कांग्रेस अध्यक्ष मलिकरजुन खड़गे को बेंगलुरु में पेसमेकर सर्जरी, स्थिति स्थिर

कांग्रेस अध्यक्ष मलिकरजुन खड़गे को बेंगलुरु में पेसमेकर सर्जरी, स्थिति स्थिर

अक्तू॰, 4 2025

जब मलिकरजुन खड़गे, अध्यक्ष, ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (AICC) ने पेसमेकर प्रत्यारोपणबेंगलुरु करवाया, तो देश के राजनीति‑परिदृश्य में हलचल मच गई। 83 साल की उम्र में भी वह बिहार के चुनावी दौर में सक्रिय रूप से प्रवास करते हुए साँस की तकलीफ़ और थकान महसूस करने के बाद एमएस रामैया हॉस्पिटल में भरती हुए। प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2025 को सफलतापूर्वक पूरी हुई और 2 अक्टूबर को स्थिर स्थिति में डिसचार्ज कर दिया गया। यह खबर केवल स्वास्थ्य‑सम्बन्धी नहीं, बल्कि राजनैतिक ताने‑बाने को भी प्रभावित करने वाली है।

स्वास्थ्य स्थिति एवं अस्पताल में उपचार

डॉ. अजय शेट्टी, अस्पताल के प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट, ने बताया कि पेसमेकर प्रत्यारोपण एक रूटीन लेकिन संवेदनशील प्रक्रिया है। "समय पर हस्तक्षेप किया गया और कोई जटिलता नहीं दिखाई दी," उन्होंने कहा। रोगी को हल्की एनेस्थीसिया दी गई और 2‑3 घंटे में सर्जरी पूरी हो गई। पोस्ट‑ऑपरेटिव मॉनिटरिंग में खड़गे जी की ह्रदय गति सामान्य रही, और थॉरैसिक फुल्स में कोई असामान्य बदलाव नहीं देखा गया।

सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने उन्हें हल्की दवाइयाँ दीं और अगले दो दिन में पुनः प्रमाणित किया कि पेसमेकर ठीक तरह से काम कर रहा है। कुल मिलाकर, डॉक्टरों ने इसे "छोटी और मामूली" प्रक्रिया के रूप में वर्गीकृत किया, जो वृद्ध वैद्यकीय मामलों में अक्सर देखी जाती है।

परिवार व पार्टी की प्रतिक्रिया

खड़गे के बेटे प्रियंक खड़गे, कर्नाटक ग्रामीण विकास एवं पञ्चायत राज तथा आईटी‑बीटी मंत्री, कर्नाटक सरकार ने ट्विटर पर लिखते हुए कहा: "छोटी प्रक्रिया रही और वह अब स्थिर हैं। 3 अक्टूबर से फिर काम पर लौटेंगे। सभी की दुआओं के लिए धन्यवाद।" इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि खड़गे जी ने सभी शुभकामनाओं के लिए आभारी रह कर शीघ्र ही अपनी सामान्य कार्यसूची फिर से शुरू करेंगे।

अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में खड़गे जी ने लिखा: "मैं सभी कांग्रेस सहकर्मियों और समर्थकों का धन्यवाद करता हूँ। जल्द ही मैं अपने कार्यों में वापसी करूँगा।" यह संदेश उनके अनुयायियों को आश्वस्त करने के साथ‑साथ राजनैतिक माहौल को भी स्थिर रखने का काम कर रहा है।

राजनीतिक नेताओं का समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत सरकार ने व्यक्तिगत रूप से खड़गे जी को फोन किया और सेहत की दुआ मांगी। उन्होंने अपना ट्वीट भी किया: "खड़गे जी से बात की, स्वास्थ्य की जांच की और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।" यह पार‑पार्टी समर्थन आज के राजनीतिक माहोल में काफी उल्लेखनीय माना गया।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने भी अस्पताल का दौरा किया और अपनी शुभकामनाएं प्रकट कीं। इसी प्रकार गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बताया, "हमारे नेता की हालत स्थिर है और वह सुबह‑सुबह ठीक हो रहे हैं।" इस तरह सभी स्तरों पर समर्थन मिलने से तरंगें धीरे‑धीरे शांत हो रही हैं।

