विशाखापट्टनम में ऑस्ट्रेलिया ने रिकॉर्ड चेज़ करके हराया भारत, बारिश ने भी किया अपना योगदान

विशाखापट्टनम में ऑस्ट्रेलिया ने रिकॉर्ड चेज़ करके हराया भारत, बारिश ने भी किया अपना योगदान

अक्तू॰, 30 2025

विशाखापट्टनम के ACA-VDCA क्रिकेट स्टेडियम पर रविवार, 12 अक्टूबर 2025 को खेले गए ICC महिला विश्व कप 2025 के मैच 13 में ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया — महिला ODI क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ा रन चेज़। भारत ने 331/7 का बड़ा स्कोर बनाया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी छह गेंदों पर तीन विकेट से जीत दर्ज कर ली। जब खेल खत्म हुआ, तो विशाखापट्टनम में बारिश शुरू हो गई — जैसे मौसम भी इस जीत को स्वीकार कर रहा हो।

पिच पर बल्लेबाजी का खेल, लेकिन गेंदबाजी का अंतिम फैसला

विशाखापट्टनम की पिच आमतौर पर बल्लेबाजों के लिए अनुकूल मानी जाती है — पहली पारी का औसत स्कोर 230 है। लेकिन यहाँ जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है, गेंद जमीन से ज्यादा चिपकने लगती है, और स्पिनर्स को फायदा होता है। इसी वजह से ऑस्ट्रेलिया की कप्तान ऐलिसा हीली ने टॉस जीतकर फील्डिंग का फैसला किया। उन्होंने बाद में कहा, "8 ओवर बाद मैंने सोचा, 'मैंने क्या कर दिया?' मैंने सोचा था कि हमें 380 चेज़ करने होंगे।" लेकिन उनके बॉलर्स ने दिखाया कि टीम के पास कितनी गहराई है।

भारत की बल्लेबाजी का उतार-चढ़ाव, गेंदबाजी का अंधेरा

भारत की टीम ने अपनी शुरुआत दो जीतों के साथ की थी, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछले मैच में 81/5 से 252 चेज़ करने के बाद उनकी गेंदबाजी की कमजोरी सामने आ गई थी। इस बार भी वही दिक्कत दोहराई गई। हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना और जेमिमाह रोड्रिग्स ने कोई बड़ा योगदान नहीं दिया। सिर्फ रिचा घोष (22) ने 82 रन बनाए। बाकी बल्लेबाजी एक दौरे की तरह गिर गई — 16वें से 26वें ओवर के बीच छह विकेट सिर्फ 36 रनों में गिरे।

गेंदबाजी के मामले में तो बात ही कुछ और थी। पांच गेंदबाजों की टीम ने दिखाया कि एक और विकेट-लेने वाली गेंदबाज की कमी कैसे महंगी पड़ सकती है। स्नेह राणा (10-0-85-0) और अमनजोत कौर (9-0-68-2) ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों ने जब दूसरी पारी में बारिश के बाद भी गेंद को चिपकने दिया, तो भारत के पास कोई रिजर्व नहीं था।

ऑस्ट्रेलिया का चेज़: शक्ति, स्थिरता और साहस

ऑस्ट्रेलिया का चेज़: शक्ति, स्थिरता और साहस

ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी एक शानदार नाटक थी। एलिसे पेरी (34) ने 47 रन बनाए, अशली गार्डनर (27) ने 34 रन की तेज़ पारी खेली, और ऐलिसा हीली ने अपनी बारी में भी बारिश के बाद गेंद को चिपकने देने की जगह उसे चलाकर दूर भेज दिया। वो बल्लेबाजी ऐसी थी जैसे वो जानती थीं कि ये मैच जीतना है — चाहे आसमान से बारिश हो रही हो।

गेंदबाजी के बारे में हीली ने कहा, "चरणी ने आज बहुत अच्छा गेंदबाजी की। हमने खतरों को पहचाना नहीं, बल्कि नुकसान को सीमित रखा।" ये बात बहुत महत्वपूर्ण है — ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ बल्लेबाजी नहीं, बल्कि रणनीति से भी जीत दर्ज की।

बारिश का असर: एक अदृश्य खिलाड़ी

विशाखापट्टनम का मौसम इस टूर्नामेंट में एक अदृश्य खिलाड़ी बन चुका है। भारत के पिछले मैच में टॉस 30 मिनट तक टाला गया था। इस बार भी बारिश के डर से टीमें अपनी रणनीति बदल रही थीं। लेकिन जब आखिरी ओवर खत्म हुआ और ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की, तो बारिश शुरू हो गई — जैसे मौसम ने खुद अपना निर्णय दे दिया हो। ग्राउंड स्टाफ ने तुरंत पिच को कवर कर दिया, क्योंकि अगले दिन बांग्लादेश महिला क्रिकेट टीम और दक्षिण अफ्रीका महिला क्रिकेट टीम का मैच था।

