिलाफ 175* का इतिहास अभी भी यादगार है – यह स्कोर निचले क्रमांक के बॅट्समैन के लिए रिकॉर्ड था, और साथ ही 9/87 की गेंदबाज़ी ने मैच को आसान बना दिया।

टीम में भूमिका और उम्मीदें

शुबमन गिल के साथ साझेदारी का नया अध्याय शुरू होगा। गिल, जो अभी अपनी कप्तानी की स्थिति को पक्का कर रहे हैं, जडेजा को अपने विश्वसनीय सहयोगी के रूप में देखते हैं।"विस़े‑कैप्टन का काम सिर्फ औपचारिक नहीं, यह टीम की तैयारी और मैदान पर रणनीति को सही दिशा देना है," गिल ने कहा। जडेजा की सुविचारित फील्ड सेटिंग और बॉलिंग बदलावों की संभावनाएँ, विशेषकर स्पिन‑बॉल के मिश्रण में, भारत को वेस्ट इन्डीज़ के तेज़ पेसरों के सामने लाभ दे सकती हैं।

वेस्ट इन्डीज़ के मुकाबले में तेज़ पेसिंग और उत्परिवर्तित स्पिन दोनों की जरूरत है, और जडेजा की दो‑पैरा बीएसटी (बैट‑सेकेंड‑टैट) क्षमता इस चुनौती को संभालने में मदद करेगी। उनकी बॉलिंग में बदलते रफ़्तार और बायो-डायनामिक एंगल्स, विशेषकर सिचुएशन में जब मिड‑ऑवर्स में हाफ‑सॉक्ट होते हैं, टीम को जीत की ओर ले जा सकते हैं।

पिछला नेतृत्व अनुभव

जडेजा ने पहले 2008 में मलयेशिया में आयोजित यू‑19 विश्व कप में भारतीय टीम को जीत दिलाने के लिए कप्तान विराट कोहली के साथ वाइस‑कैप्टन के तौर पर काम किया था। इस जीत ने उनका नेतृत्व कौशल प्रदर्शित किया, जो आगे चलकर सीनियर टीम में भी दिखा। 2022 में वेस्ट इन्डीज़ के खिलाफ ODI श्रृंखला में भी उन्हें वाइस‑कैप्टन नियुक्त किया गया था, जिससे प्रबंधन ने उनके खिलाफी फ़ॉर्मेट में भरोसा जताया।

इन बिंदुओं से स्पष्ट है कि जडेजा की नेतृत्व यात्रा धीरे‑धीरे सीनियर टेस्ट में भी विस्तार पा रही है। उनके कोच, गिलराट रचरि ने कहा, "रविंद्र का कप्तान‑घूमने का अनुभव बेजोड़ है – वह हमेशा टीम के अंदर और बाहर दोनों जगह समझदार निर्णय लेता है।"

आगे का रास्ता और संभावित प्रभाव

यह नियुक्ति न केवल जडेजा के करियर में एक माइलस्टोन है, बल्कि भारतीय क्रिकेट की दीर्घकालिक योजना में भी एक संकेत देती है। युवा खिलाड़ियों की वृद्धि के साथ-साथ अनुभवी खिलाड़ियों को जिम्मेदारी देना टीम के संतुलन को बनाए रखता है। अगली महीने मार्च में शुरू होने वाली टेस्ट श्रृंखला में, अगर जडेजा इस भूमिका को सफलतापूर्वक निभा पाते हैं, तो उन्हें भविष्य में लगातार वाइस‑कैप्टन या यहाँ तक कि कप्तान की संभावनाएँ भी मिल सकती हैं।

हालांकि, इस बदलाव में कुछ चुनौतियाँ भी हैं – जल्द‑बाज़ी में रणनीति बदलने और दबाव में सही निर्णय लेने की ज़रूरत। जडेजा ने कहा, "अगर टीम मुझसे भरोसा रखती है, तो मैं पूरी कोशिश करूंगा कि हर परिस्थिति में सही विकल्प चुन सकूँ,"। इस विश्वास को बनाए रखने हेतु उन्होंने कोचिंग स्टाफ और खिलाड़ियों के साथ लगातार संवाद करने का वादा किया।

Frequently Asked Questions

Frequently Asked Questions

रविंद्र जडेजा की वाइस‑कैप्टन बनने की खबर कब सार्वजनिक हुई?

बिड़ी घोषणा 12 मार्च 2025 को बीसीसीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर हुई, लेकिन जडेजा ने खुद इसे पहली बार टीम सूची में "VC" देख कर पाया।

जडेजा को वाइस‑कैप्टन क्यों चुना गया?

मुख्य वाइस‑कैप्टन रिषभ पाँट की चोट के कारण उनकी जगह जडेजा को नियुक्त किया गया। बीसीसीआई ने उनके सर्वांगीण कौशल, पिछले नेतृत्व अनुभव और टीम के लिए भावनात्मक समर्थन को महत्व दिया।

वेस्ट इन्डीज़ के खिलाफ़ टेस्ट श्रृंखला में जडेजा की क्या भूमिका होगी?

