जब Harshvardhan Rane और Sonam Bajwa ने अपने नए रोमांस Ek Deewane Ki Deewaniyat का पोस्टर देखा, तो उनके फैंस को लगा कि यह दीवाली में ए-रेटेड पिक्चर नहीं होगी। लेकिन 16 अक्टूबर 2025 को Central Board of Film Certification (CBFC) ने तुरंत ‘A’ सर्टिफिकेट जारी कर दिया, जिससे यह 22 साल में पहली बार दीवाली के बड़े पर्दे पर ए-रेटेड रिलीज बन गया। फिल्म का आधिकारिक प्रीमियर 21 अक्टूबर 2025 को मुंबई में हुआ, और यह त्योहारी बाजार में एक अलग धारा लेकर आया।
प्रमाणीकरण के दोरान पूछे गये छः बदलाव
CBFC की परीक्षा समिति ने छह सटीक संशोधनों की माँग की। सबसे पहला था 2 मिनट 12 सेकंड की एक शॉट को फिर से कट करना, जबकि उस शॉट की सटीक सामग्री सूची में नहीं बताई गई थी। दूसरा बदलाव था Mantralaya की 1‑सेकंड की झलक को पूरी तरह हटाना। मौखिक स्तर पर, “sleep with her” वाली लाइन को हटाने का आदेश दिया गया। कथा में दो बार “Raavan” शब्द को “villain” से बदलना अनिवार्य किया गया, और रामायण से जुड़े सभी संवाद को हटाने को कहा गया। अंत में, स्लैंग “maal” को “ladki” से बदलना था, ताकि भाषा अधिक सम्मानजनक रहे।
फ़िल्म की कहानी और कलाकार
निर्देशक Milap Zaveri ने Desi Movies Factory के तहत इस प्रोजेक्ट को संकल्पित किया। कहानी में Harshvardhan Rane द्वारा निभाए गए Vikramaditya एक जुनूनी कलाकार है, जो Sonam Bajwa की फ्री‑स्पिरिटेड अदाकार Adaa से मोहब्बत करता है। शुरूआती रोमांस को “आत्मा की आज़ादी” बताया गया है, पर बाद में Vikram ki जुड़ाव‑भरी असुरक्षा कहानी को दहशत में बदल देती है। IMDb की सारांश के अनुसार, “एक ताकतवर राजनेता एक मजबूत महिला सितारे पर फिदा हो जाता है, और उनका प्यार जल्दी ही घमंड, अभिमान और दिल‑टू‑टूटे में बदल जाता है।” सहायक कलाकारों में Shaad Randhawa, Sachin Khedekar, Ananth Narayan Mahadevan और Rajesh Khera शामिल हैं।
बॉक्स ऑफिस और बाजार प्रतिक्रिया
पहले दिन की अनुमानित कमाई के अनुसार, फिल्म ने लगभग ₹6‑8 करोड़ की कमाई की, जो दीवाली के हाई‑टिकट समय में काफी संतोषजनक कहा जा सकता है। उसी दिन Thamma नाम की एक दूसरी फिल्म भी रिलीज हुई, जिसका मुकाबला “Harshvardhan’s Film Beats Thamma In Footfalls In Morning” शीर्षक वाले रिपोर्ट ने दिया। बॉक्स‑ऑफ़िस आंकड़े अभी भी वृद्धि पर हैं, पर शुरुआती आँकड़े दर्शाते हैं कि ए‑रेटेड फिल्मों की भी दर्शक‑गनतम शर्तें बदल रही हैं, जैसा कि 2023 की “Animal” और 2025 की “Coolie” ने साबित किया।
उद्योग विशेषज्ञों की राय
