सिक्किम विधानसभा चुनाव 2024: मतगणना का सामना
सिक्किम विधानसभा चुनाव 2024 के लिए हो रही मतगणना में इस बार का मुकाबला काफी दिलचस्प है। एसकेएम पार्टी के मुख्यमंत्री पी.एस. तमांग एक बार फिर सत्ता में लौटने की कोशिश में जुटे हुए हैं, जबकि एसडीएफ पार्टी भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के प्रयास में है। 32 सीटों की इस लड़ाई में हर पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
एसकेएम की उम्मीदें और उनके प्रमुख चेहरे
एसकेएम की शुरुआती पांच वर्षों में की गई जनहित योजना और विकास कार्यों पर पूरा भरोसा है। मुख्यमंत्री पी.एस. तमांग दो सीटों—रहेनॉक और सोरेंज-चकुंग—से चुनाव लड़ रहे हैं। खास बात यह है कि उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी राय भी नामची-सिंगिथंग से चुनाव मैदान में हैं। इस बार SKM का अलग ही जोश देखने को मिल रहा है, क्योंकि उन्होंने सक्षम और विविधतापूर्ण उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है।
एसडीएफ और पवन कुमार चामलिंग की रणनीति
पिछले 25 वर्षों तक सिक्किम पर राज करने वाली एसडीएफ पार्टी इस बार भी पूरी तरह से मुकाबले में है। पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन कुमार चामलिंग ने दो सीटों—पोकलॉक-कमरंग और नामचेयबंग—से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, एसडीएफ ने भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया को बारफुंग (बीएल-आरक्षित) से उतारा है, जिससे उनकी लोकप्रियता को फायदा मिल सके। बाईचुंग भूटिया की चुनावी मैदान में उतरने से एसडीएफ को नई उर्जा मिली है।
एसकेएम और बीजेपी का गठबंधन टूटना
याद रहे, इस बार एसकेएम ने बीजेपी के बिना ही अकेले चुनाव लड़ा है। पिछले चुनाव में इन दोनों पार्टियों का गठबंधन था, जो इस बार टूट गया। इससे एसडीएफ को फायदा मिल सकता है, जबकि एसकेएम को अपने दम पर सब कुछ हासिल करना होगा। हालांकि, एसकेएम का मानना है कि उनकी जनहितैषी योजनाओं और पिछले पांच साल के विकास कार्यों की जनता में बढ़ती लोकप्रियता के चलते उन्हें सफलता मिलेगी।
नवीन युवाओं पर एसडीएफ का भरोसा
एसडीएफ इस बार के चुनाव में नए और युवा चेहरों को आगे बढ़ा रही है। अधिकतर सीटों पर उन्होंने युवा उम्मीदवारों को खड़ा किया है। दो बार के सांसद पीडी राय को इस बार लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया गया है। एसडीएफ का मानना है कि नई पीढ़ी की सोच और ऊर्जा पार्टी के लिए फायदेमंद सिद्ध होगी।
चुनावी परिणाम का असर
सिक्किम विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम किसी भी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होंगे। परिणाम इस बात को तय करेगा कि अगले पांच साल किन्हीं नए चेहरों का शासन होगा या पीएस तमांग की अगुवाई में एसकेएम का दबदबा बरकरार रहेगा। मतगणना की प्रक्रिया जारी है, और बहुत जल्द स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि किसकी सरकार बनने वाली है।
निखिल की नजर में
इन चुनावों पर नजर डालते हुए, पता चलता है कि सिक्किम के मतदाताओं के समक्ष केवल राजनीतिज्ञों का नहीं, बल्कि उनके कार्यों का भी मूल्यांकन किया जा रहा है। एसकेएम ने जहां पांच साल के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया है, वहीं एसडीएफ ने भी अपने युवा उम्मीदवारों के माध्यम से एक नई ऊर्जा प्रदर्शित की है। जनमत किस पक्ष में जाएगा, यह तो परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा, लेकिन इतना निश्चित है कि इस बार का मुकाबला कड़ा और रोमांचक है।
suraj rangankar
जून 4, 2024 AT 13:51जीत तो SKM की ही होगी, ये तो पहले से तय है।
Nadeem Ahmad
जून 4, 2024 AT 22:28kunal Dutta
जून 5, 2024 AT 20:33बाईचुंग का ब्रांड वैल्यू तो फुटबॉल स्टेडियम तक सीमित है, विधानसभा में नहीं।
Yogita Bhat
जून 7, 2024 AT 20:32क्या कोई बताएगा कि इनमें से कौन वास्तव में सिक्किम के लिए कुछ करेगा? या फिर ये सब बस एक नाटक है?