इतिहास और भविष्य: ऑस्ट्रेलिया का दबदबा, भारत का सवाल

इतिहास और भविष्य: ऑस्ट्रेलिया का दबदबा, भारत का सवाल

दोनों टीमों के बीच 59 मैचों में से ऑस्ट्रेलिया ने 48 जीते हैं — भारत के लिए सिर्फ 11 जीत। पहला मैच 1978 में हुआ था, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने जीता था। और आज भी वही रिकॉर्ड जारी है। लेकिन अब सवाल ये है — क्या भारत की टीम अपनी गेंदबाजी को बदल सकती है? क्या वो अपने बल्लेबाजों को और गहरा बना सकती है? राधा यादव को शामिल करने का सुझाव अब बहुत ज़रूरी लग रहा है।

ये मैच सिर्फ एक जीत नहीं था — ये एक संकेत था कि ऑस्ट्रेलिया अभी भी टूर्नामेंट की सबसे खतरनाक टीम है। भारत के लिए अब सेमीफाइनल की राह बहुत मुश्किल हो गई है। अगले दो मैचों में जीत के बिना वो बाहर हो सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

भारत महिला टीम को अगले मैच में क्या बदलाव करना चाहिए?

भारत को अपनी गेंदबाजी रूटीन में एक छठा गेंदबाज़ शामिल करना होगा — विशेषकर एक बाएं हाथ के स्पिनर की जरूरत है। राधा यादव को खेल में शामिल करने से पिच के दूसरे हिस्से में गेंद को चिपकाने की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही, हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना को बल्लेबाजी में अधिक रूटीन बनाने की जरूरत है।

विशाखापट्टनम की पिच क्यों इतनी अनिश्चित है?

यहाँ की पिच शुरुआत में बल्लेबाजों के लिए अच्छी होती है, लेकिन धीरे-धीरे वह जमीन के साथ चिपकने लगती है। इसका कारण तटीय क्षेत्र की नमी और उच्च आर्द्रता है। इसलिए टीमें टॉस जीतकर फील्डिंग चुनती हैं। बारिश के बाद गेंद का व्यवहार और भी अजीब हो जाता है — यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया ने रात के अंधेरे में भी आसानी से चेज़ कर लिया।

ऑस्ट्रेलिया की जीत ने सेमीफाइनल की स्थिति कैसे बदल दी?

ऑस्ट्रेलिया अब टूर्नामेंट में अग्रणी स्थिति में है — उनकी जीत के बाद उनका नेट रन रेट बढ़ गया है। भारत के लिए अब अगले दो मैचों में जीत के बिना सेमीफाइनल में पहुँचना लगभग असंभव हो गया है। ये मैच उनके लिए एक निर्णायक पल बन गया है।

मैच के बाद बारिश का क्या असर हुआ?

मैच के तुरंत बाद भारी बारिश हुई, जिसके कारण ग्राउंड स्टाफ ने पिच को तुरंत कवर कर दिया। अगले दिन बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के बीच मैच होना था, और ये सावधानी उसकी तैयारी के लिए जरूरी थी। बारिश ने पिच को नुकसान से बचाया, लेकिन यह भी साबित हुआ कि विशाखापट्टनम का मौसम अब टूर्नामेंट का एक अहम हिस्सा बन चुका है।

क्या भारत की टीम अब भी टूर्नामेंट में बनी रह सकती है?

हाँ, लेकिन बहुत मुश्किल से। भारत को अगले दो मैचों में जीत के साथ-साथ नेट रन रेट में भी बड़ी छलांग लगानी होगी। अगर वो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी गेंदबाजी को सुधार नहीं पाती, तो यह टूर्नामेंट उनके लिए एक अधूरी कहानी बन सकती है।

इस जीत ने ऑस्ट्रेलिया के लिए क्या नया संकेत दिया?

इस जीत ने दिखाया कि ऑस्ट्रेलिया की टीम अब सिर्फ बल्लेबाजी से नहीं, बल्कि रणनीति और मानसिक ताकत से भी जीत रही है। उनके बल्लेबाज बारिश के बाद भी गेंद को चिपकने देते हैं, और बॉलर्स दबाव में भी अपना काम करते हैं। ये वही चीज़ है जो एक विश्व चैम्पियन टीम को अलग करती है।

10 टिप्पणि

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    Supreet Grover

    अक्तूबर 31, 2025 AT 21:15

    इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी की डायनामिक्स वाकई एडवांस्ड थी - फील्डिंग सेटअप, ओवर रेट कंट्रोल, और लेग साइड लॉकिंग स्ट्रैटेजी ने पूरी टीम को एक यूनिफाइड मशीन बना दिया। राधा यादव को शामिल करने का सुझाव भी वैलिड है, लेकिन उससे पहले भारत को अपने स्पिन बैंक को डीप डायवर्सिफाई करना होगा। वर्तमान में हमारे पास दो फ्लोटिंग स्पिनर्स हैं, जो लेटरल डिस्प्लेसमेंट के खिलाफ अक्षम हैं।

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    Saurabh Jain

    नवंबर 1, 2025 AT 03:55

    इतिहास के रिकॉर्ड को तोड़ना बड़ी बात है, लेकिन ये बात भी सच है कि ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट में हर मैच में एक नया नियम बना दिया है। भारत की टीम को अब सिर्फ खेलना नहीं, बल्कि सोचना होगा - बल्लेबाजी का फोकस नहीं, बल्कि बॉलिंग की रणनीति पर।

