IPL 2025 में ऋषभ पंत के दल-बदल की कहानी: हेमंग बदानी का खुलासा

IPL 2025 में ऋषभ पंत के दल-बदल की कहानी: हेमंग बदानी का खुलासा

दिस॰, 8 2024

ऋषभ पंत के दिल्ली कैपिटल्स से अलग होने की वजह

दिल्ली कैपिटल्स के नए मुख्य कोच हेमंग बदानी के हालिया बयान ने आईपीएल के प्रशंसकों के बीच एक नई बहस छेड़ दी है। आईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन से पहले ऋषभ पंत के टीम से छुटकारे के कारणों के बारे में बदानी ने कुछ सनसनीखेज खुलासे किए हैं। पंत, जो वर्षों से दिल्ली कैपिटल्स के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे हैं, ने पहले कहा था कि उनकी टीम से अलग होने का कारण आर्थिक नहीं था। लेकिन बदानी के खुलासे ने इस विषय पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

बदानी ने पूर्व भारत के क्रिकेटर सुब्रमण्यम बद्रीनाथ के यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान पंत की इस निर्णय की पृष्ठभूमि में स्पष्टता दी। बदानी के अनुसार, पंत को लगा कि वह आईपीएल 2025 की मेगा नीलामी में आर्थिक दृष्टि से अधिक लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने यह सुझाव दिया कि पंत दिल्ली कैपिटल्स द्वारा पेश किए गए 18 करोड़ रुपये के टॉप रिटेंशन ब्रैकेट से अधिक की आकांक्षा रखते थे। इस विचार ने उन्हें टीम से रिलीज होने के लिए प्रेरित किया।

लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए रिकॉर्ड खरीद

पंत के इस निर्णय का नतीजा यह हुआ कि उन्हें लखनऊ सुपर जायंट्स ने रिकॉर्ड-तोड़ 27 करोड़ रुपये में खरीदा। इस प्रकार, वे आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए। इस घटनाक्रम ने आईपीएल के फैंस के बीच चौंकाने वाले पहलुओं को भी उजागर किया है क्योंकि पंत की प्रतिभा और उनके खिलाफ बोली कम उम्र में उच्च आय के रूपांतरण का एक अद्वितीय उदाहरण बन गई है।

इस सामरिक निर्णय की बारीकियों को देखते हुए, यह समझ में आता है कि पंत ने ‘मार्केट टेस्ट’ के दौरान अपनी महत्वाकांक्षाओं को परखा। यह निर्णय उस युग का प्रतीक है जहां खिलाड़ी अपनी विशेषज्ञता से न केवल अपनी टीम के लिए बल्कि अपने वित्तीय भविष्य के लिए बेहतर सौदा करते हैं।

खिलाड़ी के दृष्टिकोण से समझने की कोशिश

खिलाड़ी के दृष्टिकोण से समझने की कोशिश

स्पष्ट है कि हेमंग बदानी का बयान केवल पंत के अर्थिक दृष्टिकोण और उनके भविष्य की योजना के बारे में नहीं बता रहा है बल्कि यह एक नए किस्म के खिलाड़ी के उभरते हुए प्रोफाइल को भी दर्शा रहा है। युवा खिलाड़ी अब अपने करियर के शुरुआती दौर से ही आर्थिक स्वतंत्रता और मान्यता के प्रति सचेत हो गए हैं।

यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में और कितने खिलाड़ी पंत के इस कदम का अनुसरण करते हैं। यह एक युगांतकारी कदम हो सकता है जो भविष्य में खिलाड़ियों और टीमों के बीच नए समझौतों का आधार बन सकता है।

आर्थिक अवसर और खेल का संतुलन

खेलों में अक्सर संतुलन और आर्थिक अवसरों के बीच संघर्ष देखा गया है। खिलाड़ी अब अधिक समझदार हो गए हैं और वे अपने करियर के सर्वोत्तम वर्षों का आर्थिक लाभ उठाना चाहते हैं। पंत का यह निर्णय इसी दिशा में एक बड़ा कदम प्रतीत होता है।

