भारत-रूस संबंध – क्या नया है?

भारत और रूस के रिश्ते आज के अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में काफी महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशों ने कई क्षेत्र में हाथ मिलाया है – रक्षा, ऊर्जा, आर्थिक सहयोग और विज्ञान‑प्रौद्योगिकी। अगर आप इस टैग पेज पर आए हैं तो आप शायद इन रिश्तों की ताज़ा खबरें, इतिहास और भविष्य की संभावनाओं को देखना चाहते हैं। चलिए, सीधे बात करते हैं कि अभी क्या हो रहा है और आगे क्या उम्मीद की जा सकती है।

रक्षा और सुरक्षा में गहरा तालमेल

रक्षा क्षेत्र में भारत‑रूस का सहयोग सालों से चल रहा है। पिछले कुछ महीनों में भारत ने रूसी निर्मित S‑400 एंटी‑एयरक्राफ्ट सिस्टम के डिलीवरी की प्रगति पर चर्चा की। साथ ही, दोनो देशों ने इंधन‑आधारित टैंक और एंटी‑टैंक मिसाइल के प्रोटोटाइप पर भी काम किया। ये प्रोजेक्ट्स न सिर्फ़ भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाते हैं, बल्कि दोनों देशों को एक-दूसरे के साथ तकनीकी ज्ञान साझा करने का अवसर भी देते हैं।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी सालों में दोनो देशों के बीच संयुक्त एंटी‑साइबर टास्क‑फोर्स बन सकता है, क्योंकि साइबर सुरक्षा अब राष्ट्रीय सुरक्षा का अहम हिस्सा बन गया है। इसलिए, रक्षा‑सहयोग में विविधता लाने की कोशिशें जारी रहेंगी।

व्यापार, ऊर्जा और आर्थिक साझेदारी

रूस से भारत का मुख्य आयात तेल और गैस है। हाल ही में दोनो देशों ने ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए नई LNG आपूर्ति समझौता किया। इस समझौते के तहत भारत 2026 तक रूसी गैस का बड़ा हिस्सा अपने घरेलू उपयोग के लिए ले सकता है, जिससे प्रचलित वैश्विक कीमतों में गिरावट आएगी।

व्यापार में भी विस्तार हो रहा है। 2024‑25 वित्तीय वर्ष में भारत‑रूस द्विपक्षीय वस्तु व्यापार लगभग 10 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। मुख्य रूप से भारतीय खाद्य उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स और IT सेवाएं रूस में निर्यात हो रही हैं, जबकि रूस से धातु, रासायनिक उत्पाद और एयरोस्पेस कंपोनेंट्स भारत में आते हैं।

दोनों देशों ने एक सामूहिक आर्थिक मंच की स्थापना की है, जिसके तहत स्टार्ट‑अप्स और नवाचार कंपनियों को एक-दूसरे के बाजार में प्रवेश आसान बनाने के लिए फाइनेंशियल इंसेंटिव दिया जाएगा। इससे युवाओं को नई नौकरियां मिलेंगी और दोनों अर्थव्यवस्थाएँ विविध होंगी।

संक्षेप में, भारत‑रूस संबंध आज कई लेयर्स पर मजबूत हो रहे हैं – रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और तकनीकी सहयोग। अगर आप इन रिश्तों को फॉलो करना चाहते हैं तो इस टैग पेज पर मिलने वाले लेखों को पढ़ते रहें। हर अपडेट में नई जानकारी और विश्लेषण मिलेगा, जिससे आपको दोनों देशों की आगे की दिशा समझने में मदद मिलेगी।

भारत-रूस संबंध: अमेरिकी दबाव के बीच मॉस्को की खुली तारीफ, तेल और टैरिफ पर तकरार

भारत-रूस संबंध: अमेरिकी दबाव के बीच मॉस्को की खुली तारीफ, तेल और टैरिफ पर तकरार

रूस ने भारत की रणनीतिक स्वायत्तता की सराहना करते हुए कहा कि अमेरिकी दबाव के बावजूद रिश्ते मज़बूत हैं। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और रूसी तेल खरीद को लेकर वॉशिंगटन की नाराज़गी ने तनाव बढ़ाया है। भारत की तेल आपूर्ति का बड़ा हिस्सा अब रूस से आता है, जिससे ऊर्जा सुरक्षा और कूटनीतिक संतुलन दोनों जुड़े हैं।

आगे पढ़ें

श्रेणियाँ: राजनीति

0