भविष्य की कार्यसूची और डॉक्टरों की सलाह

डॉक्टरों ने खड़गे जी को कम से कम दो हफ्ते आराम करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, "बड़े निर्वाचन क्षेत्रों में दौड़‑दौड़ कर यात्रा करना और लगातार सार्वजनिक सभा करना ह्रदय पर अतिरिक्त बोझ डाल सकता है, इसलिए शुरुआती हफ्तों में मीटिंग्स को सीमित रखना बेहतर रहेगा।" फिर भी, खड़गे जी ने 3 अक्टूबर से अपने चुने हुए कार्यक्रमों को फिर से शुरू करने का इरादा जताया है।

इस दौरान कांग्रेस पार्टी ने कहा कि खड़गे जी के स्वास्थ्य को लेकर कोई भी समायोजन किया जाएगा, और वह अपने सदस्यों को प्रेरित करने के लिए जल्द ही एक सार्वजनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेंगे।

विस्तृत पृष्ठभूमि: वरिष्ठ नेता और स्वास्थ्य जोखिम

भारी आयु में भी सक्रिय राजनीति करने वाले वरिष्ठ नेताओं के स्वास्थ्य जोखिम अक्सर नजरअंदाज़ हो जाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पार्टी के बड़े नेता और 70‑80 साल की उम्र के कई कर्मियों को समान स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतिहास में, कई बार वरिष्ठ नेता अस्पताल में भर्ती होते हुए भी अनगिनत सभाओं को जारी रखने की कोशिश करते रहे हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य और बिगड़ जाता है। खड़गे जी का मामला इस प्रवृत्ति को दर्शाता है—एक समय जब वह बिहार के चुनावी मोर्चे पर थककर आए, तो उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी पड़ी।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वार्षिक कार्डियो‑सर्जिकल जांच, नियमित व्यायाम और तनाव‑प्रबंधन वरिष्ठ राजनेताओं के लिए अनिवार्य हो जाना चाहिए। "ऐसे मामलों में समय पर पेसमेकर जैसे उपकरण लगवाना जीवन बचा सकते हैं," कार्डियोलॉजी प्रोफेसर रवीश कुमार ने कहा। यह बात अब सभी राजनीतिक दलों के स्वास्थ्य‑नीति बनाने में मददगार सिद्ध हो सकती है।

Frequently Asked Questions

Frequently Asked Questions

खड़गे जी की सर्जरी का मुख्य कारण क्या था?

बिहार के चुनावी दौरे के बाद खड़गे जी को साँस की तकलीफ़ और थकान हुई, जिससे कार्डियोलॉजिस्ट ने पेसमेकर प्रत्यारोपण की सलाह दी। यह प्रक्रिया ह्रदय की रिद्म को स्थिर करने के लिए की गई।

क्या इस सर्जरी से उनकी राजनीतिक गतिविधियों पर कोई असर पड़ेगा?

डॉक्टरों ने कहा है कि दो हफ्ते आराम के बाद खड़गे जी सामान्य रूप से कार्य कर सकते हैं। उन्होंने 3 अक्टूबर से अपने शेड्यूल को फिर से शुरु करने का इरादा जताया है, पर थोड़े समय के लिए सार्वजनिक सभाओं को सीमित रखेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी की इस मामले में दखल अजीब क्यों लग रही है?

भारत में अक्सर विपक्षी नेताओं को भी व्यक्तिगत रूप से स्वास्थ्य की शुभकामनाएँ देने की प्रथा रही है। मोदी जी ने व्यक्तिगत फोन कॉल और ट्वीट के ज़रिए इस सहानुभूति को दिखाया, जिससे पार‑पार्टी मानवीय संबंधों पर ज़ोर मिला।

बेंगलुरु के इस अस्पताल का पेसमेकर सर्जरी में क्या रिकॉर्ड है?

