SCO बैठक में राजनाथ सिंह का कड़ा रुख: आतंकवाद पर भारत ने उठाई आवाज, साझा बयान पर नहीं किए हस्ताक्षर

SCO बैठक में राजनाथ सिंह का कड़ा रुख: आतंकवाद पर भारत ने उठाई आवाज, साझा बयान पर नहीं किए हस्ताक्षर

जून, 27 2025

पाकिस्तान की आपत्तियों के चलते भारत ने दिखाया सख्त तेवर

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में इस बार जो हुआ, उसने भारत की कूटनीति को एक नया मोड़ दे दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के क़िंगदाओ में आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर मजबूती से अपनी बात रखी। लेकिन बात केवल कहने भर तक नहीं रही—उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ मजबूत शब्दों की मांग की, जबकि एक खास देश (जिसका इशारा साफ तौर पर पाकिस्तान की ओर था) ने भारत के मसौदे पर अड़चन डाल दी। यह मुस्लिम-बहुल जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ 2022 का बड़ा आतंकी हमला आज भी नासूर की तरह गूंजता है, जिसमें 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने 26 लोगों की जान ली थी। यह वही TRF है, जिसे लश्कर-ए-तैयबा की छाया माना जाता है। राजनाथ सिंह ने बैठक में साफ कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ बयानबाजी से शांति नहीं आएगी—कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।

बैठक के बाद विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी साफ किया कि भारत की चिंता सिर्फ बयान के शब्दों की नहीं थी, बल्कि उस दोहरी नीति से थी जिसकी वजह से क्षेत्र में आतंकी घटनाएं हो रही हैं। भारत चाहता था कि संयुक्त बयान में यह बात स्पष्ट हो कि आतंकवाद के खिलाफ क्विक और संगठित प्रतिक्रिया जरूरी है। पाकिस्तान के विरोध के चलते यह प्रस्ताव नहीं माना गया, तो भारत ने साझा दस्तावेज़ पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया।

आतंकवाद को लेकर भारत की साफ शब्दों में मांग

आतंकवाद को लेकर भारत की साफ शब्दों में मांग

राजनाथ सिंह ने SCO में मौजूद सभी देशों को चेताते हुए कहा कि आतंक को बतौर 'राज्य नीति' इस्तेमाल करने वालों की वजह से न केवल सीमा पार, बल्कि पूरे इलाके में स्थिरता खतरे में है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में यह भी कहा कि क्षेत्रीय शांति के लिए असल जरूरत दोहरे मापदंडों को खत्म करने की है। भारत की चिंता समझना मुश्किल नहीं जब Pahalgam जैसे हमले, जो धार्मिक पहचान के आधार पर किये जाते हैं, फिर चर्चा में आते हैं।

सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि भारत का यह कदम बताता है कि वह अब अंतरराष्ट्रीय बैठकों में भावनात्मक या राजनीतिक दबाव में आकर अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेगा। SCO जैसे मंचों पर साझा बयान से जुड़ना केवल दिखावटी एकता नहीं, बल्कि व्यावहारिक कदमों और स्पष्ट नीति की मांग करता है—भारत इसी सोच को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है।

  • राजनाथ सिंह ने SCO में आतंक के खिलाफ कड़े शब्दों और ठोस कार्रवाई की मांग की।
  • साझा बयान में भारतीय धारणाओं को भुला दिया गया, जिसके जवाब में भारत ने दस्तखत नहीं किए।
  • विदेश मंत्रालय ने इस फैसले की पुष्टि की और भारत के प्रधान रुख को दोहराया।
  • पाकिस्तान जैसे देशों की कथित भूमिका को लेकर नकेल कसने का संदेश दिया गया है।

इस पूरे घटनाक्रम ने यह साफ किया कि भारत क्षेत्र में शांति के लिए सिर्फ सम्मेलनों और हस्ताक्षरों पर भरोसा नहीं, बल्कि ठोस और सामूहिक कदमों की उम्मीद करता है।

