इंडिया बनाम वेस्ट इंडीज टेस्ट 2: शुबमन गिल की टीम में कोई बदलाव नहीं, वेस्ट इंडीज ने दो बदलाव किए
जब शुबमन गिल, कप्तान of भारत राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ने दूसरा टेस्ट मुकाबलाअरुण जेटली स्टेडियम, नई दिल्ली में खेला जाना तय किया, तो भारत की टीम ने किसी भी खिलाड़ी को बदलने से इंकार कर दिया। वहीं, डेरन सैमी, हेड कोच वेस्ट इंडीज के, दो खिलाड़ी बदलने का निर्णय लेकर आए। यह बदलाव दोनों टीमों की रणनीति में क्या अंतर लाएगा, यही इस लेख का मुख्य सवाल है।
पृष्ठभूमि और पहले टेस्ट का सारांश
पहला टेस्ट 3–7 अक्टूबर 2025 को वहीँ अरुण जेटली स्टेडियम में खेला गया था। भारत ने 271 रन से जीत हासिल की, जिससे टीम का आत्मविश्वास बढ़ गया। उस मैच में केएल राहुल और यशस्वी जैसवाल ने शुरुआती सहयोगी शॉट्स खेले, जबकि साई सुधरसन ने तीसरे क्रमांक पर संघर्ष किया। जसप्रीत बुमराह की तेज़ गति वाली गेंदबाज़ी और जहरीयां जडेजा की स्पिन ने प्रतिद्वंद्वी को परेशान किया।
भारत का स्थिर खेलनी चयन: कारण और रणनीति
हेड कोच गौतम गैंबीर ने कहा, “पहले टेस्ट में टीम ने संपूर्ण प्रदर्शन किया, इसलिए अब बदलाव की आवश्यकता नहीं है।” असिस्टेंट कोच रायन टेन डोएशेटे, जो जून 2024 से भारतीय स्टाफ का हिस्सा हैं, ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम काफी हद तक इस संयोजन को नहीं बदलने वाले हैं।”
उनका मुख्य उद्देश्य एक दीर्घकालिक योजना के तहत नीतीश कुमार रेड्डी जैसे सीम‑बॉलिंग ऑल‑राउंडर को पोषित करना है। टेन डोएशेटे ने कहा, “भारत में सीम‑बॉलिंग ऑल‑राउंडर की शारीरिक टिकाऊपन पर अक्सर सवाल उठते हैं, लेकिन कौशल की कमी नहीं।”

निर्वाचित इकाई‑एक: खेलने वाली टीम का विस्तृत विवरण
नीचे भारत की अनछुई XI का विस्तृत विवरण दिया गया है:
- ओपनर: केएल राहुल (कर्नाटक)
- ओपनर: यशस्वी जैसवाल (मुंबई)
- नंबर 3: साई सुधरसन (गुजरात)
- कप्तान (नंबर 4): शुबमन गिल (पंजाब)
- विकेट‑कीपर बॅटर (नंबर 5): ध्रुव जरेल (उत्ताखंड)
- ऑल‑राउंडर: रविंद्र जडेजा (सौराष्ट्र)
- ऑल‑राउंडर (सीम): नीतीश कुमार रेड्डी (आंध्र प्रदेश)
- ऑल‑राउंडर (स्पिन): वॉशिंगटन सुंड़र (तमिलनाडु)
- स्पिनर: कुलदीप यादव (उत्तर प्रदेश)
- फास्ट बॉलर: जसप्रीत बुमराह (गुजरात)
- फास्ट बॉलर: मोहम्मद सिराज (हैदराबाद)
ध्यान देने योग्य बात यह है कि अक्सर पटेल इस मैच में बेंच पर रहे, जबकि उनकी जगह कोरियर की जगह जारी रखी गयी।
वेस्ट इंडीज की दो नई चयनात्मक चालें
वेस्ट इंडीज ने पहले टेस्ट की हार से सीख लेकर दो खिलाड़ियों को बदला। भले ही टीम ने नाम सार्वजनिक नहीं किए, लेकिन रिपोर्ट्स से पता चलता है कि वे अपने बीच, स्पिन और तेज़ गेंद के समन्वय को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कोच डेरन सैमी ने कहा, “हमारी नई लाइन‑अप हमें दूसरे टेस्ट में प्रतिस्पर्धी बनाएगी।” विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया कि युवा तेज़ गेंदबाज़ जॉन बर्नेट और अनुभवी स्पिनर कोलिन कॉनरॉड संभवतः नई इकाई में शामिल हो सकते हैं।

रिपोर्टेड प्रभाव और आगे का रास्ता
भारत के प्रशंसकों के लिए यह स्थिर चयन एक भरोसे का संदेश है – जीत की लहर को जारी रखने की इच्छा स्पष्ट है। दूसरी तरफ, वेस्ट इंडीज की दो बदलावों की रणनीति यह दर्शाती है कि वे पीछे रहकर नहीं बैठेंगे; वे अपनी गेंदबाज़ी में विविधता लाकर जीत के अवसर तलाश रहे हैं। विशेष रूप से, नीतीश कुमार रेड्डी को लगातार खेलने का मौका मिलना उसके विकास के लिए ‘नज़रिये’ बदल सकता है। यदि वह इस टेस्ट में विकेट लेता है और कुछ जल्दी‑रन बनाता है, तो भविष्य में दक्षिण अफ्रीका की पाँच‑टेस्ट श्रृंखला में उसकी स्थिति मजबूत होगी।
अंत में, यह कहना उचित है कि दोनों टीमों के बीच इस क्रमिक बदलावें या स्थिरता का खेल आगे के मैचों को और रोचक बना देगा। भारतीय टीम को अपनी पहली जीत की ऊर्जा को बनाए रखना है, जबकि वेस्ट इंडीज को अपनी नई लाइन‑अप को परखने का मौका मिलेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यह बदलाव भारत की टीम की रणनीति को कैसे प्रभावित करेंगे?