Tanya Srivastava
जून 8, 2024 AT 00:16और एसडीएफ ने बाईचुंग को डाला तो लगता है जैसे फुटबॉल टीम को विधानसभा में बैठा दिया। ये लोग असल में क्या समझते हैं? 🤦♀️
Ankur Mittal
जून 9, 2024 AT 07:38Diksha Sharma
जून 9, 2024 AT 21:42अगर तुम्हें लगता है कि ये सिर्फ स्थानीय चुनाव है, तो तुम बहुत बेवकूफ हो।
Akshat goyal
जून 10, 2024 AT 17:55anand verma
जून 12, 2024 AT 06:34Amrit Moghariya
जून 12, 2024 AT 09:26और ये युवाओं का नाम लेकर बनाया गया नया चेहरा? बस एक ट्रेंड है।
shubham gupta
जून 14, 2024 AT 05:14Gajanan Prabhutendolkar
जून 15, 2024 AT 23:17असली जीत तो उन लोगों की है जो ये सब चुनाव बेच रहे हैं।
ashi kapoor
जून 16, 2024 AT 08:29मैंने एक लड़की को देखा जिसने अपने गांव में बिजली के लिए सोलर पैनल लगाए थे... और वो अब एसडीएफ के लिए चुनाव लड़ रही है।
ये तो असली बदलाव है, न कि बस नाम लेना।
मैंने उसकी इंटरव्यू देखी, वो बहुत गंभीर थी।
और फिर देखो एसकेएम के कैंडिडेट्स... ज्यादातर तो पुराने चेहरे ही हैं।
क्या आप जानते हैं कि एक भी नया चेहरा नहीं है? ये तो बस एक राजपरिवार है।
मैं तो बस ये कहना चाहती हूँ कि इस बार नए लोगों को मौका देना चाहिए।
हम बस एक बार फिर उन्हें फिर से चुन रहे हैं।
क्या आपको लगता है कि ये अच्छा है? नहीं।
हमें बदलाव चाहिए।
मैं इस बार एसडीएफ को वोट दूंगी।
Yash Tiwari
जून 17, 2024 AT 02:09एसकेएम के नेतृत्व में तो एक निरंतरता है, जो विकास के नाम पर एक नियंत्रण के रूप में काम करती है।
एसडीएफ का युवा उम्मीदवारों का उपयोग एक नए अंग्रेजी भाषी वर्ग के लिए एक चाल है, जो अपने विश्वासों को नहीं बदलता।
दोनों पार्टियाँ एक ही नियम का पालन करती हैं: जनता को बांधे रखना, न कि उसे सशक्त बनाना।
हम बस एक अधिक बुद्धिमान तरीके से चुनाव लड़ रहे हैं, न कि एक अधिक न्यायसंगत तरीके से।
Mansi Arora
जून 18, 2024 AT 11:26कोई नहीं बता रहा कि ये सब किसके लिए है? लोगों के लिए? या बस अपने नाम के लिए? 🤡
Amit Mitra
जून 18, 2024 AT 21:55sneha arora
जून 20, 2024 AT 10:14Sagar Solanki
जून 20, 2024 AT 21:24असल में तो बीजेपी ने SKM को अपने लिए बनाया था।
अब वो अपने नए गुलाम के लिए एसडीएफ को खींच रहे हैं।
सब कुछ एक नियोजित योजना है।
Siddharth Madan
जून 21, 2024 AT 06:29