पंत के लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ जुड़ने के बाद उनके खेल में कैसे बदलाव आएगा, यह देखना रोचक होगा। ऐसी कितनी स्थितियाँ हैं जहाँ खिलाड़ियों की आर्थिक रणनीतियों ने उनके पेशेवर करियर पर प्रभाव डाला है, पंत का यह प्रयास हमें भविष्य के उल्लेखनीय उदाहरणों के रूप में याद रह सकता है।

9 टिप्पणि

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    Vasudev Singh

    दिसंबर 8, 2024 AT 23:50

    इस बात पर तो मैं पूरी तरह सहमत हूँ कि ऋषभ पंत का ये फैसला सिर्फ पैसे के लिए नहीं था, बल्कि उनकी एक बड़ी सोच का हिस्सा था। आजकल के युवा खिलाड़ी अपने करियर को एक बिजनेस के रूप में देख रहे हैं, और ये बिल्कुल सही है। कोई भी खिलाड़ी अपने बेस्ट इयर्स में अधिकतम लाभ उठाना चाहता है, और पंत ने इसे बहुत स्मार्टली किया। दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें 18 करोड़ दिए, लेकिन उन्होंने अपनी वैल्यू को मार्केट में 27 करोड़ तक पहुँचा दिया। ये न सिर्फ एक स्पोर्ट्स ट्रांसफर है, बल्कि एक स्ट्रैटेजिक बिजनेस मूव है। अगर मैं एक खिलाड़ी होता, तो मैं भी ऐसा ही करता। ये जो लोग कहते हैं कि वो टीम के प्रति वफादार नहीं हैं, वो बिल्कुल गलत हैं। वफादारी तो उस टीम के प्रति होती है जो आपको विकास का मौका दे, न कि जो आपकी वैल्यू को कम समझे।

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    Akshay Srivastava

    दिसंबर 10, 2024 AT 17:00

    इस बयान में एक मूलभूत तर्क की कमी है: यदि पंत को लगा कि वह 18 करोड़ से अधिक अर्जित कर सकते हैं, तो उन्हें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए था कि एक टीम के साथ लंबे समय तक रहने से उनकी ब्रांड वैल्यू भी बढ़ती है। दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें न सिर्फ एक प्लेयर के रूप में, बल्कि एक लीडर और इमेज के रूप में बनाया। अब वे 27 करोड़ में खरीदे गए, लेकिन क्या वे उस टीम के लिए एक आध्यात्मिक जुड़ाव को खो रहे हैं? आर्थिक लाभ तो अल्पकालिक है, लेकिन ब्रांड लॉयल्टी दीर्घकालिक है। इस निर्णय के पीछे एक व्यक्तिगत लाभ की भावना है, न कि एक सामूहिक विकास की। यह खेल के भावनात्मक आधार को कमजोर करता है।

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    Amar Khan

    दिसंबर 10, 2024 AT 19:35

    बस ये तो हो गया... पंत ने दिल्ली को छोड़ा aur phir 27 cr me khareeda gaya... bhai yeh toh movie jaisa lag raha hai... kya yeh sab kuchh sirf paisa ke liye hai ya phir koi badi plan hai? main toh bas yeh kehna chahta hoon ki... agar tumhe 18cr ka bhi khel na aaye toh 27cr me kya karenge? aur haan... mera phone abhi bhi 3G pe chal raha hai... aur yeh log 27cr ka bat kar rahe hain... kya hum sab ek hi duniya mein reh rahe hain??