फ़िल्म विश्लेषक Rajat Sharma ने कहा, “दीवाली के समय परिवार‑उन्मुख फ़िल्मों का दबाव रहता है, पर ‘Ek Deewane Ki Deewaniyat’ ने दिखाया कि सही मार्केटिंग और स्पष्ट दर्शक‑सेगमेंटेशन के साथ ए‑रेटेड फ़िल्में भी बॉक्स‑ऑफ़िस में उतर सकती हैं।” वहीं CBFC के एक प्रवक्ता ने उल्लेख किया कि “सामाजिक संवेदनशीलता की रक्षा के लिए शब्दावली में परिवर्तन ज़रूरी है, पर कंटेंट की रचनात्मक स्वतंत्रता भी संरक्षित रखी जानी चाहिए।” हर्षवर्धन राणे ने स्वयं कहा, “यदि फ़िल्म बुरी नहीं है, तो ‘U/A’ सर्टिफ़िकेट भी उसे बचा नहीं सकता, लेकिन अच्छी फ़िल्म का audience में धूमधड़ाका ज़रूर होता है।”
आगे क्या है? OTT और अंतरराष्ट्रीय संभावनाएँ
फिल्म के लगभग 60 दिन के थियेट्रिकल रन के बाद, प्रोडक्शन हाउज़ Desi Movies Factory ने दिसंबर 2025 में OTT प्लेटफ़ॉर्म पर रिलीज़ करने की योजना जाहीर की है। अभी तक स्ट्रीमिंग पार्टनर तय नहीं हुआ, पर industry insiders का अनुमान है कि Netflix या Amazon Prime जैसी बड़ी प्लेटफ़ॉर्म इस प्रकार के ए‑रेटेड कंटेंट को अपने भारतीय पोर्टल पर जोड़ने में रुचि रख सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो फिल्म को फिर से एक विस्तृत दर्शक वर्ग तक पहुंच मिल सकती है, और उसकी कुल कमाई में उल्लेखनीय इज़ाफ़ा हो सकता है।
घटना सारांश (इवेंट)
Diwali Release of Ek Deewane Ki Deewaniyatमुंबई ने बॉलीवुड में एक नया मापदंड स्थापित किया: त्योहार के समय भी ए‑रेटेड फ़िल्में सफल हो सकती हैं, बशर्ते कंटेंट और प्रचार रणनीति दोनों संतुलित हों।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्यों 'Ek Deewane Ki Deewaniyat' को दीवाली में ए‑रेटिंग मिली?
CBFC ने फिल्म में लैंगिक और धार्मिक संवेदनशीलता को देखते हुए छह स्पष्ट बदलावों की माँग की, जैसे ‘Raavan’ को ‘villain’ से बदलना, और ‘maal’ को ‘ladki’ करना। इन संशोधनों के बाद ही फिल्म को ‘A’ सर्टिफिकेट मिला।
फ़िल्म की शुरुआती बॉक्स‑ऑफ़िस कमाई कितनी रही?
प्रकाशन के अनुसार, प्रथम दिन में फ़िल्म ने लगभग ₹6‑8 करोड़ की कमाई दर्ज की, जो दीवाली के बड़े रिलीज़ माह में एक उल्लेखनीय आंकड़ा माना गया।
क्या फिल्म के बाद की OTT रिलीज़ कब होगी?
फ़िल्म के 60‑दिन के थियेट्रिकल रन के बाद, निर्माता Desi Movies Factory ने घोषणा की है कि दिसंबर 2025 में इसे किसी प्रमुख OTT प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध कराया जाएगा, हालांकि अभी तक प्लेटफ़ॉर्म निश्चित नहीं हुआ है।
'A' सर्टिफ़िकेट होने के बावजूद फ़िल्म की सफलता क्यों सम्भव है?
‘Animal’ (2023) और ‘Coolie’ (2025) जैसी पिछली ए‑रेटेड फिल्में दिखा चुकी हैं कि जब कहानी में आकर्षक तत्व हों और प्रचार सही तरीके से किया जाए, तो ए‑रेटिंग बॉक्स‑ऑफ़िस को बाधित नहीं करती। इस फिल्म की तीव्र रोमांस और स्टार‑पावर ने भी इसे दर्शकों तक पहुँचाने में मदद की।
फिल्म की कहानी में मुख्य थीम क्या है?