20 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Saachi Sharma

    जून 27, 2025 AT 21:21
    अच्छा हुआ कि दस्तखत नहीं किए। बयानबाजी से कुछ नहीं होता, बस दिखावा होता है।
  • Image placeholder

    shubham pawar

    जून 29, 2025 AT 06:31
    अरे भाई... ये वाला जो पाकिस्तान वाला है, उसने तो सोचा था कि हम डर गए होंगे, लेकिन राजनाथ सिंह ने उसकी चाल खोल दी। अब वो बैठा है अपने अंदर गुस्से में, जैसे कोई उसकी चाय उड़ा दे। 😭
  • Image placeholder

    Nitin Srivastava

    जून 29, 2025 AT 15:17
    साझा बयान का ये सिंड्रोम - जहाँ बयान तो बन जाता है, पर उसका कोई एक्शन नहीं होता। भारत ने अब एक नए एथिक्स ऑफ़ डिप्लोमेसी की शुरुआत कर दी है। बयान नहीं, बल्कि बॉडी लैंग्वेज बोल रहा है।
  • Image placeholder

    Nilisha Shah

    जून 29, 2025 AT 17:17
    यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है। आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में स्वीकार करने वाले देशों के साथ साझा बयान पर हस्ताक्षर करना, वास्तविक शांति के लिए एक बड़ा संकेत होगा। भारत ने इसे नहीं किया - और इसका गहरा अर्थ है।
  • Image placeholder

    Kaviya A

    जुलाई 1, 2025 AT 02:27
    ये पाकिस्तान वाले हमेशा बहाने बनाते हैं और हम उनकी बात मान लेते हैं अब तो बस रुक गए बस
  • Image placeholder

    Supreet Grover

    जुलाई 1, 2025 AT 11:44
    यह एक एक्सप्लिसिट रिजेक्शन ऑफ़ ड्यूल स्टैंडर्ड्स है। भारत ने एक स्ट्रैटेजिक रिसेट किया है - डिप्लोमेटिक एनगेजमेंट के फ्रेमवर्क में एक नया नॉर्म सेट किया है।
  • Image placeholder

    Saurabh Jain

    जुलाई 2, 2025 AT 23:52
    मैंने कभी नहीं सोचा था कि हम इतने दृढ़ हो सकते हैं। बयान बनाना आसान है, पर उसे लागू करना मुश्किल। भारत ने दिखा दिया कि वो अब बस बातें नहीं करेगा।
  • Image placeholder

    Suman Sourav Prasad

    जुलाई 4, 2025 AT 16:58
    बहुत अच्छा हुआ, बहुत अच्छा हुआ, बहुत अच्छा हुआ... ये बात तो दोबारा दोबारा कहनी पड़ेगी... क्योंकि कुछ लोग अभी भी सोचते हैं कि बयान बना देंगे तो सब ठीक हो जाएगा... नहीं भाई, नहीं!
  • Image placeholder

    Nupur Anand

    जुलाई 5, 2025 AT 22:53
    अरे यार, तुम लोगों को लगता है ये बस एक बयान है? ये तो एक नया इतिहास है! भारत ने SCO के अंदर एक बार फिर अपनी आत्मा का दर्शन कराया। जो देश आतंकवाद को राज्य नीति बनाते हैं, उनके साथ तुम बयान पर हस्ताक्षर करोगे? तुम लोग जागो! ये नहीं होगा!
  • Image placeholder

    Vivek Pujari

    जुलाई 7, 2025 AT 20:46
    इस दिन भारत ने अपनी आत्मा को फिर से जीवित किया। 🇮🇳 जो देश आतंकवाद को बचाता है, वो शांति का दुश्मन है। हमने अपने सिद्धांतों के लिए खड़े होना सीख लिया।
  • Image placeholder