एमएस रामैया हॉस्पिटल ने पिछले पाँच वर्षों में 200 से अधिक पेसमेकर प्रत्यारोपण किए हैं, जिनमें से 98% सफल रहे हैं। इस मामले में भी डॉक्टरों ने इसे एक नियमित, गैर‑आपातकालीन प्रक्रिया बताया।

भविष्य में वरिष्ठ राजनेताओं के स्वास्थ्य की देखरेख कैसे बेहतर हो सकती है?

विशेष विशेषज्ञ टीमों का गठन, नियमित कार्डियो‑स्कैन और तनाव‑मुक्त नीतियों को लागू करना आवश्यक माना जा रहा है। इससे वरिष्ठ नेताओं को निरंतर सार्वजनिक कार्य करने में स्वास्थ्य संबंधी जोखिम कम हो सकता है।

10 टिप्पणि

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    Ashish Kumar

    अक्तूबर 4, 2025 AT 18:52

    भाई, इस उम्र में भी राजनीति की दौड़ ना कोई मामुली बात है। दिल के बगैर पेसमेकर नहीं लगवाते, वो भी बेंगलुरु के हाई‑टेक अस्पताल में। डॉक्टरों ने कहा कि प्रक्रिया "छोटी और मामूली" है, पर वरिष्ठ नेता का दिल भी आसान नहीं होता। अब खड़गे जी फिर से चुनावी मंच पर लौटेंगे, यह हमारे लिये एक प्रेरणा है।

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    Pinki Bhatia

    अक्तूबर 9, 2025 AT 09:59

    खड़गे जी की तेजी से ठीक हो रही खबर सुनकर बहुत दिल को शांति मिली। हम सभी को उनका जल्द ही फिर से सक्रिय देखना चाहिए। स्वास्थ्य संबंधी इस कठिन समय में सभी की दुआएँ साथ हैं।

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    NARESH KUMAR

    अक्तूबर 14, 2025 AT 01:05

    सभी को नमस्ते 👋, खडगे जी की ठीक होने की खबर ने मेरे दिल को छू लिया। सच्ची मदद तब दिखती है जब हम एक-दूसरे को सहारा देते हैं। इस सकारात्मक ऊर्जा को हम सब मिलकर आगे बढ़ाते रहें। 😊

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    Purna Chandra

    अक्तूबर 18, 2025 AT 16:12

    इस प्रकार के स्वास्थ्य मामलों में वरिष्ठ राजनेता अक्सर मौन रह जाते हैं, जबकि उनके स्वास्थ्य का प्रत्यक्ष प्रभाव राष्ट्रीय नीति पर पड़ता है।
    पेसमेकर प्रत्यारोपण को केवल तकनीकी प्रक्रिया मानना एक बड़ी त्रुटि है, क्योंकि यह जीवन की निरंतरता को सुनिश्चित करता है।
    खड़गे जी की उम्र को देखते हुए, इस सर्जरी को एक रणनीतिक कदम के रूप में देखना चाहिए, न कि एक आकस्मिक हस्तक्षेप।
    राजनीतिक मंच पर उनका सक्रिय रहना जनता को यह संदेश देता है कि आयु कोई बाधा नहीं, बल्कि अनुभव का सरोबार है।
    फिर भी, यह बात अनदेखी नहीं रह सकती कि निरंतर यात्रा और सार्वजनिक सभा हृदय पर अतिभार डालती है।
    डॉक्टरों की सलाह के बावजूद, कई वरिष्ठ नेता जल्दबाज होते हैं और व्यावहारिक आराम को नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
    ऐसे मामलों में एक व्यवस्थित स्वास्थ्य देखभाल योजना होना अनिवार्य हो जाता है, जिसमें नियमित कार्डियो जाँच शामिल हो।
    साथ ही, राजनीतिक दलों को अपने वरिष्ठ सदस्यों के लिये विशेष स्वास्थ्य बफर प्रदान करना चाहिए।
    यह बफर न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक तनाव को भी घटाने में सहायक होगा।
    बेंगलुरु का एमएस रामैया हॉस्पिटल इस प्रकार के कार्यों में सक्षम है, जैसा कि इसके पिछले पाँच वर्षों के आँकड़े दिखाते हैं।
    200 से अधिक पेसमेकर प्रत्यारोपण की सफलता दर ने इसे एक भरोसेमंद विकल्प बना दिया है।
    भविष्य में, वरिष्ठ राजनेताओं के लिये एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य निगरानी परिषद बनाना उचित रहेगा।
    यह परिषद न केवल रोकथाम बल्कि समय पर उपचार की दिशा में कार्य कर सकती है।
    ऐसे पहल से स्वास्थ्य खर्च भी नियंत्रित रहेगा और सार्वजनिक सेवा की निरंतरता भी बनी रहेगी।
    अंत में, यह उल्लेखनीय है कि खड़गे जी ने जल्द ही कार्यभार संभालने की ठान ली है, जो एक सकारात्मक संकेत है।

