विश्व जनसंख्या दिवस 2024: तिथि, थीम, इतिहास, महत्व, समारोह और उद्धरण

विश्व जनसंख्या दिवस 2024: तिथि, थीम, इतिहास, महत्व, समारोह और उद्धरण

जुल॰, 10 2024

विश्व जनसंख्या दिवस 2024: तिथि, थीम और महत्व

हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य विश्व जनसंख्या से संबंधित मुद्दों के प्रति जागरूकता पैदा करना और उनके समाधान की दिशा में ध्यान केंद्रित करना है। 2024 के लिए इस दिन की थीम 'किसी को पीछे न छोड़ें, सबको गिनें' है, जो समग्र और समावेशी डाटा सिस्टम की आवश्यकता पर जोर देती है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी व्यक्ति, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या सामाजिक स्थिति कैसी भी हो, वे विकास और उत्थान के अवसरों में शामिल हों।

इतिहास और सिंहावलोकन

विश्व जनसंख्या दिवस का आरंभ 1989 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया था जब दुनिया की जनसंख्या ने 5 अरब का आंकड़ा पार कर लिया था। इसे 'फाइव बिलियन डे' के रूप में मनाया गया। इस दिन का उद्देश्य बढ़ते जनसंख्या के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना और उन्हें हल करने के लिए वैश्विक स्तर पर संवाद की शुरुआत करना था।

जनसंख्या वृद्धि: एक गंभीर मुद्दा

ग्लोबल जनसंख्या में निरंतर वृद्धि आज के समय का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या संसाधनों पर दबाव डालती है, जैसे भोजन, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के अवसर। इसलिए, यह जरूरी है कि इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाए और उचित नीतियाँ बनाई जाएं ताकि सबके लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।

प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकार

प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकार

विश्व जनसंख्या दिवस का एक मुख्य उद्देश्य प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं और अधिकारों को सुनिश्चित करना है। यह दिन सभी व्यक्तियों के लिए परिवार नियोजन के साधनों और शिक्षा की उपलब्धता को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही, यह महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के उद्देश्यों को भी पोषित करता है।

महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता

महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता विश्व जनसंख्या दिवस के प्रमुख विषयों में से एक हैं। यह जरूरी है कि महिलाएं स्वयं अपने प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों के बारे में निर्णय लेने में सक्षम हों। इसके लिए उन्हें शिक्षा का समर्थन और उचित स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता है।

समारोह और गतिविधियाँ

विश्व जनसंख्या दिवस को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से मनाया जाता है। इनमें सार्वजनिक जागरूकता अभियानों, सेमिनार, कला और सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वास्थ्य शिविर और युवाओं की भागीदारी शामिल हैं। इन गतिविधियों का उद्देश्य जनसंख्या संबंधित मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनके समाधान की दिशा में सुधार करना है।

डॉ. नतालिया केनेम का वक्तव्य

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की कार्यकारी निदेशक, डॉ. नतालिया केनेम ने इस दिन को एक महत्वपूर्ण अवसर बताया है, जब हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डेटा सिस्टम सभी प्रकार की मानव विविधता को समाहित करे। यह तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब विशेष रूप से कमजोर वर्गों की ओर ध्यान दिया जाए और उन्हें भी विकास के मुख्यधारा में लाया जाए।

प्रसिद्ध उद्धरण

प्रसिद्ध उद्धरण

विश्व जनसंख्या दिवस पर कई प्रमुख हस्तियों के उद्धरण भी सामने आते हैं जो इस मुद्दे को समझने और उस पर काम करने में हमारी मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, थॉमस मॉल्थस, जॉन बोंगार्ट्स, मार्शल मैक्लुहान, फे वाटलटन, एन लैमॉट, बिल गेट्स, बिल ब्रायसन, और नोआम चॉम्स्की के विचार हमें इस दिशा में प्रेरित और जागरूक करते हैं।