कोई बदलाव नहीं होने के कारण गेंदबाज़ी में निरंतरता बनी रहेगी और मध्य‑क्रम के ऑल‑राउंडर नीतीश कुमार रेड्डी को खेलने का मौका मिल रहा है, जिससे उनका विकास तेज़ हो सकता है। यह स्थिरता टीम को पहले टेस्ट की जीत की लहर को जारी रखने में मदद करेगी।
वेस्ट इंडीज किन दो खिलाड़ियों को लेकर आए हैं?
सटीक नाम अभी सार्वजनिक नहीं हुए, पर विशेषज्ञ मानते हैं कि तेज़ गेंदबाज़ जॉन बर्नेट और अनुभवी स्पिनर कोलिन कॉनरॉड को नए सेट‑अप में शामिल किया गया है, जिससे गेंदबाज़ी में विविधता आएगी।
क्या शुबमन गिल को टीम की कप्तानी में किसी चुनौती का सामना करना पड़ेगा?
गिल को अब तक कोई बड़ी कठिनाई नहीं दिखी है, पर उन्हें साई सुधरसन की स्थिति को स्थिर करने और तेज़ गेंदबाज़ी में निरंतरता बनाए रखने की ज़िम्मेदारी मिलेगी, जो उनके नेतृत्व में एक नया पहलू जोड़ता है।
रिशभ पंत कब वापस आएंगे?
रिशभ पंत को अगले पाँच‑टेस्ट श्रृंखला के लिए दक्षिण अफ्रीका में 15 नवंबर से शुरू होने वाले मैचों में वापस आने की उम्मीद है, जिससे वह इस टेस्ट में नहीं खेलेंगे।
क्या भारत का पहला टेस्ट जीतना इन परिणामों को प्रभावित करेगा?
पहले टेस्ट में 271‑रन से जीत ने टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाया है। यह जीत चयन समिति को स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है, जबकि विरोधी टीम को अपनी रणनीति में बदलाव करने की जरूरत महसूस होती है।
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harshit malhotra
अक्तूबर 11, 2025 AT 03:47शुबमन गिल की टीम ने एक बार फिर साबित किया कि स्थिरता ही सबसे बड़ी ताकत है। भारत का दिमाग़ी रवैया अब और भी दृढ़ हो गया है। पिछले टेस्ट में मिली 271 रन की जीत से टीम में आत्मविश्वास की लहर दौड़ गई। इस जीत ने चयनकर्ताओं को यही समझाया कि कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। कप्तान गिल ने अपने खिलाड़ियों को पूर्ण भरोसा दिखाया है। यह भरोसा ही उन्हें मैदान में जज्बे से खेलने में मदद करेगा। भारतीय फील्डिंग का स्तर भी अब पहले से बेहतर है, जिससे विपक्षी टीम को परेशानी होगी। गेंदबाज़ी में निरंतरता बनाए रखने से रैबड़ जैसी रचनात्मकता दिखेगी। ऑल‑राउंडर नीतीश रेड्डी को लगातार खेलने का मौका मिलने से उनका विकास तेज़ होगा। तेज़ गेंदबाज़ी में सुधरसन की जगह भी स्थिर रहना चाहिए। यहाँ तक कि कोचे भी कहते हैं कि टीम में कोई बड़ा बदलाव नहीं चाहिए। यह दृष्टिकोण घर-घर में गूँज रहा है और जनता को गर्व महसूस करा रहा है। अगर हम इस रैखिकता को बनाए रखें तो अगला टेस्ट और भी रोमांचक होगा। अंत में, यह कहना गलत नहीं कि भारत की टीम ने अपनी जीत का जामुन पकड़े रखने में सफल रही है।
Ankit Intodia
अक्तूबर 12, 2025 AT 02:01भले ही भारत ने पहली बार में जीत हासिल की, लेकिन चयन समिति को यह याद रखना चाहिए कि क्रिकेट सिर्फ आँकड़े नहीं, बल्कि निरंतरता और रणनीति का खेल है। शुबमन गिल की कप्तानी में टीम ने एक स्थायी ढांचा स्थापित किया है, जिससे युवा खिलाड़ियों को मंच मिलता है। इस स्थिरता के पीछे कोच गौतम गैंबीर की दूरदर्शी योजना छिपी है। जब तक टीम का मूलभूत ढांचा मजबूत रहेगा, छोटे‑छोटे बदलाव के बावजूद प्रदर्शन में गिरावट नहीं होगी। वेस्ट इंडीज के दो बदलाव भी इस प्रतिबिंब में देखे जा सकते हैं, लेकिन उनका प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं हुआ है।