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    Mohamed Rafi Mohamed Ansari

    अक्तूबर 23, 2025 AT 07:19

    खड़गे जी की चिकित्सा प्रक्रिया की सफलता पर बधाई, यह स्पष्ट संकेत है कि हमारे अस्पताल की क्षमता विश्वसनीय है। आशा है यह उदाहरण अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी समय पर स्वास्थ्य देखभाल की ओर प्रेरित करेगा।

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    अभिषेख भदौरिया

    अक्तूबर 27, 2025 AT 22:25

    जीवन की अनिश्चितता में स्वास्थ्य ही एकमात्र स्थायी स्तम्भ है, और वरिष्ठ राजनेता भी इस सत्य से अछूते नहीं। पेसमेकर जैसी तकनीकें न केवल व्यक्तिगत जीवन को सुरक्षित करती हैं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों को भी धारदार बनाती हैं। इस प्रकार की सावधानीपूर्ण देखभाल को सभी को अपनाना चाहिए, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर स्थिरता बनी रहे।

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    Nathan Ryu

    नवंबर 1, 2025 AT 13:32

    भविष्य में सभी वरिष्ठ नेताओं के लिये नियमित जांच अनिवार्य होनी चाहिए।

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    Atul Zalavadiya

    नवंबर 6, 2025 AT 04:39

    तकनीकी रूप से पेसमेकर प्रत्यारोपण एक स्थापित प्रक्रिया है, परंतु इसके बाद का पुनर्वास भी उतना ही महत्वपूर्ण है। डॉक्टरों की सलाह के अनुसार दो हफ़्ते का विश्राम आवश्यक है, अन्यथा हृदय पर अतिरिक्त दबाव पैदा हो सकता है। इस संदर्भ में, पार्टी की कार्यवाहियों को समायोजित करना विवेकपूर्ण कदम होगा। अतः, स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन राजनैतिक प्रभावशीलता को भी बढ़ाता है।

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    Amol Rane

    नवंबर 10, 2025 AT 19:45

    सैद्धांतिक रूप से, यदि हम वरिष्ठ नेता के स्वास्थ्य को एक प्रासंगिक संसाधन मानें, तो उनका समयबद्ध आराम स्वाभाविक रूप से आवश्यक है। यह तर्क न केवल व्यावहारिक है बल्कि नैतिक भी, क्योंकि सार्वजनिक सेवा के भार को संतुलित करने के लिये व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना चाहिए।

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    Venkatesh nayak

    नवंबर 15, 2025 AT 10:52

    इसी प्रकार की स्वास्थ्य सावधानियां व्यावहारिक रूप से राजनीति में स्थिरता लाती हैं 😊। वरिष्ठ नेता का स्वास्थ्य बेहतर हो तो उनका निर्णय-शक्ति भी दृढ़ बनती है। इसलिए सभी पक्षों को इस दिशा में सहयोग करना चाहिए।

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