अंत में, यह आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि सभी व्यक्ति और वर्ग, चाहे उनकी स्थिति कैसी भी हो, समान अधिकारों और अवसरों के हकदार हैं। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि कोई भी पीछे न छूटे, और प्रत्येक व्यक्ति की गिनती हो।

6 टिप्पणि

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    Shrikant Kakhandaki

    जुलाई 11, 2024 AT 08:01

    ये सब बकवास सुनकर मुझे लगता है कि जनसंख्या गिनने के बजाय हमें लोगों को गायब करना चाहिए। अगर कोई बच्चा पैदा हो गया तो उसका आधार कार्ड नहीं बनेगा? अरे भाई, ये सब डेटा सिस्टम तो अभी भी आधार के बाद भी गलत नंबर दिखाते हैं। कोई गिनती कर रहा है? नहीं, बस फेक रिपोर्ट बना रहा है।

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    bharat varu

    जुलाई 12, 2024 AT 20:03

    असल में ये दिन बहुत महत्वपूर्ण है। हमें अपने परिवार के आकार पर विचार करना चाहिए, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। हर एक बच्चा अनमोल है, और हर एक महिला को अपने निर्णय लेने का अधिकार मिलना चाहिए। जनसंख्या बढ़ना नहीं, बल्कि गुणवत्ता बढ़ाना है। चलो, एक अच्छा भविष्य बनाते हैं!

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    Vijayan Jacob

    जुलाई 13, 2024 AT 06:41

    अरे यार, ये सब थीम्स तो अंग्रेजी में बनाए जाते हैं और हिंदी में उल्टा ट्रांसलेट हो जाते हैं। 'किसी को पीछे न छोड़ें'... तो फिर 2024 में किसी ने तो एक गाँव का बच्चा गिना भी नहीं? ये डेटा तो बिना बिजली वाले इलाकों में गायब हो जाता है। असली समावेशन तो वहाँ होना चाहिए जहाँ जनसंख्या नहीं, बल्कि भूख है।

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    Saachi Sharma

    जुलाई 14, 2024 AT 18:24

    ये थीम तो बहुत अच्छी है, लेकिन जब तक महिलाओं को घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी, तब तक गिनती बस एक शब्द होगी।

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    shubham pawar

    जुलाई 14, 2024 AT 20:53

    मैंने एक बार एक गाँव में जाकर देखा कि एक महिला ने अपने तीन बच्चों को जन्म दिया और उनमें से दो की मौत हो गई। उसके बाद वो बस रोती रही। लेकिन अब उसके लिए कोई स्वास्थ्य शिविर नहीं आया। इसलिए जब तक हम लोगों के दर्द को नहीं सुनेंगे, तब तक ये सारे उद्धरण बस एक बातचीत का ढंग हैं। डॉ. केनेम कहती हैं कि 'कमजोर वर्गों को लाओ'... लेकिन वो कमजोर वर्ग तो अभी भी अपने घर के अंदर बंद हैं। इसलिए मैं सोचता हूँ कि शायद हमें ये दिवस मनाने के बजाय अपने घर के बाहर निकलना चाहिए।

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    Nitin Srivastava

    जुलाई 16, 2024 AT 19:47

    आह, विश्व जनसंख्या दिवस... जैसे एक एक्सपोज़िशन की तरह, जहाँ हम सब अपने अल्ट्रा-कॉन्सेप्ट्स को बाँटते हैं। थॉमस मॉल्थस? बिल गेट्स? नोआम चॉम्स्की? 😏 ये सब लोग तो एक फिलोसोफिकल ग्लोबल स्टैंडअप कॉमेडी के बारे में बात कर रहे हैं। लेकिन जब तक हम अपने गाँव में एक अस्पताल नहीं बना पाएंगे, तब तक ये सारे उद्धरण बस एक फेसबुक पोस्ट के लिए बने हुए एमोजी हैं। 🤷‍♂️

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