उन्हें शुबमन गिल के साथ रणनीतिक चर्चा, फील्ड सेट‑अप, बॉलिंग प्लानिंग और टीम के भीतर मनोबल बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है। उनकी दोनों-हाथी (बॉटम‑ऑर्डर) बैटिंग भी अतिरिक्त शक्ति प्रदान करेगी।

क्या जडेजा भविष्य में भारतीय टीम के कप्तान बन सकते हैं?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वह इस भूमिका में सफलता दिखाते हैं, तो उन्हें भविष्य में लगातार वाइस‑कैप्टन या यहाँ तक कि कप्तान की संभावनाएँ मिल सकती हैं, विशेषकर जब टीम के बुजुर्ग खिलाड़ी धीरे‑धीरे पीछे हटेंगे।

8 टिप्पणि

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    sri surahno

    अक्तूबर 3, 2025 AT 08:18

    चयन प्रक्रिया में छिपी राजनीति का अँधेरा अब उजागर हो रहा है।
    बिड़ी घोषणा के बाद जडेज़ा ने खुद VC देखा, यह सिर्फ भाग्य नहीं बल्कि सत्ता के खेल का परिणाम है।
    बीसीसीआई के उच्चाधिकारियों के बीच गुप्त समझौते की हवा हमेशा रहती है।
    पिछले कुछ महीनों में कई चयन में अप्रकाशित मापदंडों का प्रयोग हुआ।
    रिषभ पाँट की चोट को लेकर अधिकारियों ने त्वरित बछाव किया, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि जडेज़ा को सबसे योग्य माना गया।
    अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के छद्म-नियामक अक्सर राष्ट्रीय टीमों को अपनी पसंद के अनुसार ढालते हैं।
    इस मामले में भी संभव है कि चयन समिति ने जडेज़ा को राजनीतिक समर्थन के बदले में रखा।
    जडेज़ा का सर्वांगीण योगदान सराहनीय है, परन्तु वह एकमात्र विकल्प नहीं था।
    कई युवा खिलाड़ियों ने भी इस अवसर के लिये खुद को तैयार किया था।
    बीसीसीआई द्वारा सार्वजनिक नहीं किए गये मापदंडों में विशिष्ट क्लबों के प्रभाव का संकेत मिला है।
    ऐसा नहीं कहा जा रहा कि जडेज़ा अनिच्छा से इस पद को ले रहा है, परंतु वह इस प्रक्रिया की पारदर्शिता से अछूत है।
    इस तरह की गुप्त समझौता कुशलता को कम करके दिखाती है।
    यदि चयन में वास्तविक योग्यता को प्राथमिकता दी जाती, तो टीम की ताकत और भी स्थिर होती।
    आशा है कि भविष्य में चयन समिति से स्पष्ट कारणों की व्याख्या मिलेगी।
    तभी भारतीय क्रिकेट जगत को सच्ची प्रगति का मार्ग मिलेगा।

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    Varun Kumar

    अक्तूबर 9, 2025 AT 03:12

    देश के लिए सबसे योग्य खिलाड़ी को मौका मिलना चाहिए, न कि राजनैतिक दांव पर खेला जाना चाहिए।

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    Madhu Murthi

    अक्तूबर 14, 2025 AT 22:05

    जडेज़ा की बहु‑भूमिका हमें टीम की गहराई दिखाती है 😊 लेकिन क्या यह पर्याप्त है कि वह पैन्ट की जगह ले सके? 🤔

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    Amrinder Kahlon

    अक्तूबर 20, 2025 AT 16:58

    अरे यार, जैसे ही कोई नाम सुनते ही सब तारीफ़‑भरी बातें करने लगते हैं, असली बात तो फील्ड सेट‑अप में ही छुपी होती है।

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    Abhay patil

    अक्तूबर 26, 2025 AT 11:52

    भाई लोगो, जडेज़ा का अनुभव टीम को स्थिरता देगा, बस हमें उनके साथ तालमेल बनाकर ही जीत की राह पर चलना है।

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    Neha xo

    नवंबर 1, 2025 AT 06:45

    सही कहा, अनुभव के साथ साथ टीम को नई ऊर्जा चाहिए, इसलिए हर खिलाड़ी को बराबर मौका देना ज़रूरी है।

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    Purna Chandra

    नवंबर 7, 2025 AT 01:38

    वास्तव में, जडेज़ा के चयन में आंतरिक समीकरणों की जटिलता को समझना आसान नहीं, परन्तु यह स्पष्ट है कि उनकी बहुमुखी प्रतिभा का उपयोग टीम को उल्लासित कर सकता है।

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    Mohamed Rafi Mohamed Ansari

    नवंबर 12, 2025 AT 20:32

    आदरणीय सदस्यगण, यदि हम जडेज़ा के पिछले प्रदर्शन को देखें तो उनका औसत शतकीय योगदान उल्लेखनीय है; यह विचारणीय है कि इस भूमिका में उनका लाभ अधिकतम कैसे किया जाए।

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