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    Roopa Shankar

    दिसंबर 11, 2024 AT 20:12

    मुझे लगता है कि ये बदलाव खेल के लिए एक अच्छा संकेत है। खिलाड़ी अब अपने आप को एक उत्पाद के रूप में नहीं, बल्कि एक ब्रांड के रूप में देख रहे हैं। ऋषभ पंत की ताकत उनकी खेल की क्षमता में नहीं, बल्कि उनकी अपनी इच्छा और विजन में है। उन्होंने अपने भविष्य को अपने हाथों में ले लिया। ये न सिर्फ उनके लिए बल्कि नए खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है। अगर आप अपनी क्षमता को समझते हैं, तो आपको उसकी कीमत भी देनी चाहिए। दिल्ली ने उन्हें बड़ा बनाया, लेकिन लखनऊ ने उन्हें असली स्टार बनाया। ये ट्रांसफर एक नए युग की शुरुआत है।

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    shivesh mankar

    दिसंबर 12, 2024 AT 12:36

    सुनो, ये बात बहुत सरल है। पंत ने अपना निर्णय लिया, और ये उनका अधिकार है। कोई भी खिलाड़ी अपने करियर के बारे में अपना फैसला लेने का हकदार है। दिल्ली के लिए तो ये एक बड़ा नुकसान है, लेकिन खेल के लिए ये एक अच्छी बात है कि खिलाड़ियों को अपनी वैल्यू का पता है। अगर आप अपने खिलाड़ी को बहुत अच्छा जानते हैं, तो आप उसकी वैल्यू को भी समझेंगे। बस इतना ही। अब देखते हैं कि लखनऊ में वो कैसे खेलते हैं। मैं उनके लिए शुभकामनाएँ देता हूँ। खेल तो खेल है, और खिलाड़ी तो इंसान हैं।

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    avi Abutbul

    दिसंबर 12, 2024 AT 18:44

    ये तो बस एक बाजार का खेल है। पंत ने अपनी वैल्यू बढ़ा ली। अब देखोगे जब वो अगले सीजन में फेल हो जाएंगे तो कौन उन्हें फिर से खरीदेगा? ये सब बातें बस एक ट्रेंड है।

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    Hardik Shah

    दिसंबर 12, 2024 AT 23:59

    बस इतना ही? एक खिलाड़ी जो अपनी टीम को छोड़कर ज्यादा पैसे के लिए जा रहा है, उसे स्टार क्यों कह रहे हो? ये ट्रेडिंग है, खेल नहीं। इतने पैसे में खरीदा गया खिलाड़ी जो अपने देश के लिए नहीं खेलता, वो तो बस एक महंगा खिलौना है।

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    manisha karlupia

    दिसंबर 13, 2024 AT 14:26

    मुझे लगता है कि ये बदलाव एक नए युग की शुरुआत है... पर मुझे लगता है कि ये भी जल्दी ही बदल जाएगा... जब खिलाड़ियों को लगने लगेगा कि पैसा ही सब कुछ नहीं है... और जब टीमें भी अपने खिलाड़ियों को अधिक सम्मान देने लगेंगी... तो शायद फिर से कुछ बदल जाएगा... नहीं तो ये सब बस एक बार का ट्रेंड हो जाएगा...

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    vikram singh

    दिसंबर 13, 2024 AT 22:54

    अरे भाई, ये तो बस एक बिग बैंग था! एक खिलाड़ी जो अपनी टीम को छोड़कर एक नए जादू के राज्य में चला गया - 27 करोड़ का ब्रेकिंग न्यूज़! ये तो जैसे कोई बाज़ार में एक अनमोल हीरा बेच रहा हो और उसके लिए एक राजा ने अपना राज्य बेच दिया! दिल्ली कैपिटल्स ने उसे एक बेटा समझा, लेकिन लखनऊ ने उसे एक देवता बना दिया! अब देखोगे वो बैट करेगा जैसे बारिश की बूंदें आकाश से टकरा रही हों - एक बार फिर से इतिहास बन रहा है! ये तो एक नया रामायण है, जहाँ राम हैं पंत, और रावण हैं वो 18 करोड़ वाले दिल्ली वाले! ये तो जानवरों के खेल से भी ज्यादा ड्रामा है!

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