न्यूज़ीलैंड बनाम इंग्लैंड 1st टेस्ट: केन विलियमसन की संघर्षपूर्ण पारी और शोएब बशीर की धारदार गेंदबाजी
न्यूज़ीलैंड बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज की रोमांचक शुरुआत
क्राइस्टचर्च के हेग्ले ओवल में बेहद प्रत्याशित टेस्ट श्रृंखला की पहली गेंद फेंकी गई। इंग्लैंड की टीम के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। हरे रंग की पिच और खुले आसमान को देखकर यह निर्णय लिया गया, जिससे कि नई गेंद से तेज़ गेंदबाजों को स्विंग मिल सके। बेन स्टोक्स का मानना था कि पिच बाद में आक्रमणकारियों को मदद दे सकती है और इसलिए पहली पारी में न्यूज़ीलैंड को जल्द आउट करना फायदेमंद होगा।
न्यूज़ीलैंड का शुरुआती प्रदर्शन
न्यूज़ीलैंड की टीम के कप्तान टॉम लैथम ने भी स्वीकार किया कि वह पहले गेंदबाजी ही चुना करते। लेकिन 3-0 से भारत को हाल में हराने के बाद वह आत्मविश्वास से भरे हुए थे। हाग्ले ओवल की पिच पर केन विलियमसन मैदान में उतरे, जो हाल ही में ग्रोइन की चोट से उबरे थे। बारीकी से खेलते हुए उन्होंने 93 रन बनाए और अपने शानदार फॉर्म का परिचय दिया। उनकी लय देखकर लगता है कि चोट के बाद वे अच्छे फॉर्म में लौट आए हैं।
टॉम लैथम के साथ 47 रनों की साझेदारी और उसके बाद ग्लेन फिलिप्स के साथ 41* रनों की साझेदारी, इन दोनों ने न्यूज़ीलैंड को 319/8 तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया। हालांकि टॉम लैथम की शुरुआत अच्छी रही, पर वो उसे बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके। फिलिप्स ने भी अपनी छाप छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इंग्लैंड के गेंदबाजों का प्रदर्शन
दिन के स्टार गेंदबाज रहे इंग्लैंड के शोएब बशीर, जिन्होंने 69 रन देकर न्यूज़ीलैंड के चार खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा। उनकी धारदार गेंदबाजी ने इंग्लैंड को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। इंग्लैंड के लिए जैकब बेथल का यह डेब्यू मैच था। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले बेथल ने गेंद से कुछ खास किया न हो, लेकिन आने वाले दिनों में उन पर नजर जरूर रहेगी।
इंग्लैंड की टीम दूसरी बार लगातार कैलेंडर वर्षों में न्यूज़ीलैंड आई है। पिछली बार की श्रृंखला 1-1 की बराबरी पर रही थी, जिसमें इंग्लैंड को जीत नहीं मिली थी। 2008 के बाद से इंग्लैंड न्यूज़ीलैंड की धरती पर कोई टेस्ट श्रृंखला नहीं जीत पाया है। इस बार की श्रृंखला के साथ क्रो-थॉर्प ट्रॉफी की शुरुआत हो रही है, जो महान खिलाड़ियों मार्टिन क्रो और ग्राहम थॉर्प के नाम पर रखी गई है।
न्यूज़ीलैंड की इस पहले दिन की पारी ने जहां कहीं कमजोरियों को उजागर किया, वहीं इंग्लैंड की टीम को अपनी योजनाओं पर फिर से विचार करने की जरूरत है। शोएब बशीर का प्रदर्शन इंग्लैंड के लिए राहत का सबब जरूर है, लेकिन समूची टीम के प्रदर्शन में सुधार की दरकार है।

तीसरे दिन के खेल की उत्सुकता
पहले दिन के रोचक नतीजे से उम्मीद है कि अगले दिन का खेल बेहद दिलचस्प होगा। दोनों टीमें नई रणनीति के साथ मैदान में उतरेंगी। इंग्लैंड की पूरी कोशिश होगी कि वो नए बल्लेबाजों पर दबाव बनाते हुए जल्द ही न्यूज़ीलैंड को ऑल-आउट करें। दूसरी ओर, न्यूज़ीलैंड को अपने बचे हुए विकेट बचाकर इंग्लैंड को बड़ा टार्गेट देना होगा। देखना होगा कि मैच आगे कैसा मोड़ लेता है।
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