यह कहानी जुनून, अधरता और अधिकार के बीच के धुंधले अंतर को खोजती है – जहाँ एक कलाकार का प्यार धीरे‑धीरे अधीनता और पागलपन में बदल जाता है, और अंत में उसे अपने अहंकार का अंजाम झेलना पड़ता है।
Divya Modi
अक्तूबर 22, 2025 AT 20:05CBFC ने ए‑रेटेड फिल्म की सेंसिटिविटी को लेकर जो छह बदलाव मांगे हैं, वो भारतीय सांस्कृतिक कोड और सामाजिक मानदंडों के बीच के जटिल संतुलन को उजागर करते हैं 😊 फिल्म में 'Raavan' को 'villain' से बदलना, भाषा में 'maal' को 'ladki' में परिवर्तित करना-ये सब शब्द‑शक्ति की महत्ता दर्शाते हैं। इसके अलावा शॉट एडिटिंग और धार्मिक दृश्य हटाने की आवश्यकता, कंटेंट को अधिक सार्वभौमिक बनाने का प्रयास है। इस तरह के संशोधन अक्सर फिल्म‑निर्माताओं को रचनात्मक मौड्यूल में लचीलापन दिखाने के लिए प्रेरित करते हैं।
ashish das
अक्तूबर 23, 2025 AT 03:02प्रतिष्ठित CBFC द्वारा प्रस्तुत संशोधनों का विश्लेषण करते हुए, यह स्पष्ट होना चाहिए कि नियामक निकाय का प्राथमिक उद्देश्य सामाजिक सद्भाव व सांस्कृतिक समरसता को संरक्षित रखना है। प्रस्तुत छह बिंदु-जैसे विशिष्ट शॉट का कट एवं धार्मिक प्रतीकों का बहिष्कार-फ़िल्म की कलात्मक अभिव्यक्ति पर सीमित प्रभाव डालते प्रतीत होते हैं, परंतु सार्वजनिक संवेदना के प्रति जिम्मेदारी की पुनः पुष्टि करते हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि 'Raavan' शब्द को 'villain' में परिवर्तित करने की मांग, शब्द चयन के द्वंद्व को उजागर करती है, जो भारतीय महाकाव्यों में गहराई से निहित है। इस संदर्भ में, फ़िल्म निर्माताओं को रचनात्मक स्वतंत्रता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के संतुलन को पुनः स्थापित करने का अवसर प्राप्त होता है। अंततः, ऐसी नियामक प्रक्रिया, यदि पारदर्शी एवं बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित हो, तो भारतीय सिनेमा के भविष्य के लिए लाभप्रद सिद्ध हो सकती है।
vishal jaiswal
अक्तूबर 23, 2025 AT 09:59CBCB के द्वारा निर्धारित इन छह परिवर्तनकारी बिंदुओं को फिल्म की नैरेटिव स्ट्रक्चर के संदर्भ में विश्लेषित किया जा सकता है। शॉट कटिंग, वैधता एवं धार्मिक कंटेंट सेंसिटिविटी, सभी को कंटेंट मॉड्युलॅरिटी फ्रेमवर्क के अंतर्गत पुनः व्यवस्थित किया गया है। 'sleep with her' जैसी लैंग्वेज को हटाना, संवाद के टोन को प्रोफ़ेशनल रेडिक्शन की ओर ले जाता है, जो कंटेंट रेटिंग सिस्टम के साथ संरेखित होता है। इस प्रकार का संशोधन फ़िल्म के इंटेन्सिटी मैट्रिक्स को न्यूनतम रूप से प्रभावित करता है, जबकि दर्शकों की सांस्कृतिक प्रत्याशा को संतुष्ट रखता है।
tej pratap singh
अक्तूबर 23, 2025 AT 16:55देखिए, यह सभी बदलाव सिर्फ़ दिखावे के लिए नहीं हैं; सरकार के पीछे एक गुप्त एजेंडा है जो सार्वजनिक राय को नियंत्रित करना चाहता है।
Chandra Deep
अक्तूबर 23, 2025 AT 23:52भाई, CBFC की ये माँगें फ़िल्म की एस्थेटिक को बिगाड़ तो नहीं सकती, पर अगर सही तरीके से एडजस्ट हो जाएँ तो कहानी में नई ऊर्जा आ सकती है।
Mihir Choudhary
अक्तूबर 24, 2025 AT 06:49वाह! ए‑रेटेड फ़िल्म ने दीवाली में धूम मचा दी 😂
Tusar Nath Mohapatra
अक्तूबर 24, 2025 AT 13:45हँसते रहो, क्योंकि यही तो टॉक्सी का इंधन है-कभी‑कभी ए‑रेटेड फ़िल्में ही तो बॉक्स‑ऑफ़िस को रॉकेट बना देती हैं 😏
Ramalingam Sadasivam Pillai
अक्तूबर 24, 2025 AT 20:42विचार करो, जब कला को सामाजिक नियमों से बाँध दिया जाता है, तो सच्ची अभिव्यक्ति कहाँ रह जाती है? फिल्में तो हमारे मन की दर्पण होती हैं, पर प्रतिबंध उनके प्रतिबिंब को धुंधला कर देते हैं।