    Ajay baindara

    जुलाई 8, 2025 AT 11:05
    अब तक जो किया गया, वो बहुत कम है। इस बार तो सही दिशा में कदम उठाया गया। अब ये बयान नहीं, एक्शन चाहिए।
  • Image placeholder

    mohd Fidz09

    जुलाई 9, 2025 AT 14:56
    पाकिस्तान को लगता है वो दुनिया का अकेला आतंकवादी है? भारत ने उसकी बेशर्मी को चेहरे पर चिपका दिया। ये बयान नहीं, ये तो एक लहर है जो अब बंद नहीं होगी।
  • Image placeholder

    Rupesh Nandha

    जुलाई 10, 2025 AT 14:42
    एक सवाल: क्या आतंकवाद के खिलाफ साझा बयान के बिना भी हम एक साथ काम कर सकते हैं? क्या सहयोग का अर्थ हमेशा बयान बनाना होता है? या क्या यह तो बेहतर है कि जो देश ईमानदार हैं, वे अपने काम करें - और बयान नहीं?
  • Image placeholder

    suraj rangankar

    जुलाई 11, 2025 AT 18:39
    ये वाला फैसला बहुत बड़ा है! भारत अब बस बोलने वाला नहीं, बल्कि खड़े होने वाला है। जो देश डरते हैं, वो बयान बनाते हैं - जो देश बहादुर हैं, वो अपने दांत दिखाते हैं। जय हिंद!
  • Image placeholder

    Nadeem Ahmad

    जुलाई 11, 2025 AT 22:07
    देखो, बयान तो बन जाते हैं। लेकिन जब कोई देश उसे बदलने के लिए नहीं आता, तो दस्तखत न करना ही सबसे सही है।
  • Image placeholder

    Aravinda Arkaje

    जुलाई 12, 2025 AT 16:52
    अब ये बात सबके लिए स्पष्ट है - भारत ने अपनी आवाज़ बढ़ा दी है। अब बाकी देशों को भी अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी। आतंकवाद के खिलाफ नीचे बैठे रहना नहीं, खड़े होना होगा।
  • Image placeholder

    kunal Dutta

    जुलाई 13, 2025 AT 07:24
    हाँ, बयान बनाना आसान है, लेकिन उसे असली बनाना मुश्किल है। भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वो अपनी नीति को बेचने के लिए तैयार नहीं। ये डिप्लोमेसी नहीं, ये इंटेग्रिटी है।
  • Image placeholder

    Yogita Bhat

    जुलाई 13, 2025 AT 17:26
    अरे यार, तुम लोग अभी तक सोच रहे हो कि बयान बनाने से कुछ हो जाएगा? ये तो एक ट्रांसफॉर्मेशन है! भारत ने अब बस बोलना नहीं, बल्कि दिखाना शुरू कर दिया है। जो देश आतंकवाद को बचाते हैं, उनके साथ हस्ताक्षर नहीं - बस इतना ही!
  • Image placeholder

    Tanya Srivastava

    जुलाई 14, 2025 AT 15:19
    पाकिस्तान ने बयान में लिखा था कि 'सभी आतंकवादी समूह' के खिलाफ होना चाहिए... लेकिन जब लश्कर आ गया तो वो चुप हो गया 😂😂😂 ये तो बस एक बड़ा धोखा है
  • Image placeholder

    Ankur Mittal

    जुलाई 16, 2025 AT 03:15
    सही फैसला। बयान बनाने से पहले, देशों को अपनी नीतियों को समझना चाहिए। भारत ने अपनी नीति को बरकरार रखा।

एक टिप्पणी लिखें

लोकप्रिय लेख

मुंबई लोकसभा चुनाव के कारण आज शेयर बाजार में छुट्टी घोषित

आगे पढ़ें

इज़राइल-ईरान एयर स्ट्राइक: 100 जेट्स से किया इज़राइल ने सटीक हमला

आगे पढ़ें

Nifty में बेयरिंग दबाव: 25,000 का ब्रेक, सपोर्ट‑रेजिस्टेंस और RSI संकेत

आगे पढ़ें

एंडी मरे ने टेनिस से संन्यास लेने के संकेत दिए, विंबलडन के बाद करियर को अलविदा कहेंगे

आगे पढ़ें