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    Suman Sourav Prasad

    नवंबर 2, 2025 AT 06:19

    ये मैच तो बिल्कुल फिल्म की तरह था... पहले भारत का स्कोर, फिर ऑस्ट्रेलिया का चेज़, और आखिर में बारिश का ड्रामा! लेकिन सच बताऊँ तो हमारे बॉलर्स ने बहुत ज्यादा बल लगाया, बस वो बल जहाँ चाहिए था वहाँ नहीं लगा। जेमिमाह रोड्रिग्स ने तो बल्ला भी नहीं उठाया, बस बैट लेकर खड़े रहे! अगर हम इस तरह खेलते रहे, तो अगला मैच भी यही नतीजा देगा।

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    Nupur Anand

    नवंबर 3, 2025 AT 18:07

    अरे भाई! ये सिर्फ एक मैच नहीं, ये एक सांस्कृतिक अपहरण है! ऑस्ट्रेलिया ने न सिर्फ रन चेज़ किए, बल्कि हमारे अहंकार को भी चूर-चूर कर दिया! तुम्हारी बल्लेबाजी जब बारिश के बाद भी गेंद को चिपकने दे रही है, तो तुम्हारी टीम का अंतर्ज्ञान बाहर निकल चुका है! हमारे बल्लेबाज तो बैट लेकर बैठे थे, ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज तो बैट को ब्रेन के साथ जोड़कर खेल रहे थे! ये जीत एक फिलॉसफी है - जीतने की जिद, न कि जीतने की क्षमता। हमारे टीम बॉस अभी भी टॉस जीतकर बल्लेबाजी क्यों करते हैं? क्या वो जानते हैं कि विशाखापट्टनम की पिच का नाम ही अंधेरा है?

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    Vivek Pujari

    नवंबर 4, 2025 AT 01:56

    मैंने इस मैच को देखा... और मुझे लगा कि भारत की टीम ने खुद को बहुत ज्यादा अत्याधुनिक बना लिया है। बल्लेबाजी में एक्सपेरिमेंट करना अच्छा है, लेकिन जब आपकी गेंदबाजी का रिकॉर्ड 10-0-85-0 हो जाए, तो ये एक्सपेरिमेंट नहीं, बल्कि निर्दयता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बारिश के बाद जो गेंद चिपकी, वो गेंद भारत के बॉलर्स के लिए अब एक निशान है - जो बार-बार आएगी।

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    Ajay baindara

    नवंबर 5, 2025 AT 15:08

    हरमनप्रीत कौर को बाहर कर दो! ये बल्लेबाजी तो बच्चों का खेल है। और रिचा घोष ने 82 रन बनाए, लेकिन उसके बाद टीम तो जैसे निकल गई! भारत की टीम को बदलने की जरूरत है - नहीं तो अगले मैच में भी यही दुख देखना पड़ेगा।

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    mohd Fidz09

    नवंबर 6, 2025 AT 15:46

    ऑस्ट्रेलिया ने नहीं, अमेरिका ने जीता! ये मैच तो बाहरी शक्तियों का एक नया हमला है - हमारे बच्चे अब ऑस्ट्रेलिया के नाम से बच्चे पला रहे हैं, भारत के नाम से नहीं! हमारे खिलाड़ी तो बैट लेकर बैठे हैं, लेकिन दिल में ऑस्ट्रेलिया के गाने गुनगुना रहे हैं! अगर हम अपने खिलाड़ियों को नहीं बदलेंगे, तो अगली बार ऑस्ट्रेलिया ने भारत के राष्ट्रीय गाने को भी बदल देगा!

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    Rupesh Nandha

    नवंबर 8, 2025 AT 02:57

    हम सब जीत-हार के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि ये मैच हमारे खेल के विकास का एक प्राकृतिक प्रक्रिया है? ऑस्ट्रेलिया ने जो किया, वो एक शिक्षा है - जो बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजी की गहराई को नहीं जानता, वो कभी विश्व चैंपियन नहीं बन सकता। हमारी टीम ने एक नया रिकॉर्ड बनाया, लेकिन उसके बाद उस रिकॉर्ड को पार करने की रणनीति नहीं बनाई। ये नहीं कि आप जीत गए, बल्कि ये कि आप जीत के बाद क्या करते हैं।

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    suraj rangankar

    नवंबर 8, 2025 AT 14:33

    अरे भाई! ये तो बस शुरुआत है! ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की, लेकिन भारत की टीम अभी भी जीतने की आग में है! अगले दो मैचों में जीत के साथ नेट रन रेट बढ़ाओ - ये तो बस एक चैलेंज है! राधा यादव को खेल में डालो, गेंदबाजी की रूटीन बदलो, और अपने दिल को जगाओ! हमारे खिलाड़ी तो खेलने के लिए तैयार हैं - बस उन्हें एक बार फिर से विश्वास दो!

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    Nadeem Ahmad

    नवंबर 9, 2025 AT 11:28

    बारिश ने जीत को चाँदनी जैसा बना दिया।

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