Ujala Sharma
अक्तूबर 25, 2025 AT 03:39बहुत ही “बढ़िया” है, बस सर्टिफ़िकेट की जगह गिफ़्ट वॉर चाहिए।
Vishnu Vijay
अक्तूबर 25, 2025 AT 10:35सच्ची बात है, हर फ़िल्म को अपनी आवाज़ मिलनी चाहिए 🎬✨ लेकिन कभी-कभी कुछ सीमाएँ भी ज़रूरी होती हैं, जिससे सबके लिए सम्मान बना रहे।
Aishwarya Raikar
अक्तूबर 25, 2025 AT 17:32अरे, तुम्हें पता नहीं, इन “छह बदलावों” में छिपा है एक बड़ा राज़-असली सैंसर्सिप टो पब्लिक की आँखों में ही है, बाकी सब तो बस दिखावा है! 🙄
Arun Sai
अक्तूबर 26, 2025 AT 00:29किसी ने कहा था कि ए‑रेटेड फ़िल्में केवल नॉइज़ हैं, परन्तु वास्तविक डेटा दर्शाता है कि लक्षित दर्शकों की सहभागिता परिदृश्य को बदल देती है।
Manish kumar
अक्तूबर 26, 2025 AT 07:25बिल्कुल सही बात, आंकड़ों की बात कर रहे हो तो बता दो कि इस फ़िल्म ने पहले दिन में कितनी कलेक्शन कराई, ताकि हम इस ट्रेंड को समझ सकें।
Amit Bamzai
अक्तूबर 26, 2025 AT 14:22फिल्म 'Ek Deewane Ki Deewaniyat' ने बाजार में प्रवेश करते ही एक विविध दर्शक वर्ग को आकर्षित किया। पहले दिन की बॉक्स‑ऑफ़िस रिपोर्ट में लगभग छह से आठ करोड़ रुपये की आय देखी गई। यह आंकड़ा दीवाली के उच्चतम रिलीज़ माह में ए‑रेटेड फ़िल्म के लिए अभूतपूर्व माना जाता है। यदि हम पिछले वर्षों के समान ए‑रेटेड फिल्में जैसे 'Animal' और 'Coolie' को देखें, तो उनकी कमाई इस स्तर तक नहीं पहुंची। मार्केटिंग टीम ने सोशल मीडिया पर कई वायरल ट्रेंड्स शुरू किए, जिसके कारण टिकट बुकिंग में वृद्धि हुई। फ़िल्म के मुख्य कलाकारों की फैन फ़ॉलोइंग भी इस सफलता में महत्वपूर्ण योगदान देती है। साथ ही, फिल्म की संगीत और बैकग्राउंड स्कोर ने दर्शकों का ध्यान खींचा। CBFC द्वारा मांगे गए छह बदलावों को समय पर लागू किया गया, जिससे कोई कानूनी अड़चन नहीं बनी। सेलिब्रिटी प्री‑मियर इवेंट ने भी प्रेस कवरेज को बढ़ाया। ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर रिलीज़ की योजना जल्द ही घोषित की जाएगी, जिससे कुल राजस्व में इज़ाफ़ा होगा। वित्तीय विश्लेषकों ने कहा है कि इस फिल्म की ROI (Return on Investment) औसत से अधिक रहेगी। भले ही ए‑रेटेड होने के कारण कुछ परिवारों ने टिकट नहीं खरीदा, परंतु युवा वर्ग ने बड़ी संख्या में टिकट खरीदी। सोशल मीडिया पर समीक्षा समूह ने भी फिल्म की कहानी और अभिनय को सकारात्मक रूप में सराहा। कुल मिलाकर, इस फिल्म ने दर्शकों को दिखाया कि रेटिंग सिर्फ़ एक लेबल नहीं, बल्कि सही रणनीति से यह एक सफलता का किल्ली बन सकता है। इस प्रकार, 'Ek Deewane Ki Deewaniyat' ने भारतीय सिनेमा में नया मापदंड स्थापित किया और भविष्य में ए‑रेटेड फ़िल्मों के लिए एक मार्ग प्रशस्त किया।
ria hari
अक्तूबर 26, 2025 AT 21:19बहुत बढ़िया विश्लेषण 🙌 अब जब हम देखते हैं कि ए‑रेटेड फ़िल्में भी सफलता पा सकती हैं, तो अगली बार हमें और भी रचनात्मक कंटेंट देखने को मिलेंगे।
Alok Kumar
अक्तूबर 27, 2025 AT 04:15ये सारी 'बॉक्स‑ऑफ़िस टॉक' केवल शोर है, असली मुद्दा है कंटेंट की गुणवत्ता-अगर स्क्रिप्ट उतनी दमदार नहीं, तो रेटिंग कुछ भी हो, फ़िल्म असफल होगी।
Nitin Agarwal
अक्तूबर 27, 2025 AT 11:12सही कहा, लेकिन दर्शकों की विविधता को समझना भी जरूरी है; प्रत्येक वर्ग की अपेक्षा अलग होती है।
Ayan Sarkar
अक्तूबर 27, 2025 AT 18:09सच में, पीछे छुपा बड़ा खेल है-उद्योग के बड़े खिलाड़ी आख़िरकार इन 'फीचर' को अपने लाभ के लिए मोड़ रहे हैं, जबकि आम जनता को सिर्फ़ पर्दे के पीछे की राजनीति दिखती है।